जयपुर. पौष माह शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी रविवार को है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान प्राप्ति और संतान से जुड़ी अन्य समस्याओं के निवारण के लिए रखा जाता है. इसके अलावा इस दिन व्रत करने से धन और आरोग्य की प्राप्ति होती है. इसके लिए यह एकादशी बहुत ही फलदायी रहती है.
ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार, पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 23 जनवरी यानी आज रात 9 बजे से होगा, जिसके बाद अगले दिन रात 11 बजे के मध्य व्रत रखने वाले भक्त को व्रत का पारण कर लेना है. पुत्रदा एकादशी के व्रत की पूजा यदि पति और पत्नी दोनों जोड़े से करें, तो विशेष फल की प्राप्ति होती है. इसके लिए सुबह स्नानादि के बाद घर या मंदिर में भगवान का एक साथ पूजन करें.
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पूजन के दौरान सबसे पहले भगवान के विग्रह को गंगाजल से स्नान कराएं या उस पर गंगाजल के छींटे दें. साथ ही, पवित्रीकरण का मंत्र बोलते हुए खुद पर भी गंगाजल छिड़कें. इसके बाद दीपक जलाकर भगवान को टीका लगाते हुए अक्षत अर्पित करें. फिर व्रत कथा का पाठ करें और विष्णु-लक्ष्मीजी की आरती उतारे. इस दौरान संतान प्राप्ति और संतान की दीर्घायु की कामना के साथ व्रत रखें. इसके बाद अगले दिन पारण के बाद जरूरतमंदों को दान जरूर करें. इससे धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से कई गायों को दान करने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने वाले भगवान विष्णु के साथ ही पीपल के पेड़ की भी पूजा जरूर करें.