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पटवारी हड़ताल खत्म : सरकार ने दिया मांगें मानने का आश्वासन...जानिये पटवारी आंदोलन की कहानी

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Published : Jul 3, 2021, 8:01 PM IST

Updated : Jul 3, 2021, 9:36 PM IST

राजस्थान में लंबे समय से चल रही पटवारियों की हड़ताल शनिवार को खत्म हो गई. इसको लेकर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने बयान जारी किया है. पटवार संघ ने ग्रेड पे 3600 को लेकर मोर्चा खोल रखा था. शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में राजस्थान पटवार संघ की वार्ता हुई और पटवारियों को मांगें मानने का आश्वासन दिया गया.

पटवारी हड़ताल,  पटवारी आंदोलन
पटवारी हड़ताल खत्म

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिले आश्वासन के बाद पटवारियों ने अपनी हड़ताल को आखिरकार खत्म कर दिया है. एक तरफ जहां प्रदेश के पटवारी अनलॉक के बाद फिर से आंदोलन की राह पर आ गए थे, तो वहीं राज्य सरकार भी उनकी मांगों को सिरे से खारिज कर रही थी. लेकिन शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में राजस्थान पटवार संघ की वार्ता हुई और पटवारियों को मांगें मानने का आश्वासन दे दिया गया.

इसके बाद राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने पटवारियों के आंदोलन को खत्म भी करवाया. पटवारियों के लिए नया पद सृजन किया जाएगा. वरिष्ठ पटवारी का पद भी सृजित किया जाएगा. पटवारी के कामकाज में मजबूती भी होगी. इन मांगों पर सहमति बन गई है. इसके अलावा पटवारियों को ड्यूटी भत्ता भी दिया जाएगा.

राजस्व मंत्री हरीश चौधरी का बयान

पढ़ें- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दी थी लोक सेवा की 'गारंटी'...अपने ही गृह जिले में सबसे ज्यादा शिकायतें पेंडिंग

वेतन विसंगति को लेकर राजस्व सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बनाई गई है. सरकार से वार्ता के बाद पटवारियों ने पूर्ण कार्य बहिष्कार का निर्णय वापस ले लिया है. इस दौरान हरीश चौधरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि लंबे समय से चल रही पटवारियों की हड़ताल आज खत्म हो गई है. पटवारियों और सरकार के बीच सहमति भी बन गई है.

हरीश चौधरी ने कहा कि पटवारियों ने हाफ ड्यूटी अलाउंस, नये पद सृजन, वृत्त पटवारी का पद सृजित करने सहित कई मांगें की थीं. मांगों पर सरकार और पटवारियों के बीच में सहमति बन गई है और हड़ताल भी खत्म हो गई है. राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के चलते पटवारियों से वार्ता नहीं हो पा रही थी. आज सरकार और पटवारियों के बीच में वार्ता हुई और यह आंदोलन भी खत्म हुआ.

राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि इसको लेकर मुख्य सचिव और वित्त सचिव को लेकर एक कमेटी भी बनाई गई है और जल्द ही इस पर फैसला भी लिया जाएगा.

राजस्थान पटवार संघ इन मांगों को लेकर कर रहे थे संघर्ष

  1. पटवारी की वेतन विसंगति दूर की जाए. वेतन सुधार के लिए पहले हुए समझौते और पटवारी के कामों की बहुआयामी राजस्व प्रशासनिक और तकनीकी प्रकृति को देखते हुए ग्रेड पे 3600 करते हुए पटवारी पद को तकनीकी अधिसूचित किया जाए.
  2. एसीपी योजना के तहत 9, 18, 27 वर्ष की सेवा अवधि के स्थान पर 7, 14, 21, 28 और 32 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर चयनित वेतनमान का लाभ देते हुए पदोन्नति पद का वेतनमान दिया जाए.
  3. नो वर्क नो पे का आदेश निरस्त कर कोटा संभाग और सवाई माधोपुर के पटवारियों के वेतन का भुगतान किया जाए. संगठन के साथ पहले हुए समझौतों और संगठन की ओर से समय-समय पर भेजे गए ज्ञापन का सकारात्मक निस्तारण किया जाए.

