जयपुर. पीसीसी चीफ डोटासरा ने 1 अक्टूबर को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर पर आयोजित कार्यकर्ताओं के स्वागत समारोह को शक्ति-प्रदर्शन का नाम देने की बजाय पार्टी का उनके प्रति प्रेम बताया. हाल ही में डोटासरा ने बतौर प्रदेशाध्यक्ष एक साल का कार्यकाल भी पूरा किया है. ऐसे में जब ईटीवी ने उन्हें इस मौके पर बधाई देते हुए कार्यकाल की उपलब्धि से जुड़ा सवाल किया तो डोटासरा ने कहा कि कोविड के दौर में पार्टी ने सरकार के साथ मिलकर आमजन को राहत दिलाने की पूरी कोशिश की.
इस दौरान पार्टी का उत्साह भी चरम पर रहा और एकजुटता का संदेश देने में पार्टी कामयाब रही है. ये सारी बातें किसी भी नेता के लिये दल के प्रमुख के तौर पर बेहतर उपलब्धियों का हिस्सा है तो और क्या चाहिए. उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान शहरी निकायों से लेकर गांवों में पंचायतों तक के चुनावों में जनता ने कांग्रेस का साथ दिया है. वहीं, बीते उपचुनाव में तीन में से दो सीटें जीतकर पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके नेतृत्व में भरोसे का संदेश दिया है.
मंत्रिमंडल में फेरबदल गहलोत-आलाकमान के हाथ : इस विशेष बातचीत के आखिर में जब गोविंद सिंह डोटासरा से ये पूछा गया कि क्या वे राजस्थान में होने वाले सत्ता के फेरबदल यानि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर लोगों के इंतजार पर कुछ कहना चाहेंगे तो डोटासरा ने कहा कि किसी भी राज्य में सरकार के विस्तार की कवायद मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होती है और इस काम में पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ही फैसले लेता है. ऐसे में फिलहाल ये कहना कि राजस्थान में सत्ता का विस्तार कब होगा, ये उनके क्षेत्राधिकार से जुड़ा सवाल नहीं है. हालांकि, इशारों-इशारों में डोटासरा ये भी बोल गए कि फिलहाल राजस्थान में किसी भी विधायक को इस बात की जल्दबाजी नहीं है.
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उपचुनाव में प्रताप होंगे मुद्दा : राजस्थान में 30 अक्टूबर को वल्लभनगर और धरियावद में होने वाले उपचुनाव को लेकर दोनों ही सीटों पर गोविंद सिंह डोटासरा ने जीत का दावा किया. डोटासरा का कहना है कि उदयपुर जिले की वल्लभ नगर सीट पर कांग्रेस के लिये शक्तावत परिवार ने सदा से नेतृत्व किया है. फिर चाहे बात गुलाब सिंह शक्तावत की हो या उनके साथ रहे गजेंद्र सिंह शक्तावत की. दोनों ही नेताओं ने अपने क्षेत्र में विकास के लिये कोई कसर नहीं छोड़ी है. भारतीय जनता पार्टी के सामने दोनों सीटों को लेकर कांग्रेस की नीति के सवाल पर डोटासरा ने बीते दिनों नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया के बयान का हवाला देकर अपनी बात कही. उन्होंने कहा कि कटारिया ने जिस तरह से महाराणा प्रताप के बलिदान को लेकर सवाल खड़े किये और जिस तरह से बीजेपी के साथ राम का नाम जोड़ा, मेवाड़ के लोग इस बार के चुनाव में इन दोनों इस मसलों पर अपने वोट से बीजेपी को करारा जवाब देंगे.
REET की परीक्षा में सरकार कामयाब : राजस्थान में हाल ही में आयोजित रीट परीक्षा को लेकर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राजस्थान सरकार के प्रयासों के कारण हजारों बेरोजगार युवाओं को नौकरी मिलने वाली है, तो इस कारण से इस परीक्षा का आयोजन भविष्य में 'रीटोत्सव' के नाम से जाना जाएगा. उन्होंने ये भी दावा किया कि ये परीक्षा राजस्थान के इतिहास का सबसे बड़ा इम्तिहान थी और छोटी-मोटी बाधा के बाद हमने इसे पार कर दिया. सवाई माधोपुर के एक सेंटर पर हुई गड़बड़ी की बात को डोटासरा ने स्वीकार करते हुए कहा कि इस मामले में दोषी लोगों पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है. प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब किसी परीक्षा में गड़बड़झाले के दोषियों पर सीधा बर्खास्तगी का फैसला लिया जाएगा. इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद उनकी संलिप्तता की पुष्टि होने पर ये कार्रवाई की जाएगी.
थर्ड ग्रेड के तबादले बड़ी चुनौती : शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि थर्ड ग्रेड अध्यापकों के तबादलों की प्रक्रिया को तैयार करना सरकार के लिये बेहद चुनौतीपूर्ण काम है. जिस तरह से 85 हजार के करीब आवेदन उन्हें प्राप्त हुए हैं, उसके बाद सभी को संतुष्ट करते हुए शिक्षा महकमे में संतुलन बनाये रखना भी आसान काम नहीं है. डोटासरा ने टीएसपी क्षेत्र से होने वाले तबादलों को लेकर कहा कि फिलहाल इस विषय पर खाका तैयार करने का काम जारी है. सरकार सभी के हितों का ध्यान रखकर काम करना चाहती है. उन्होंने नई शिक्षा नीति के अमलीजामे पर भी अपनी राय रखी. नई शिक्षा नीति के विषय पर डोटासरा ने कहा कि ये सब सिर्फ योजनाओं के नाम बदलने का खेल है. उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जो काम राजीव गांधी के दौर में हुआ था, वैसा काम फिलहाल मुश्किल है. इस राह में आर्थिक अड़चन भी काफी रोड़े अटका रही है.