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एमबीसी वर्ग में चयनीत अभ्यर्थियों को छाया पदों पर ही दें नियुक्तियांः हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि एलडीसी और कनिष्ठ सहायक भर्ती-2018 में एमबीसी वर्ग में चयनीत अभ्यर्थियों को उनके लिए पूर्व में सृजित किए छाया पदों पर ही नियुक्ति दी जाए. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश अंकित धायल और अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए है.

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राजस्थान हाईकोर्ट आदेश
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Published : Feb 29, 2020, 7:03 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि एलडीसी और कनिष्ठ सहायक भर्ती-2018 में एमबीसी वर्ग में चयनीत अभ्यर्थियों को उनके लिए पूर्व में सृजित किए छाया पदों पर ही नियुक्ति दी जाए. इसके साथ ही अदालत ने मुख्य सचिव, प्रशासनिक सुधार सचिव और कर्मचारी चयन बोर्ड के चैयरमेन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश अंकित धायल और अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता अनूप ढंड ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने एलडीसी और कनिष्ठ सहायक भर्ती के 12 हजार से अधिक पदों पर वर्ष 2018 में भर्ती निकाली थी. जिसमें एक फीसदी पद एमबीसी के लिए आरक्षित रखे गए थे. इस दौरान गुर्जर आंदोलन के चलते सरकार ने कानून में संशोधन कर एमबीसी वर्ग को पांच फीसदी आरक्षण दे दिया था. जिसमें चलते इस भर्ती में एमबीसी वर्ग के लिए चार फीसदी पद अलग से सृजित किए गए.

पढ़ेंः जयपुर में साइबर ठगी का और एक मामला आया सामने, खाते से साफ किए 1 लाख रुपए

याचिका में कहा गया कि गत 17 फरवरी को भर्ती का अंतिम परिणाम जारी किया गया है. जिसमें पता चला कि अलग से सृजित चार फीसदी पदों को हटाकर एमबीसी वर्ग के सफल अभ्यर्थियों को वास्तविक पदों में ही समायोजित किया गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने इन अभ्यर्थियों को पूर्व में सृजित छाया पदों पर ही नियुक्ति देने के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि एलडीसी और कनिष्ठ सहायक भर्ती-2018 में एमबीसी वर्ग में चयनीत अभ्यर्थियों को उनके लिए पूर्व में सृजित किए छाया पदों पर ही नियुक्ति दी जाए. इसके साथ ही अदालत ने मुख्य सचिव, प्रशासनिक सुधार सचिव और कर्मचारी चयन बोर्ड के चैयरमेन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश अंकित धायल और अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता अनूप ढंड ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने एलडीसी और कनिष्ठ सहायक भर्ती के 12 हजार से अधिक पदों पर वर्ष 2018 में भर्ती निकाली थी. जिसमें एक फीसदी पद एमबीसी के लिए आरक्षित रखे गए थे. इस दौरान गुर्जर आंदोलन के चलते सरकार ने कानून में संशोधन कर एमबीसी वर्ग को पांच फीसदी आरक्षण दे दिया था. जिसमें चलते इस भर्ती में एमबीसी वर्ग के लिए चार फीसदी पद अलग से सृजित किए गए.

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याचिका में कहा गया कि गत 17 फरवरी को भर्ती का अंतिम परिणाम जारी किया गया है. जिसमें पता चला कि अलग से सृजित चार फीसदी पदों को हटाकर एमबीसी वर्ग के सफल अभ्यर्थियों को वास्तविक पदों में ही समायोजित किया गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने इन अभ्यर्थियों को पूर्व में सृजित छाया पदों पर ही नियुक्ति देने के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है.

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