पढ़ें- क्या हेमाराम चौधरी को राजकीय उपक्रम समिति के सभापति के रूप में मनोनीत करने से पूर्व उनकी सहमति ली गई थी: राठौड़

सरकार को दिया था 4 जुलाई तक का अल्टीमेटम

राजस्थान पटवार संघ पिछले 19 महीने से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहा था. 15 जनवरी 2021 से अतिरिक्त पटवार मंडलों का भी बहिष्कार किया हुआ था. जिसके कारण 5 हजार अतिरिक्त पटवार मंडलों में काम पूरी तरह ठप पड़ा था. 15 फरवरी से शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरना भी चल रहा था. जिसे लॉकडाउन के चलते स्थगित कर दिया गया था.

पिछले दिनों हुई एक प्रेस वार्ता के दौरान राजस्थान पटवार संघ (Rajasthan Patwar Association) के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र कुमार निमिवाल ने सरकार से आर-पार की लड़ाई की घोषणा की थी. सरकार को 4 जुलाई तक का अल्टीमेटम भी दिया गया था. राजस्थान पटवार संघ ने सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर 4 जुलाई तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे राजस्थान में पूर्ण कार्य बहिष्कार करेंगे. साथ ही राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग करेंगे.

इस संबंध में 5 जुलाई को खाटू श्यामजी में महासमिति की बैठक करने का निर्णय भी लिया गया था. 2 जुलाई को पटवारियों ने ट्विटर अभियान भी चलाया था. जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राहुल गांधी को भी ट्वीट किए गए थे.

15 फरवरी को निकाली थी विशाल रैली

राजस्थान पटवार संघ के बैनर तले 15 फरवरी को जयपुर में प्रदेश भर के हजारों पटवारियों ने एक विशाल रैली निकाली थी. इस 'पटवारी हक यात्रा' रैली का आगाज अजमेर के राजस्व मंडल कार्यालय से हुआ था. जब यह रैली जयपुर पहुंची तो इसमें प्रदेश के हजारों पटवारी शामिल हुए थे. पटवारियों की यह रैली विधानसभा की तरफ कूच करने वाली थी, लेकिन इसे सहकार सर्किल पर ही रोक दिया गया. यहां पटवारियों की पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई. इसके बाद पटवारियों ने एमआई रोड स्थित शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया था. इसमें प्रदेश के अलग-अलग संभाग के पटवारी लगातार सरकार के खिलाफ आक्रोश जता रहे थे.

अलग-अलग तरह से जताया था विरोध

15 फरवरी से शुरू हुआ पटवारियों का धरना जयपुर के शहीद स्मारक पर काफी लंबे समय तक चला था. इस दौरान पटवारी संघ की सरकार से कई दौर की वार्ता भी हुई. राजस्थान पटवार संघ ने आरोप लगाया था कि सरकार मुख्य मुद्दों को छोड़कर अन्य मुद्दों पर बात करना चाहती है. जो राजस्थान पटवार संघ को मंजूर नहीं हैं. इसके चलते वार्ता विफल रही.

शहीद स्मारक पर पटवारियों ने कई तरह के कार्यक्रम कर सरकार के खिलाफ विरोध जताया था. पटवारियों ने शहीद स्मारक पर सद्बुद्धि यज्ञ किया और काली पट्टी बांधकर तथा काला मास्क लगाकर विरोध जताया था. यहां तक कि पटवारियों ने काली होली भी खेली थी. जिला मुख्यालय पर मूक रैली और संभाग स्तर पर 'लाल बस्ता सड़क पर' रैली भी निकाली गई.

