जयपुर. प्रदेश में 2018 के सफाई कर्मचारियों की भर्ती में स्थायीकरण किए जाने और दूसरे कार्यों में लगे सफाई कर्मचारियों को सफाई कार्य में लगाने की मांग को लेकर, संयुक्त वाल्मीकि और सफाई श्रमिक संघ ने ग्रेटर नगर निगम मुख्यालय पर धरना दिया.
इस पर महापौर डॉ सौम्या गुर्जर ने 1054 अस्थायी सफाई कर्मचारियों के स्थायीकरण किए जाने के आदेश जारी किए. ग्रेटर नगर निगम में 2018 में लगे सफाई कर्मचारियों का परिवीक्षाकाल पूरा हो चुका है. बावजूद इसके स्थायीकरण नहीं होने के कारण सैकड़ों कर्मचारी फिक्स वेतन पर कार्य कर रहे थे.
बीते मार्च में ही 402 अस्थाई कर्मचारियों के स्थायीकरण के आदेश जारी किए गए थे. लेकिन अभी भी 1265 सफाई कर्मचारियों के स्थायीकरण की पत्रावली लंबित चल रही थी. जिसे लेकर संयुक्त वाल्मीकि और सफाई श्रमिक संघ के बैनर तले कर्मचारियों ने निगम मुख्यालय पर धरना दिया. श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने कहा कि पूरे राजस्थान में कोरोना के विनाशकारी प्रकोप के दौरान सफाई कर्मचारी नियमित रूप से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. बावजूद इसके प्रोविजन पीरियड खत्म होने के बाद भी 2018 में लगे कर्मचारियों को नियमित नहीं किया जा रहा.
यहीं नहीं सफाई कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे ग्रेटर नगर निगम के कई कर्मचारियों को सफाई के कार्य के अन्यत्र लगाया हुआ है. ऐसे में उन कर्मचारियों को भी सफाई कार्य में लगाने की मांग की गई है. कर्मचारियों के इस धरने को खुद महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर और कमिश्नर यज्ञमित्र सिंह देव खत्म कराने पहुंचे. इस दौरान महापौर ने 1054 अस्थाई सफाई कर्मचारियों को स्थाई करने के आदेश जारी किए. बचे हुए कर्मचारियों के भी अभिलंब स्थायीकरण के प्रस्ताव पेश करने के निर्देश दिए.
साथ ही महापौर ने कहा कि जो कर्मचारी सफाई कार्य के लिए पद स्थापित हुए हैं. उन्हें उसी कार्य में लगाया जाएगा. इसके आदेश भी जारी कर दिए गए हैं. बता दें कि फिक्स वेतन पर कार्यरत 1456 सफाई कर्मचारियों को स्थाई कर अब नियमित वेतन श्रृंखला में शामिल कर लिया गया है. हालांकि कर्मचारी अपने इस प्रदर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करना भुला बैठे. महापौर और कमिश्नर की मौजूदगी में भी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आई.