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जयपुर: 1 महीने में केवल 3 विधायक आवास हुए खाली, अभी भी 30 बाकी

राजस्थान आवासन मंडल की ओर से विधायक नगर पश्चिम में बनाए जा रहे, विधायक आवास परियोजना के तहत कार्रवाई को लेकर पुराने आवासों को तोड़ने की कार्रवाई चल रही है. लेकिन 1 महीने में महज तीन आवास ही खाली हो पाए हैं. ऐसे में अब तक कुल 54 आवासों में से आवासन मंडल को अभी 24 आवास ही सुपुर्द किए गए हैं. यहां 24000 वर्ग मीटर भूमि पर 160 बहुमंजिला फ्लैट बनाए जाने हैं.

Jaipur News, MLA Housing, विधायक आवास परियोजना
विधायक आवास परियोजना के तहत कार्रवाई
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Published : Oct 31, 2020, 3:00 AM IST

जयपुर. ज्योति नगर में विधानसभा के पास बने विधायक आवासों को अपर्याप्त और पुराने ढंग से बने होने के चलते, अब यहां आधुनिक बहुमंजिला फ्लैट्स की योजना लाई गई है. पहले ये काम जेडीए को सुपुर्द किया गया था. लेकिन इसी साल 6 जून को हाउसिंग बोर्ड को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया. जिसके बाद पुराने आवासों को हटाने के लिए एक टेंडर किया गया.

विधायक आवास परियोजना के तहत कार्रवाई

हालांकि विधायकों से आवास खाली कराने में विधानसभा को कुछ समय लग रहा है. यहां मौजूद 54 में से 24 आवासों को ही अभी तक आवासन मंडल के सुपुर्द किया गया है. जिन्हें तोड़ने की कार्रवाई चल रही है, बीते 1 महीने में केवल तीन ही आवास हाउसिंग बोर्ड को सौंपे जा सके हैं.

इस पर बोर्ड आयुक्त पवन अरोड़ा ने कहा कि विधायकों के फ्लैट की परियोजना ज्योति नगर पश्चिम में विकसित की जाएगी. यहां कुल 54 में से 24 हैंड ओवर हो चुके हैं. वहीं 5 से 10 आवास जल्द ही हैंड ओवर हो जाएंगे. उन्होंने बताया कि 25 विधायकों को मानसरोवर और प्रताप नगर में उनके द्वारा लिए जाने वाले फ्लैट का कब्जा दे दिया है.

ये पढ़ें: गुर्जर आरक्षण आंदोलन: राजस्थान के कई जिलों में इंटरनेट सेवा बंद

वहीं इस संबंध में हाल ही में मुख्य सचिव ने बैठक भी ली है. जिसमें उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जेडीए जल्द से जल्द ज्योति नगर पूर्व और जीएडी जालूपुरा वाली जमीन हाउसिंग बोर्ड के नाम करें. ताकि ये प्रक्रिया तेज गति से आगे बढ़ सके.

आपको बता दें कि जो विधायक अभी विधानसभा द्वारा दी गई आवास सुविधा उपयोग में ले रहे हैं, उनको आवासन मंडल की मानसरोवर योजना में निर्मित अरावली एनक्लेव और द्वारका ट्विंस में 96 फ्लैट उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.

जयपुर. ज्योति नगर में विधानसभा के पास बने विधायक आवासों को अपर्याप्त और पुराने ढंग से बने होने के चलते, अब यहां आधुनिक बहुमंजिला फ्लैट्स की योजना लाई गई है. पहले ये काम जेडीए को सुपुर्द किया गया था. लेकिन इसी साल 6 जून को हाउसिंग बोर्ड को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया. जिसके बाद पुराने आवासों को हटाने के लिए एक टेंडर किया गया.

विधायक आवास परियोजना के तहत कार्रवाई

हालांकि विधायकों से आवास खाली कराने में विधानसभा को कुछ समय लग रहा है. यहां मौजूद 54 में से 24 आवासों को ही अभी तक आवासन मंडल के सुपुर्द किया गया है. जिन्हें तोड़ने की कार्रवाई चल रही है, बीते 1 महीने में केवल तीन ही आवास हाउसिंग बोर्ड को सौंपे जा सके हैं.

इस पर बोर्ड आयुक्त पवन अरोड़ा ने कहा कि विधायकों के फ्लैट की परियोजना ज्योति नगर पश्चिम में विकसित की जाएगी. यहां कुल 54 में से 24 हैंड ओवर हो चुके हैं. वहीं 5 से 10 आवास जल्द ही हैंड ओवर हो जाएंगे. उन्होंने बताया कि 25 विधायकों को मानसरोवर और प्रताप नगर में उनके द्वारा लिए जाने वाले फ्लैट का कब्जा दे दिया है.

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वहीं इस संबंध में हाल ही में मुख्य सचिव ने बैठक भी ली है. जिसमें उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जेडीए जल्द से जल्द ज्योति नगर पूर्व और जीएडी जालूपुरा वाली जमीन हाउसिंग बोर्ड के नाम करें. ताकि ये प्रक्रिया तेज गति से आगे बढ़ सके.

आपको बता दें कि जो विधायक अभी विधानसभा द्वारा दी गई आवास सुविधा उपयोग में ले रहे हैं, उनको आवासन मंडल की मानसरोवर योजना में निर्मित अरावली एनक्लेव और द्वारका ट्विंस में 96 फ्लैट उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.

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