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यहां इलाज से पहले देखी जाती है मरीज की कुंडली...जानिए, पूरी खबर

अक्सर आप जब अस्पताल में जाते हैं तो आपसे डॉक्टर पिछली बीमारियों से जुड़ी रिपोर्ट मांगते हैं, लेकिन जयपुर के इस अस्पताल में मरीज की कुंडली मांगी जाती है, जिसके आधार पर ही यहां के डॉक्टर इलाज करते हैं.

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जयपुर का एस्ट्रो मेडिकल हॉस्पिटल
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Published : Feb 6, 2020, 1:55 PM IST

Updated : Feb 6, 2020, 2:47 PM IST

जयपुर. आम तौर पर हम जब अस्पताल में इलाज कराने जाते हैं तो डॉक्टर्स हमसे बीमारी से जुड़ी जांच रिपोर्ट मांगते हैं, लेकिन जयपुर में एक ऐसा एस्ट्रो मेडिकल हॉस्पिटल है. जहां इलाज से पहले मरीज की कुंडली बनवाई जाती है और उसके आधार पर इलाज किया जाता है.

जयपुर का एस्ट्रो मेडिकल हॉस्पिटल

वैशाली नगर स्थित भारतीय प्राच्य ज्योतिष शोध संस्थान एस्ट्रो मेडिकल के क्षेत्र में काम कर रही है. जहां चिकित्सक और एस्ट्रोलॉजी की एक टीम विभिन्न विषयों पर अध्ययन करके रिपोर्ट तैयार करती है.

यह भी पढ़ें- स्पेशल: खेल से खिलवाड़...मिट्टी में खिलाते हैं और उम्मीद सोने का पदक लाएं

शोध संस्था के सचिव पंडित अखिलेश शर्मा ने बताया, कि ज्योतिष शास्त्र वेद का ही एक अंग है. ज्योतिष शास्त्र से ना केवल भविष्य जाना जा सकता है, बल्कि ज्योतिष शास्त्र में मेडिकल साइंस का एक पूरा अध्याय है. इसके तहत ज्योतिष से जुड़े ग्रह-नक्षत्र व्यक्ति के अंग को संचालित करता है तो ऐसे में मरीज के लग्न, लग्नेश चंद्रमा और राशि को देखकर मरीज को होने वाली बीमारी के बारे में बताया जा सकता है.

यह भी पढ़ें- डिस्कॉम सख्त: 10 महीने में बिजली चोरी के 2500 मामले, 81 के खिलाफ दर्ज हुई FIR

जयपुरिया अस्पताल के सर्जन डॉ विनय आत्रेय का कहना है, कि वे खुद एस्ट्रो मेडिकल से जुड़े हुए हैं. ऐसे में पिछले कुछ समय से किए गए रिसर्च के बाद यह तय हुआ है, कि एस्ट्रो मेडिकल का सही तरीके से अध्ययन किया जाए तो मेडिकल क्षेत्र में यह कारगर साबित हो सकता है.

ऐसे में शोध संस्थान ने दावा भी किया है, कि उनके जन्म कुंडली के आधार पर बताई गई बीमारियों का इलाज लोगों ने करवाया है.

गुरुवार को शोध संस्थान की ओर से एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया, जिसमें प्रदेश के चिकित्सा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग भी शामिल हुए.

जयपुर. आम तौर पर हम जब अस्पताल में इलाज कराने जाते हैं तो डॉक्टर्स हमसे बीमारी से जुड़ी जांच रिपोर्ट मांगते हैं, लेकिन जयपुर में एक ऐसा एस्ट्रो मेडिकल हॉस्पिटल है. जहां इलाज से पहले मरीज की कुंडली बनवाई जाती है और उसके आधार पर इलाज किया जाता है.

जयपुर का एस्ट्रो मेडिकल हॉस्पिटल

वैशाली नगर स्थित भारतीय प्राच्य ज्योतिष शोध संस्थान एस्ट्रो मेडिकल के क्षेत्र में काम कर रही है. जहां चिकित्सक और एस्ट्रोलॉजी की एक टीम विभिन्न विषयों पर अध्ययन करके रिपोर्ट तैयार करती है.

