जयपुर. शराब बंदी बिहार और गुजरात में भी लागू है, लेकिन फिर भी बिक रही है. राजस्थान को लेकिन बिहार नहीं बनने दिया जाएगा. राजस्थान में शराब पर पाबंदी नहीं लगाएंगे, बल्कि लोगों को जागरूक करेंगे. पटना में शराबबंदी है, फिर भी जहरीली शराब से कितने लोग मर गए. मरने से अच्छा है कि सरकारी शराब (government liquor) पीएं. आबकारी विभाग संभालने वाले मंत्री परसादी लाल मीणा (Parsadi Lal Meena) ने यह बातें कहीं.
बुधवार को सचिवालय में पदभार ग्रहण करते समय प्रदेश में शराबबंदी को लेकर मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. बजट में भी मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि 300 से 400 करोड़ खर्च कर जन जागरूकता फैलाएंगे कि जहरीली और देसी शराब ना पीएं. यदि पीना है तो सरकारी शराब पीएं, कोई दिक्कत नहीं है. गुजरात और बिहार में क्या शराब पीना बंद हो गया है. हरियाणा और पंजाब में पहले शराब बंद की गई थी, जिसे दोबारा शुरू करनी पड़ी है.
उन्होंने शराब को लोगों के लिए आवश्यक चीज बताते हुए कहा कि निश्चित तौर पर शराब को उपलब्ध कराया जाएगा, लेकिन जहरीली शराब पर पूरी तरह रोक रखी जाएगी. बिहार में जहरीली शराब पीने से ही 1 दिन में 30 लोगों की मौत हो गई. वहां जहरीली शराब पीने से हर दिन मौत होती है. राजस्थान को बिहार नहीं बनने देंगे. जिसको शराब पीना है सरकारी दुकान से ले वहां उचित दर में मिलेगी.
परसादी लाल मीणा नई आबकारी नीति (excise policy) का जिक्र करते हुए कहा कि नई नीति से शराब माफिया ने राजस्थान से विदा ले ली है. पहले जिसके ऑक्शन में लॉटरी निकलती थी, वो दुकान को 20-30 लाख रुपए में सबलेट कर देता था. नई आबकारी नीति से शराब माफिया को दिक्कत हो गई है. जनता को कोई तकलीफ नहीं है. नई नीति से रेवेन्यू भी पहले से ज्यादा मिला है. राज्य सरकार का काम नीति बनाना है. सरकार की हर पॉलिसी जनहित में होगी. ऐसी कोई पॉलिसी नहीं बनाई जाएगी जिससे जनता का अहित होता है.