जयपुर. बसपा के 6 विधायक अब कांग्रेस के हो चुके हैं. विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने बसपा के विधायकों के कांग्रेस में विलय को मंजूरी दे दी है. लेकिन जिस तरह से लगातार यह बातें सामने आ रही हैं कि बसपा के विधायकों को कांग्रेस पार्टी में शामिल करते समय कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट को भी नहीं बताया गया, उसे लेकर अब सचिन पायलट नाराज हैं. ये बात कहीं ना कहीं अब सामने भी आती हुई दिखाई दे रही है.
जब पायलट से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मेरे मन में क्या चल रहा है उसे मत देखिए. इसके साथ ही उन्होंने कह दिया कि बसपा के विधायक बिना शर्त कांग्रेस पार्टी में सरकार के काम को देखते हुए और अपने क्षेत्र की जनता के विकास के लिए पार्टी में शामिल हुए हैं. ये बिना लोभ-लालच के हुआ है, जो त्याग की एक विशाल है. अब कोई भी बसपा के विधायकों को इस तरह के आइडिया नहीं दे कि उन्हें मंत्री बनाया जा सकता है.
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वहीं गुरुवार को बैठक में कांग्रेस के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ नेता लक्ष्मण सिंह रावत ने मीटिंग में इस मामले को उठाते हुए कहा कि बसपा के जिन विधायकों को पार्टी में शामिल किया गया है, उनको मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी जानी चाहिए. जिस तरह से पार्टी ने यह नियम बनाया है कि पहली बार चुनकर आए कांग्रेस विधायकों को पद नहीं दिया जाएगा, उसी तरह से बसपा के विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह दी जाती है तो इससे कांग्रेस के विधायकों और संगठन के नेताओं और कार्यकर्ताओं में गलत मैसेज जाएगा.
रावत ने मुख्यमंत्री से कहा कि मेरा आपसे निवेदन है कि बसपा के इन विधायकों को मंत्री नहीं बनाया जाए. वहीं अविनाश पांडे ने कहा कि बसपा के विधायकों को शामिल होने का निर्णय सामूहिक तौर पर लिया गया है और ऐसे निर्णय सबसे पूछ कर ही लिए जाते हैं.