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National CA Day: एक घर में पांच सदस्य, सभी सीए...मिलिए राजस्थान की पहली चार्टेड अकाउंटेंट्स फैमिली से - CA Family Of Jaipur

हर साल एक जुलाई को नेशनल चार्टर्ड एकाउंटेंट्स दिवस (National Chartered Accountant Day) के तौर पर मनाया जाता है. इस मौके पर मिलाते हैं आपको जयपुर की राजवंशी फैमिली से जिसके सभी मेम्बर्स चार्टर्ड अकाउंटेंट (Jaipur CA Family) हैं.

National Chartered Accountant Day
एक घर में पांच सदस्य, सभी सीए
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Published : Jul 1, 2022, 9:32 AM IST

जयपुर. गुलाबी नगरी के राजवंशी परिवार को शहर क्या पूरा राजस्थान जानता है. घर के मुखिया विकास राजवंशी से लेकर सबसे छोटे सदस्य अभिषेक राजवंशी तक सब सीए प्रैक्टिशनर्स (Jaipur CA Family) हैं. अभिषेक ने 2018 में ये तमगा हासिल किया. रोचक बात ये है कि परिवार की बहू रितिका भी लोगों के Hard Earned रुपए पैसे का हिसाब किताब रखती हैं यानी वो भी सीए ही हैं.

BOSS की राह पर सब: सीए की अलख Boss Of the Family यानी पिता विकास राजवंशी ने ही जगाई (Jaipur CA Family). अपने प्रोफेशन को लेकर पैशनेट विकास राजवंशी 1989 में सीए बने. इनकी राह पर पत्नी शालिनी चलीं और 1990 में वो भी हिसाब किताब की दुनिया में शामिल हो गईं. दो बेटे हैं. बड़ा बेटा अभिनव और छोटा अभिषेक. बड़े ने पिता के ही पदचिन्हों को फॉलो किया और 2015 में परिवार को एक और सीए मिल गया. बहू रितिका भी इसी प्रोफेशन की मिली. चार के बाद पांचवे सदस्य यानी अभिषेक ने भी इसी क्षेत्र में करियर बना लिया.

हम सब CA हैं!

ऐसे हुई शुरुआत: विकास राजवंशी अपने इस रोचक सफर की पूरी कहानी बड़े सहज अंदाज में बताते हैं. कहते हैं- सीए की पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाकात शालिनी से हुई. दोनों सेम फील्ड से थे ऐसे में उन्हें लगा कि आपसी समझ अच्छी होगी और जीवन को बेहतर तरीके से जिया जा सकता है. बात आगे बढ़ी. समझ बूझ गाढ़ी हुई तो शालिनी संग शादी भी हो गई. यहां ये भी बताना जरूरी है कि उस दौर में यानी १९८९ में जब शालिनी ने सीए कोर्स किया था, तब जयपुर में दो ही महिला सीए थीं.

बच्चों ने सपना सच किया: शादी के बाद दोनों अपने अपने-अपने प्रोफेशन को बढ़ाते रहे. दो बेटे हुए अभिनव और अभिषेक. दोनों को लेकर कुछ प्लान नहीं किया. विकास कहते हैं कि कभी बच्चों पर इस बात का दबाव नहीं डाला कि ये हमारी ही फील्ड को चुनें. बच्चों को आजादी थी अपने करियर को खुद गढ़ने की लेकिन बच्चों ने भी सीए बनना ही तय किया. हालांकि मन के किसी कोने में इन्हें सीए बनाने की इच्छा जरूर थी. अच्छा लगता है जब बच्चे माता-पिता के सपनों को बिन कहे, बिन बताए पूरा कर देते हैं. विकास कहते हैं कि जब सभी एक फील्ड से होते हैं तो काम करने में आसानी होती है. एक दूसरे को सपोर्ट मिलता है. विकास कहते हैं कि जब बेटे अभिनव ने अपनी शादी के लिए लड़की पसंद की वो भी चार्टर्ड अकाउंटेंट! तो हमने एक पल में इस रिश्ते को मंजूरी दे दी. आज हमारा पूरा परिवार चार्टर्ड अकाउंटेंट है.

