जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने 15 साल की नाबालिग पीड़िता का गर्भपात कराने के लिए तीन डॉक्टरों का मेडिकल बोर्ड तुरंत गठित करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही अदालत ने मेडिकल बोर्ड को कहा है कि वह पीड़िता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उसका मेडिकल और गर्भपात करने की जांच करे. साथ ही इस संबंध में आवश्यक कदम उठाए. न्यायाधीश एके गौड़ ने यह आदेश पीड़िता के पिता की याचिका पर दिए. अदालत ने कहा कि डीएनए जांच के लिए पीड़िता के भ्रूण को सुरक्षित रखा जाए.
![दुष्कर्म पीड़िता के गर्भपात की खबर, जयपुर में मेडिकल बोर्ड गठित, News of abortion of rape victim, constituted medical board in Jaipur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-jpr-05-abortionpermission-vusl-rj10004_28112019203258_2811f_1574953378_1094.jpg)
मामले के अनुसार आरोपी ने पीड़िता का अपहरण कर उससे दुष्कर्म किया गया था. इसकी रिपोर्ट उसके पिता ने पुलिस थाने में इस साल दर्ज कराई थी. लेकिन, पीड़िता का पता नहीं चलने पर पिता ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की. हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस ने पीड़िता को आरोपी से बरामद कर उसे अक्टूबर महीने में पेश किया.
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वहीं नाबालिग होने के चलते पीड़िता को उसके माता-पिता को सौंपा गया. परिजनों के पास जाने पर नवंबर महीने में पीड़िता का मेडिकल किया गया. जिसमें वह 7 सप्ताह और चार दिन की गर्भवती पाई गई. इस पर परिजनों ने जबरन दुष्कर्म करने के कारण गर्भवती होने पर पीड़िता के गर्भपात की हाईकोर्ट से मंजूरी मांगी थी.