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Para teachers demand : प्रदेश के पैराटीचर्स का हल्ला बोल, कहा- सरकारी अधिकारी अटका रहे नियमितीकरण की मांग

शहर के शहीद स्मारक पर राजस्थान मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मियों के संयुक्त मोर्चा के बैनर तले महापड़ाव डाला गया है. नियमितीकरण की मांग (Para teachers demand) को लेकर पैरा टीचर्स आंदोलनरत हैं. पैराटीचर्स अब गुरुवार को पैदल ही दिल्ली के लिए रवाना होंगे.

प्रदेश के पैराटीचर्स का सरकार के खिलाफ हल्ला बोल
प्रदेश के पैराटीचर्स का सरकार के खिलाफ हल्ला बोल
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Published : Dec 29, 2021, 4:11 PM IST

Updated : Dec 29, 2021, 5:47 PM IST

जयपुर. नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदेश के पैराटीचर्स ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बुधवार को शहीद स्मारक पर पैराटीचर्स ने महापड़ाव डाला. राजस्थान मदरसा पैराटीचर्स (Madarsa para teachers) , राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मियों के संयुक्त मोर्चा के बैनर तले प्रदेश के अलग-अलग जिलों से पैराटीचर्स महापड़ाव में शामिल हुए और सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया. गुरुवार को पैराटीचर्स पैदल ही दिल्ली के लिए रवाना होंगे.

पैराटीचर्स के संयुक्त मोर्चा की ओर से लंबे समय से नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है. शहीद स्मारक पर आंदोलन करते हुए इन्हें 76 दिन हो चुके हैं और मोर्चा के संरक्षक शमशेर भालू खान 70 दिन से आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं. शमशेर का कहना है कि उनकी सरकार से 15 वार्ता हो चुकी हैं लेकिन सभी वार्ताएं पूरी तरह से बेनतीजा रहीं.

प्रदेश के पैराटीचर्स का हल्ला बोल, कहा- सरकारी अधिकारी अटका रहे नियमितीकरण की मांग

शमशेर ने कहा कि 3 साल से समय-समय पर पैराटीचर्स आंदोलन करते रहे हैं और एक लंबा अरसा आंदोलन करते हुए हो चुका है. अब हम नियमितीकरण से कम कुछ भी लेने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान हमारे 6 साथी जान भी गवां चुके हैं और यदि हमारी भी जान जाती है तो हमें कोई परवाह नहीं है. हम सरकार से आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं और नियमितीकरण की सौगात लेकर ही घर जाएंगे.

पढ़ें: Bundi SHO Harass Dowry Victim: शौकत खान ने पीड़िता के साथ की गंदी बात, बोला- मेरा घर SP के पास वाला, अकेला हूं आ जाओ...

उन्होंने कहा कि अब तक जितनी भी वार्ता सरकार से हुई है, उसमें अधिकारियों की ओर से ही रोड़ा अटकाया जा रहा है. सरकारी अधिकारी ही सरकार पर भारी पड़ रहे हैं. सरकारी अधिकारी खुद ही नहीं चाहते कि लोगों का काम हो और सरकार का यश बढ़े. यदि सरकार अधिकारियों को निर्देश दे कि पैराटीचर्स को नियमित करने में जो भी समस्या आ रही है उसका तोड़ निकालें तो पैराटीचर्स को नियमित किया जा सकता है. वार्ता के दौरान हमने भी सरकार को कई बिंदु बताए हैं जिसके तहत पैराटीचर्स को नियमित किया जा सकता है.

पढ़ें: Children Vaccination in Rajasthan: 51 लाख से अधिक बच्चों को टीका लगाने का लक्ष्य...घर-स्कूल में भी लगेगी वैक्सीन

संयुक्त मोर्चा के अन्य पदाधिकारी ने कहा कि हम इससे पहले भी 6 दिन तक शहीद स्मारक पर महापड़ाव डाल चुके हैं. पहले भी दिल्ली कूच का निर्णय किया गया था, लेकिन नेताओं ने हमें आश्वस्त कर दिल्ली कूच को टलवा दिया था. वार्ता का आश्वासन देने के बाद भी अभी तक हमसे कोई वार्ता नहीं की गई है.

