जयपुर. राजस्थान में 10453 पदों पर कंप्यूटर संवेदकों (शिक्षकों) की भर्ती, संविदा के आधार पर निकाले जाने का जबरदस्त विरोध हो रहा है. इसे लेकर कंप्यूटर बेरोजगार राजस्थान में तो लगातार विरोध प्रदर्शन कर ही रहे हैं, अब इन बेरोजगार कंप्यूटर शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में भी कांग्रेस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया है. इसका असर है कि अब राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने भी अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह कंप्यूटर (शिक्षकों) अनुदेशकों के तौर पर संविदा पर लेने के फैसले पर पुनर्विचार करें.
कमेटी दोबारा करेगी चर्चा, कानून सम्मत होगा निर्णयः डोटासरा
डोटासरा ने कहा कि इस मसले पर शिक्षा विभाग दोबारा कमेटी बना कर चर्चा करेगा, ताकि इस समस्या का कोई स्थाई हल निकल सके. डोटासरा ने कहा कि राजस्थान में सरकार अब किसी भी व्यक्ति को अगर कोई नौकरी देगी तो उसे तय समय से पहले नहीं निकाला जा सकेगा. उन्होंने कहा कि बेरोजगार छात्र जो शिक्षित बेरोजगार हैं इनको कैसे ज्यादा से ज्यादा नौकरियां मिल सके इसके लिए इनकी समस्याओं का स्थाई समाधान निकालने के लिए सरकार पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है. इस मुद्दे को दोबारा दिखाया जाएगा और अगर कानून सम्मत कोई निर्णय लिया जा सकता है तो लिया जाएगा.
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क्या है मामला
दरअसल, राजस्थान सरकार ने अपने 2020-21 के बजट में कंप्यूटर शिक्षक कैडर बनाने की घोषणा की थी. जिसके बाद इन बेरोजगार कंप्यूटर शिक्षकों को नियमित नौकरी की उम्मीद बंधी थी, लेकिन राजस्थान सरकार ने जब यह एलान किया कि यह पद कंप्यूटर अनुदेशक के तौर पर संविदा के आधार पर भरे जाएंगे, इसके बाद से ही इसका विरोध किया जा रहा है.
प्रियंका गांधी ने संविदा भर्ती का किया था विरोध
बताया जा रहा है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में संविदा पर भर्तियों का विरोध किया था, जिसे लेकर ही राजस्थान में भी संविदा भर्तियों का विरोध किया जा रहा है. ऐसे में अब यह बेरोजगार कंप्यूटर शिक्षक कांग्रेस पार्टी से यह डिमांड कर रहे हैं कि जब उत्तर प्रदेश में संविदा पर नौकरी देने का कांग्रेस विरोध कर रही है तो राजस्थान में ऐसा क्यों किया जा रहा है.