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राठौड़ का पायलट को खत, COVID-19 के कोर ग्रुप में सरपंच और कार्यालयाध्यक्ष की उपेक्षा का लगाया आरोप - राजस्थान की खबर

प्रतिपक्ष उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को पत्र लिखा. पत्र के माध्यम से आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत कार्यालय के अध्यक्ष और सरपंच गणों को कोर ग्रुप में शामिल नहीं किया गया ऐसे में यह सरपंच गण और कार्यालय अधीक्षक खुद की उपेक्षा महसूस कर रहे हैं.

राजेंद्र राठौड़ ने लिखा पत्र, Rajendra Rathore wrote a letter
प्रतिपक्ष उपनेता राठौड़ ने पायलट को लिखा पत्र
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Published : Apr 15, 2020, 3:11 PM IST

जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना से चल रही जंग के बीच एक बार फिर प्रतिपक्ष उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को पत्र लिखा. पत्र के माध्यम से उनका ध्यान ग्राम पंचायत स्तर पर गठित और ग्रुप में हो रही सरपंच और कार्यालय अध्यक्ष की उपेक्षा की तरफ आकर्षित किया. पत्र में लिखा कि सरकार के स्तर पर ही कोर ग्रुप कोविड-19 से बचाव और रोकथाम को लेकर बनाया गया है. वह ग्राम पंचायत कार्यालय के अध्यक्ष और सरपंच गणों को शामिल नहीं किया गया ऐसे में यह सरपंच गण और कार्यालय अधीक्षक खुद की उपेक्षा महसूस कर रहे हैं.

राजेंद्र राठौड़ ने लिखा पत्र, Rajendra Rathore wrote a letter
उपनेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने पायलट को लिखा पत्र
राजेंद्र राठौड़ ने अपने पत्र में यह भी लिखा की मुख्य सचिव के हस्ताक्षर से जारी इस कोर ग्रुप का गठन 3 अप्रैल को हुआ था. जिसमें पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी को अध्यक्ष, ग्राम विकास अधिकारी को संयोजक, पटवारी को सह संयोजक और पंचायत स्तरीय अन्य कार्मिकों को सदस्य बनाया गया है. पंचायती राज संस्थाओं के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जनता से जुड़े हुए इतने संवेदनशील विषय में ग्राम पंचायत के कार्यालय अध्यक्ष और सरपंच गणों को पूरी तरह दरकिनार किया गया. उन्होंने लिखा कि इस महत्वपूर्ण कोर समिति में सरपंच को अध्यक्ष बनाया जाना तो दूर सामान्य सदस्य तक नहीं बनाया गया जो प्रजातंत्र के इस महत्वपूर्ण पद पर प्रश्नचिन्ह लगाता है.

पढ़ेंः Corona: मुस्लिम महासभा की अपील, कहा- घरों में रहें, सुरक्षित रहें और देश को भी सुरक्षित रखें

राजेंद्र राठौड़ का आरोप है कि राजस्थान पंचायती राज का संस्थापक राज्य होने के बावजूद यहां पंचायती राज संस्थानों को सशक्त करने और अन्य विभागों को पंचायती राज संस्थानों के अधीन करने के बजाए संविधान के 73वें संशोधन और राजस्थान पंचायती राज अधिनियम की मूल भावनाओं के विपरीत पंचायती राज संस्था को ही प्रारंभिक शिक्षा के कर्मचारियों के अधीन कर दिया गया,जो निंदनीय है.

पढ़ेंः CM गहलोत ने कोरोना संक्रमण को लेकर की समीक्षा बैठक, युद्ध स्तर पर काम के दिए निर्देश

राठौड़ ने कहा इस पूरे घटनाक्रम से ना केवल सरपंच गण बल्कि वार्ड पंच भी आक्रोशित है. ऐसे में राठौड़ ने ग्रामीण विकास मंत्री और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से आग्रह किया कि वे कोर समिति के स्वरूप पर पुनर्विचार करते हुए ग्राम पंचायत के सर्वाधिक महत्वपूर्ण पद सरपंच को ग्राम पंचायत स्तरीय कोर ग्रुप का अध्यक्ष बनाने का आदेश जारी कर उन्हें अनुग्रहित करें. जिससे कोविड-19 से चल रही जंग एकजुटता के साथ जीती जा सके.

जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना से चल रही जंग के बीच एक बार फिर प्रतिपक्ष उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को पत्र लिखा. पत्र के माध्यम से उनका ध्यान ग्राम पंचायत स्तर पर गठित और ग्रुप में हो रही सरपंच और कार्यालय अध्यक्ष की उपेक्षा की तरफ आकर्षित किया. पत्र में लिखा कि सरकार के स्तर पर ही कोर ग्रुप कोविड-19 से बचाव और रोकथाम को लेकर बनाया गया है. वह ग्राम पंचायत कार्यालय के अध्यक्ष और सरपंच गणों को शामिल नहीं किया गया ऐसे में यह सरपंच गण और कार्यालय अधीक्षक खुद की उपेक्षा महसूस कर रहे हैं.

राजेंद्र राठौड़ ने लिखा पत्र, Rajendra Rathore wrote a letter
उपनेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने पायलट को लिखा पत्र
राजेंद्र राठौड़ ने अपने पत्र में यह भी लिखा की मुख्य सचिव के हस्ताक्षर से जारी इस कोर ग्रुप का गठन 3 अप्रैल को हुआ था. जिसमें पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी को अध्यक्ष, ग्राम विकास अधिकारी को संयोजक, पटवारी को सह संयोजक और पंचायत स्तरीय अन्य कार्मिकों को सदस्य बनाया गया है. पंचायती राज संस्थाओं के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जनता से जुड़े हुए इतने संवेदनशील विषय में ग्राम पंचायत के कार्यालय अध्यक्ष और सरपंच गणों को पूरी तरह दरकिनार किया गया. उन्होंने लिखा कि इस महत्वपूर्ण कोर समिति में सरपंच को अध्यक्ष बनाया जाना तो दूर सामान्य सदस्य तक नहीं बनाया गया जो प्रजातंत्र के इस महत्वपूर्ण पद पर प्रश्नचिन्ह लगाता है.

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राजेंद्र राठौड़ का आरोप है कि राजस्थान पंचायती राज का संस्थापक राज्य होने के बावजूद यहां पंचायती राज संस्थानों को सशक्त करने और अन्य विभागों को पंचायती राज संस्थानों के अधीन करने के बजाए संविधान के 73वें संशोधन और राजस्थान पंचायती राज अधिनियम की मूल भावनाओं के विपरीत पंचायती राज संस्था को ही प्रारंभिक शिक्षा के कर्मचारियों के अधीन कर दिया गया,जो निंदनीय है.

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राठौड़ ने कहा इस पूरे घटनाक्रम से ना केवल सरपंच गण बल्कि वार्ड पंच भी आक्रोशित है. ऐसे में राठौड़ ने ग्रामीण विकास मंत्री और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से आग्रह किया कि वे कोर समिति के स्वरूप पर पुनर्विचार करते हुए ग्राम पंचायत के सर्वाधिक महत्वपूर्ण पद सरपंच को ग्राम पंचायत स्तरीय कोर ग्रुप का अध्यक्ष बनाने का आदेश जारी कर उन्हें अनुग्रहित करें. जिससे कोविड-19 से चल रही जंग एकजुटता के साथ जीती जा सके.

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