पढ़ें: Special: कोटा बच्चों का ही नहीं IITians और Doctors का भी संवार रहा करियर, मिल रहा करोड़ों का पैकेज

महापड़ाव में शामिल हुई महिला पैराटीचर्स ने भी सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया. उनका कहना है कि लंबे समय से आंदोलन करने के बाद भी हमारी सुनवाई नहीं हो रही है. एक बार पहले भी यह सरकार जा चुकी है और आने वाले विधानसभा चुनाव में भी यह सरकार वापस जाएगी. महिला पैराटीचर्स ने कहा कि उन्हें जो मानदेय दिया जा रहा है वह भी बहुत कम है. कम मानदेय में उनका घर खर्च भी नहीं चल पा रहा. इसलिए हमारी सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द मदरसा पैराटीचर्स को नियमित किया जाए.

जयपुर. नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदेश के पैराटीचर्स ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बुधवार को शहीद स्मारक पर पैराटीचर्स ने महापड़ाव डाला. राजस्थान मदरसा पैराटीचर्स (Madarsa para teachers) , राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मियों के संयुक्त मोर्चा के बैनर तले प्रदेश के अलग-अलग जिलों से पैराटीचर्स महापड़ाव में शामिल हुए और सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया. गुरुवार को पैराटीचर्स पैदल ही दिल्ली के लिए रवाना होंगे.

पैराटीचर्स के संयुक्त मोर्चा की ओर से लंबे समय से नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है. शहीद स्मारक पर आंदोलन करते हुए इन्हें 76 दिन हो चुके हैं और मोर्चा के संरक्षक शमशेर भालू खान 70 दिन से आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं. शमशेर का कहना है कि उनकी सरकार से 15 वार्ता हो चुकी हैं लेकिन सभी वार्ताएं पूरी तरह से बेनतीजा रहीं.

प्रदेश के पैराटीचर्स का हल्ला बोल, कहा- सरकारी अधिकारी अटका रहे नियमितीकरण की मांग

शमशेर ने कहा कि 3 साल से समय-समय पर पैराटीचर्स आंदोलन करते रहे हैं और एक लंबा अरसा आंदोलन करते हुए हो चुका है. अब हम नियमितीकरण से कम कुछ भी लेने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान हमारे 6 साथी जान भी गवां चुके हैं और यदि हमारी भी जान जाती है तो हमें कोई परवाह नहीं है. हम सरकार से आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं और नियमितीकरण की सौगात लेकर ही घर जाएंगे.

पढ़ें: Bundi SHO Harass Dowry Victim: शौकत खान ने पीड़िता के साथ की गंदी बात, बोला- मेरा घर SP के पास वाला, अकेला हूं आ जाओ...

उन्होंने कहा कि अब तक जितनी भी वार्ता सरकार से हुई है, उसमें अधिकारियों की ओर से ही रोड़ा अटकाया जा रहा है. सरकारी अधिकारी ही सरकार पर भारी पड़ रहे हैं. सरकारी अधिकारी खुद ही नहीं चाहते कि लोगों का काम हो और सरकार का यश बढ़े. यदि सरकार अधिकारियों को निर्देश दे कि पैराटीचर्स को नियमित करने में जो भी समस्या आ रही है उसका तोड़ निकालें तो पैराटीचर्स को नियमित किया जा सकता है. वार्ता के दौरान हमने भी सरकार को कई बिंदु बताए हैं जिसके तहत पैराटीचर्स को नियमित किया जा सकता है.

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संयुक्त मोर्चा के अन्य पदाधिकारी ने कहा कि हम इससे पहले भी 6 दिन तक शहीद स्मारक पर महापड़ाव डाल चुके हैं. पहले भी दिल्ली कूच का निर्णय किया गया था, लेकिन नेताओं ने हमें आश्वस्त कर दिल्ली कूच को टलवा दिया था. वार्ता का आश्वासन देने के बाद भी अभी तक हमसे कोई वार्ता नहीं की गई है.

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महापड़ाव में शामिल हुई महिला पैराटीचर्स ने भी सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया. उनका कहना है कि लंबे समय से आंदोलन करने के बाद भी हमारी सुनवाई नहीं हो रही है. एक बार पहले भी यह सरकार जा चुकी है और आने वाले विधानसभा चुनाव में भी यह सरकार वापस जाएगी. महिला पैराटीचर्स ने कहा कि उन्हें जो मानदेय दिया जा रहा है वह भी बहुत कम है. कम मानदेय में उनका घर खर्च भी नहीं चल पा रहा. इसलिए हमारी सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द मदरसा पैराटीचर्स को नियमित किया जाए.

Last Updated : Dec 29, 2021, 5:47 PM IST
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