पढ़ें-World Music Day Special : जब मां की लोरी कानों तक पहुंची तो कोमा से बाहर आ गया बच्चा...

आसान नहीं ये प्रोफेशन: सीए शालिनी राजवंशी प्रोफेशन में पेशंस की बात करती हैं. कहती हैं ये प्रोफेशन आसान नहीं. कठिन परिश्रम करना पड़ता है. पेशंस से तरक्की की राह आसान हो जाती है और ये सिर्फ संस्कारों से मुमकिन है. कहती हैं कि हर पेरेंट्स का सपना होता है कि बच्चे तरक्की करें. हमने अपने बच्चों को अच्छी एजुकेशन के साथ अच्छे संस्कार देने का संभव प्रयास किया. आज जब बच्चे हमारे ही काम को आगे बढ़ा रहे हैं तो गर्व महसूस होता है.सीए कोर्स आसान नहीं होता कठोर मेहनत करनी पड़ती है. हमने बच्चों को गाइडेंस जरूर दी लेकिन उनकी मेहनत थी. शालिनी बताती है कि हमारी शादी के दौरान भी हमारी बातों में प्रोफेशन से जुड़ी बात ज्यादा होती थीं. मेरे हसबैंड अपने वर्क और प्रोफेशन को लेकर काफी पैशनेट हैं, शायद ये भी एक वजह बनी, जिसने हमारे बच्चों को इस प्रोफेशन में आने के लिए प्रभावित किया. कहती हैं अच्छा लगता है जब सब कहते हैं कि आपके पूरे परिवार में सभी चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं.

बहू बोली दिक्कत नहीं होती: पुत्रवधु रितिका राजवंशी कहती हैं कि ससुराल में जब सभी चार्टर्ड अकाउंटेंट हों तो करियर को आगे बढ़ाने में ज्यादा दिक्कत नहीं होती, ये मुझे महसूस होता है. सब आपकी मसरूफियात और मजबूरियों को समझते हैं. मेरे घर में फादर इन लॉ और मदर इन लॉ सीए हैं तो काम को लेकर कभी दिक्कत नहीं आई. मुझे करियर को लेकर कोई समझौता नहीं करना पड़ा. कई बार घरों में देखा जाता है कि करियर को आगे बढ़ाने को लेकर अक्सर बहू अपनी सास ससुर को Convince नहीं कर पाती है लेकिन मेरे केस में मुझसे ज्यादा इन्होंने रुचि ली. सभी का अनुभव था जिससे मैं अपने करियर को और तेजी से आगे बढ़ा पा रही हूं. अनुभव काम आ रहा है.

खाने की टेबल पर भी Policy Discussion: बेटे अभिनव और अभिषेक कहते हैं कि खाने की टेबल पर अकसर घर परिवार की बातचीत के अलावा ज्यादातर सरकार की बनने वाली नीति नियमों पर चर्चा होती है. अच्छा लगता है जब सभी एक ही फील्ड से जुड़े हुए हों. हेल्दी डिस्कशन होता है. सबके अपने-अपने अलग-अलग अनुभव के साथ में सुझाव सामने आते हैं. किसी भी तरह के नियमों को समझने में आसानी होती है. पापा मम्मी के अनुभव से हम नई-नई पॉलिसीज को और बेहतर तरीके से समझ पाते हैं.

घर का छठा मेंबर भी सीए होगा!: घर में सबसे छोटे बेटे अभिषेक की अभी शादी होना बाकी है. अभिषेक कहते हैं कि पापा मम्मी और भैया भाभी सेम फील्ड से हैं. जब उनकी आपसी बॉन्डिंग को देखता हूं तो मुझे लगता है कि मुझे भी चार्टर्ड अकाउंटेंट लड़की से ही शादी करनी चाहिए. हालांकि शादी तो ऊपर वाले की बनाई हुई जोड़ी होती है. ईश्वर ने जिसे हमारा जीवनसाथी बनाना तय किया है वो बनेगा, लेकिन मेरी इच्छा फैमिली प्रोफेशन से जुड़ी संगिनी का ही है.