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला पटवारियों ने एक दिन का अनशन किया. इस दौरान पटवारियों ने 4 दिन की कलम डाउन हड़ताल भी की थी, जिसके कारण आम लोगों के साथ किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा था. पटवारी सभी सरकारी सोशल मीडिया ग्रुप से भी लेफ्ट हो गए थे. जिनके कारण सरकार की सूचनाएं भी इनके पास नहीं पहुंच पा रही थी. ऑनलाइन क्रॉप कटिंग का बहिष्कार भी पटवारियों ने किया हुआ था, जिसके कारण किसानों को सबसे अधिक परेशानी हो रही थी.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिले आश्वासन के बाद पटवारियों ने अपनी हड़ताल को आखिरकार खत्म कर दिया है. एक तरफ जहां प्रदेश के पटवारी अनलॉक के बाद फिर से आंदोलन की राह पर आ गए थे, तो वहीं राज्य सरकार भी उनकी मांगों को सिरे से खारिज कर रही थी. लेकिन शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में राजस्थान पटवार संघ की वार्ता हुई और पटवारियों को मांगें मानने का आश्वासन दे दिया गया.

इसके बाद राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने पटवारियों के आंदोलन को खत्म भी करवाया. पटवारियों के लिए नया पद सृजन किया जाएगा. वरिष्ठ पटवारी का पद भी सृजित किया जाएगा. पटवारी के कामकाज में मजबूती भी होगी. इन मांगों पर सहमति बन गई है. इसके अलावा पटवारियों को ड्यूटी भत्ता भी दिया जाएगा.

राजस्व मंत्री हरीश चौधरी का बयान

पढ़ें- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दी थी लोक सेवा की 'गारंटी'...अपने ही गृह जिले में सबसे ज्यादा शिकायतें पेंडिंग

वेतन विसंगति को लेकर राजस्व सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बनाई गई है. सरकार से वार्ता के बाद पटवारियों ने पूर्ण कार्य बहिष्कार का निर्णय वापस ले लिया है. इस दौरान हरीश चौधरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि लंबे समय से चल रही पटवारियों की हड़ताल आज खत्म हो गई है. पटवारियों और सरकार के बीच सहमति भी बन गई है.

हरीश चौधरी ने कहा कि पटवारियों ने हाफ ड्यूटी अलाउंस, नये पद सृजन, वृत्त पटवारी का पद सृजित करने सहित कई मांगें की थीं. मांगों पर सरकार और पटवारियों के बीच में सहमति बन गई है और हड़ताल भी खत्म हो गई है. राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के चलते पटवारियों से वार्ता नहीं हो पा रही थी. आज सरकार और पटवारियों के बीच में वार्ता हुई और यह आंदोलन भी खत्म हुआ.

राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि इसको लेकर मुख्य सचिव और वित्त सचिव को लेकर एक कमेटी भी बनाई गई है और जल्द ही इस पर फैसला भी लिया जाएगा.

राजस्थान पटवार संघ इन मांगों को लेकर कर रहे थे संघर्ष

  1. पटवारी की वेतन विसंगति दूर की जाए. वेतन सुधार के लिए पहले हुए समझौते और पटवारी के कामों की बहुआयामी राजस्व प्रशासनिक और तकनीकी प्रकृति को देखते हुए ग्रेड पे 3600 करते हुए पटवारी पद को तकनीकी अधिसूचित किया जाए.
  2. एसीपी योजना के तहत 9, 18, 27 वर्ष की सेवा अवधि के स्थान पर 7, 14, 21, 28 और 32 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर चयनित वेतनमान का लाभ देते हुए पदोन्नति पद का वेतनमान दिया जाए.
  3. नो वर्क नो पे का आदेश निरस्त कर कोटा संभाग और सवाई माधोपुर के पटवारियों के वेतन का भुगतान किया जाए. संगठन के साथ पहले हुए समझौतों और संगठन की ओर से समय-समय पर भेजे गए ज्ञापन का सकारात्मक निस्तारण किया जाए.