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शोध संस्था के सचिव पंडित अखिलेश शर्मा ने बताया, कि ज्योतिष शास्त्र वेद का ही एक अंग है. ज्योतिष शास्त्र से ना केवल भविष्य जाना जा सकता है, बल्कि ज्योतिष शास्त्र में मेडिकल साइंस का एक पूरा अध्याय है. इसके तहत ज्योतिष से जुड़े ग्रह-नक्षत्र व्यक्ति के अंग को संचालित करता है तो ऐसे में मरीज के लग्न, लग्नेश चंद्रमा और राशि को देखकर मरीज को होने वाली बीमारी के बारे में बताया जा सकता है.

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जयपुरिया अस्पताल के सर्जन डॉ विनय आत्रेय का कहना है, कि वे खुद एस्ट्रो मेडिकल से जुड़े हुए हैं. ऐसे में पिछले कुछ समय से किए गए रिसर्च के बाद यह तय हुआ है, कि एस्ट्रो मेडिकल का सही तरीके से अध्ययन किया जाए तो मेडिकल क्षेत्र में यह कारगर साबित हो सकता है.

ऐसे में शोध संस्थान ने दावा भी किया है, कि उनके जन्म कुंडली के आधार पर बताई गई बीमारियों का इलाज लोगों ने करवाया है.

गुरुवार को शोध संस्थान की ओर से एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया, जिसमें प्रदेश के चिकित्सा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग भी शामिल हुए.

Intro:जयपुर- आम तौर पर हम जब अस्पताल में इलाज कराने जाते हैं तो डॉक्टर्स हमसे बीमारी से जुड़ी जांच रिपोर्ट मांगते हैं लेकिन जयपुर में एक ऐसा एस्ट्रो मेडिकल हॉस्पिटल है जहां इलाज से पहले मरीज की कुंडली बनवाई जाती है और उसके आधार पर इलाज किया जाता है


Body:वीओ 1-वैशाली नगर स्थित भारतीय प्राच्य ज्योतिष शोध संस्थान एस्ट्रो मेडिकल के क्षेत्र में काम कर रही है जहां चिकित्सक और एस्ट्रोलॉजी की एक टीम विभिन्न विषयों पर अध्ययन करके रिपोर्ट तैयार करती है. शोध संस्था के सचिव पंडित अखिलेश शर्मा ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र वेद का ही एक अंग है ज्योतिष शास्त्र से ना केवल भविष्य जाना जा सकता है बल्कि ज्योतिष शास्त्र में मेडिकल साइंस का एक पूरा अध्याय है. इसके तहत ज्योतिष से जुड़े ग्रह नक्षत्र व्यक्ति के अंग को संचालित करता है तो ऐसे में मरीज के लग्न, लग्नेश चंद्रमा और राशि को देखकर मरीज को होने वाली बीमारी के बारे में बताया जा सकता है.

बाईट- पंडित अखिलेश शर्मा, सचिव शोध संस्थान

वीओ 2-जयपुरिया अस्पताल के सर्जन डॉ विनय आत्रेय का कहना है कि वे खुद एस्ट्रो मेडिकल से जुड़े हुए हैं ऐसे में पिछले कुछ समय से किए गए रिसर्च के बाद यह तय हुआ है कि एस्ट्रो मेडिकल का सही तरीके से अध्ययन किया जाए तो मेडिकल क्षेत्र में यह कारगर साबित हो सकता है। ऐसे में शोध संस्थान ने दावा भी किया है कि उनके द्वारा जन्म कुंडली के आधार पर बताई गई बीमारियों का इलाज लोगों ने करवाया है।
बाईट- डॉ विनोद आत्रेय, सर्जन जयपुरिया अस्पताल
बाईट- सुभाष गर्ग चिकित्सा राज्यमंत्री

फाइनल वीओ- वही आज शोध संस्थान की ओर से एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया जहां प्रदेश के चिकित्सा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग कार्यक्रम में पहुंचे


Conclusion:
Last Updated : Feb 6, 2020, 2:47 PM IST
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