नेशनल चार्टर्ड अकाउंटेंट डे: इसी दिन साल 1949 में संसद के एक कानून से इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) की स्थापना हुई थी. आईसीएआई की स्थापना के दिन चार्टर्ड अकाउंटेंट को सम्मान देने के लिए हर साल नेशनल सीए डे मनाया जाता है.

जयपुर. गुलाबी नगरी के राजवंशी परिवार को शहर क्या पूरा राजस्थान जानता है. घर के मुखिया विकास राजवंशी से लेकर सबसे छोटे सदस्य अभिषेक राजवंशी तक सब सीए प्रैक्टिशनर्स (Jaipur CA Family) हैं. अभिषेक ने 2018 में ये तमगा हासिल किया. रोचक बात ये है कि परिवार की बहू रितिका भी लोगों के Hard Earned रुपए पैसे का हिसाब किताब रखती हैं यानी वो भी सीए ही हैं.

BOSS की राह पर सब: सीए की अलख Boss Of the Family यानी पिता विकास राजवंशी ने ही जगाई (Jaipur CA Family). अपने प्रोफेशन को लेकर पैशनेट विकास राजवंशी 1989 में सीए बने. इनकी राह पर पत्नी शालिनी चलीं और 1990 में वो भी हिसाब किताब की दुनिया में शामिल हो गईं. दो बेटे हैं. बड़ा बेटा अभिनव और छोटा अभिषेक. बड़े ने पिता के ही पदचिन्हों को फॉलो किया और 2015 में परिवार को एक और सीए मिल गया. बहू रितिका भी इसी प्रोफेशन की मिली. चार के बाद पांचवे सदस्य यानी अभिषेक ने भी इसी क्षेत्र में करियर बना लिया.

हम सब CA हैं!

ऐसे हुई शुरुआत: विकास राजवंशी अपने इस रोचक सफर की पूरी कहानी बड़े सहज अंदाज में बताते हैं. कहते हैं- सीए की पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाकात शालिनी से हुई. दोनों सेम फील्ड से थे ऐसे में उन्हें लगा कि आपसी समझ अच्छी होगी और जीवन को बेहतर तरीके से जिया जा सकता है. बात आगे बढ़ी. समझ बूझ गाढ़ी हुई तो शालिनी संग शादी भी हो गई. यहां ये भी बताना जरूरी है कि उस दौर में यानी १९८९ में जब शालिनी ने सीए कोर्स किया था, तब जयपुर में दो ही महिला सीए थीं.

बच्चों ने सपना सच किया: शादी के बाद दोनों अपने अपने-अपने प्रोफेशन को बढ़ाते रहे. दो बेटे हुए अभिनव और अभिषेक. दोनों को लेकर कुछ प्लान नहीं किया. विकास कहते हैं कि कभी बच्चों पर इस बात का दबाव नहीं डाला कि ये हमारी ही फील्ड को चुनें. बच्चों को आजादी थी अपने करियर को खुद गढ़ने की लेकिन बच्चों ने भी सीए बनना ही तय किया. हालांकि मन के किसी कोने में इन्हें सीए बनाने की इच्छा जरूर थी. अच्छा लगता है जब बच्चे माता-पिता के सपनों को बिन कहे, बिन बताए पूरा कर देते हैं. विकास कहते हैं कि जब सभी एक फील्ड से होते हैं तो काम करने में आसानी होती है. एक दूसरे को सपोर्ट मिलता है. विकास कहते हैं कि जब बेटे अभिनव ने अपनी शादी के लिए लड़की पसंद की वो भी चार्टर्ड अकाउंटेंट! तो हमने एक पल में इस रिश्ते को मंजूरी दे दी. आज हमारा पूरा परिवार चार्टर्ड अकाउंटेंट है.

पढ़ें-World Music Day Special : जब मां की लोरी कानों तक पहुंची तो कोमा से बाहर आ गया बच्चा...