पढ़ें- क्या हेमाराम चौधरी को राजकीय उपक्रम समिति के सभापति के रूप में मनोनीत करने से पूर्व उनकी सहमति ली गई थी: राठौड़

सरकार को दिया था 4 जुलाई तक का अल्टीमेटम

राजस्थान पटवार संघ पिछले 19 महीने से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहा था. 15 जनवरी 2021 से अतिरिक्त पटवार मंडलों का भी बहिष्कार किया हुआ था. जिसके कारण 5 हजार अतिरिक्त पटवार मंडलों में काम पूरी तरह ठप पड़ा था. 15 फरवरी से शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरना भी चल रहा था. जिसे लॉकडाउन के चलते स्थगित कर दिया गया था.

पिछले दिनों हुई एक प्रेस वार्ता के दौरान राजस्थान पटवार संघ (Rajasthan Patwar Association) के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र कुमार निमिवाल ने सरकार से आर-पार की लड़ाई की घोषणा की थी. सरकार को 4 जुलाई तक का अल्टीमेटम भी दिया गया था. राजस्थान पटवार संघ ने सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर 4 जुलाई तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे राजस्थान में पूर्ण कार्य बहिष्कार करेंगे. साथ ही राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग करेंगे.

इस संबंध में 5 जुलाई को खाटू श्यामजी में महासमिति की बैठक करने का निर्णय भी लिया गया था. 2 जुलाई को पटवारियों ने ट्विटर अभियान भी चलाया था. जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राहुल गांधी को भी ट्वीट किए गए थे.

15 फरवरी को निकाली थी विशाल रैली

राजस्थान पटवार संघ के बैनर तले 15 फरवरी को जयपुर में प्रदेश भर के हजारों पटवारियों ने एक विशाल रैली निकाली थी. इस 'पटवारी हक यात्रा' रैली का आगाज अजमेर के राजस्व मंडल कार्यालय से हुआ था. जब यह रैली जयपुर पहुंची तो इसमें प्रदेश के हजारों पटवारी शामिल हुए थे. पटवारियों की यह रैली विधानसभा की तरफ कूच करने वाली थी, लेकिन इसे सहकार सर्किल पर ही रोक दिया गया. यहां पटवारियों की पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई. इसके बाद पटवारियों ने एमआई रोड स्थित शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया था. इसमें प्रदेश के अलग-अलग संभाग के पटवारी लगातार सरकार के खिलाफ आक्रोश जता रहे थे.

अलग-अलग तरह से जताया था विरोध

15 फरवरी से शुरू हुआ पटवारियों का धरना जयपुर के शहीद स्मारक पर काफी लंबे समय तक चला था. इस दौरान पटवारी संघ की सरकार से कई दौर की वार्ता भी हुई. राजस्थान पटवार संघ ने आरोप लगाया था कि सरकार मुख्य मुद्दों को छोड़कर अन्य मुद्दों पर बात करना चाहती है. जो राजस्थान पटवार संघ को मंजूर नहीं हैं. इसके चलते वार्ता विफल रही.

शहीद स्मारक पर पटवारियों ने कई तरह के कार्यक्रम कर सरकार के खिलाफ विरोध जताया था. पटवारियों ने शहीद स्मारक पर सद्बुद्धि यज्ञ किया और काली पट्टी बांधकर तथा काला मास्क लगाकर विरोध जताया था. यहां तक कि पटवारियों ने काली होली भी खेली थी. जिला मुख्यालय पर मूक रैली और संभाग स्तर पर 'लाल बस्ता सड़क पर' रैली भी निकाली गई.

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला पटवारियों ने एक दिन का अनशन किया. इस दौरान पटवारियों ने 4 दिन की कलम डाउन हड़ताल भी की थी, जिसके कारण आम लोगों के साथ किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा था. पटवारी सभी सरकारी सोशल मीडिया ग्रुप से भी लेफ्ट हो गए थे. जिनके कारण सरकार की सूचनाएं भी इनके पास नहीं पहुंच पा रही थी. ऑनलाइन क्रॉप कटिंग का बहिष्कार भी पटवारियों ने किया हुआ था, जिसके कारण किसानों को सबसे अधिक परेशानी हो रही थी.

Last Updated : Jul 3, 2021, 9:36 PM IST
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