जयपुर. पाम ऑयल के सबसे बड़ा उत्पादक देश इंडोनेशिया ने पाम ऑयल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है और भारत में बड़ी मात्रा में इंडोनेशिया से पाम ऑयल आयात किया जाता है. ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि इंडोनेशिया द्वारा पाम ऑयल पर प्रतिबंध लगाने से देश में खाद्य तेल से जुड़ा एक बड़ा संकट आ सकता (edible oil crisis expected in India) है. इसी कारण बीते कुछ समय से अन्य खाद्य तेलों की कीमतों में भी लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि पूरे विश्व पर खाद्य तेल से जुड़ा एक बड़ा संकट आने वाला है क्योंकि मलेशिया, अर्जेंटीना और इंडोनेशिया सबसे बड़े पाम ऑयल उत्पादक देश हैं. लेकिन इस बार मलेशिया और अर्जेंटीना में उत्पादन कम हुआ है और इंडोनेशिया ने पाम ऑयल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. गुप्ता का कहना है कि हाल ही में यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे तनाव के बाद यह माना जा रहा है कि खाद्य से जुड़ी बड़ी समस्या विश्व में आ सकती है. ऐसे में जहां यूक्रेन और रूस ने भी खाद्य तेल के निर्यात पर रोक लगा दी है, तो वहीं अन्य देश जो तेल उत्पादक हैं उन्होंने भी निर्यात पर रोक लगा दी है. इसमें इंडोनेशिया भी शामिल हो गया है.
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आंकड़ों की बात करें तो इंडोनेशिया से हर साल भारत में 70 से 75 लाख टन पाम ऑयल आयात होता है. जबकि 20 लाख टन पॉम आयल मलेशिया से मंगवाया जाता है. गुप्ता का कहना है कि देश में खाद्य तेल के उत्पादन और खपत की बात करें तो इन दोनों में काफी अंतर है क्योंकि देश में खाद्य तेल की खपत अधिक और उत्पादन कम है. इसके कारण अन्य देशों पर निर्भर रहना पड़ता है. हाल ही में देखने को मिला कि यूक्रेन और रूस में भी सूरजमुखी तेल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. ऐसे में यदि सही मात्रा में तेल का आयात और निर्यात नहीं होगा, तो पूरे विश्व में खाद्य तेल की कमी से जुड़ा एक बड़ा संकट खड़ा हो सकता है.
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खाद्य तेलों में उछाल: तेलों के निर्यात पर पाबंदी लगने के बाद प्रदेश में खाद्य तेलों की कीमतों में एकाएक उछाल देखने को मिला है. खासकर सरसों का तेल लगातार महंगा हो रहा है. जिसका असर अन्य खाद्य तेलों पर भी पड़ रहा है. मौजूदा हालात की बात करें तो इंडोनेशिया के पाम ऑयल निर्यात पर रोक के कारण शुक्रवार को खाद्य तेलों की कीमत में एक बार फिर उछाल देखने को मिला. इसके बाद सरसों में 75 रुपए और कच्ची सरसों तेल 200 रुपए क्विंटल महंगा हो गया. जबकि कांडला पोर्ट पर सोया रिफाइंड में 50 रुपए और पाम ऑयल तेल में 150 रुपए क्विंटल की तेजी रही. वहीं पिछले कुछ दिनों में खाद्य तेलों में 500 से 700 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी देखने को मिली है.
केंद्र सरकार का दावा : केंद्र सरकार ने कहा है कि भारत के पास सभी खाद्य तेलों का प्रचुर भंडार है. देश में सभी खाद्य तेलों का वर्तमान भंडार 21 लाख टन है. 12 लाख टन तेल रास्ते में है जो इस महीने तक आ जाएगा. उद्योग के सूत्रों का हवाला देते हुए सरकार ने कहा कि इंडोनेशिया द्वारा निर्यात पर प्रतिबंध के कारण देश के पास इस अवधि को कवर करने के लिए पर्याप्त भंडार है.