आसान नहीं ये प्रोफेशन: सीए शालिनी राजवंशी प्रोफेशन में पेशंस की बात करती हैं. कहती हैं ये प्रोफेशन आसान नहीं. कठिन परिश्रम करना पड़ता है. पेशंस से तरक्की की राह आसान हो जाती है और ये सिर्फ संस्कारों से मुमकिन है. कहती हैं कि हर पेरेंट्स का सपना होता है कि बच्चे तरक्की करें. हमने अपने बच्चों को अच्छी एजुकेशन के साथ अच्छे संस्कार देने का संभव प्रयास किया. आज जब बच्चे हमारे ही काम को आगे बढ़ा रहे हैं तो गर्व महसूस होता है.सीए कोर्स आसान नहीं होता कठोर मेहनत करनी पड़ती है. हमने बच्चों को गाइडेंस जरूर दी लेकिन उनकी मेहनत थी. शालिनी बताती है कि हमारी शादी के दौरान भी हमारी बातों में प्रोफेशन से जुड़ी बात ज्यादा होती थीं. मेरे हसबैंड अपने वर्क और प्रोफेशन को लेकर काफी पैशनेट हैं, शायद ये भी एक वजह बनी, जिसने हमारे बच्चों को इस प्रोफेशन में आने के लिए प्रभावित किया. कहती हैं अच्छा लगता है जब सब कहते हैं कि आपके पूरे परिवार में सभी चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं.

बहू बोली दिक्कत नहीं होती: पुत्रवधु रितिका राजवंशी कहती हैं कि ससुराल में जब सभी चार्टर्ड अकाउंटेंट हों तो करियर को आगे बढ़ाने में ज्यादा दिक्कत नहीं होती, ये मुझे महसूस होता है. सब आपकी मसरूफियात और मजबूरियों को समझते हैं. मेरे घर में फादर इन लॉ और मदर इन लॉ सीए हैं तो काम को लेकर कभी दिक्कत नहीं आई. मुझे करियर को लेकर कोई समझौता नहीं करना पड़ा. कई बार घरों में देखा जाता है कि करियर को आगे बढ़ाने को लेकर अक्सर बहू अपनी सास ससुर को Convince नहीं कर पाती है लेकिन मेरे केस में मुझसे ज्यादा इन्होंने रुचि ली. सभी का अनुभव था जिससे मैं अपने करियर को और तेजी से आगे बढ़ा पा रही हूं. अनुभव काम आ रहा है.

खाने की टेबल पर भी Policy Discussion: बेटे अभिनव और अभिषेक कहते हैं कि खाने की टेबल पर अकसर घर परिवार की बातचीत के अलावा ज्यादातर सरकार की बनने वाली नीति नियमों पर चर्चा होती है. अच्छा लगता है जब सभी एक ही फील्ड से जुड़े हुए हों. हेल्दी डिस्कशन होता है. सबके अपने-अपने अलग-अलग अनुभव के साथ में सुझाव सामने आते हैं. किसी भी तरह के नियमों को समझने में आसानी होती है. पापा मम्मी के अनुभव से हम नई-नई पॉलिसीज को और बेहतर तरीके से समझ पाते हैं.

घर का छठा मेंबर भी सीए होगा!: घर में सबसे छोटे बेटे अभिषेक की अभी शादी होना बाकी है. अभिषेक कहते हैं कि पापा मम्मी और भैया भाभी सेम फील्ड से हैं. जब उनकी आपसी बॉन्डिंग को देखता हूं तो मुझे लगता है कि मुझे भी चार्टर्ड अकाउंटेंट लड़की से ही शादी करनी चाहिए. हालांकि शादी तो ऊपर वाले की बनाई हुई जोड़ी होती है. ईश्वर ने जिसे हमारा जीवनसाथी बनाना तय किया है वो बनेगा, लेकिन मेरी इच्छा फैमिली प्रोफेशन से जुड़ी संगिनी का ही है.

नेशनल चार्टर्ड अकाउंटेंट डे: इसी दिन साल 1949 में संसद के एक कानून से इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) की स्थापना हुई थी. आईसीएआई की स्थापना के दिन चार्टर्ड अकाउंटेंट को सम्मान देने के लिए हर साल नेशनल सीए डे मनाया जाता है.

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