जयपुर. बीते साल 2020 कोरोना संक्रमण के बीच ही गुजर गया. अब साल 2021 में भी शादी-ब्याह लोगों ने अप्रैल, मई और जून-जुलाई माह में रखा है लेकिन 16 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन अबूझ सावा है. हालांकि, शुभ मुहूर्त भले ही एक दिन का है लेकिन फिर भी शहनाइयों की गूंज सुनाई देगी.
ज्योतिषाचार्य पंडित गिरिराज व्यास ने बताया कि तकरीबन 2 महीने के बाद की खामोशी के बाद बसंत पंचमी को पहला शुभ मुहूर्त आएगा. इस साल शादी के बेहद कम मुहूर्त है और अगर पहला अबूझ छोड़ दिया जाए तो फिर 15 मार्च को फुलेरा दूज और फिर 18 अप्रैल तक कोई शुभ मुहूर्त ही नहीं है. ऐसे में बसंत पंचमी का त्योहार पर सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग एक साथ बन रहा है. साथ ही इस दिन मंगलवार भी है. इसके अलावा मकर राशि में चार ग्रह गुरु-शनि-शुक्र-बुध एक साथ होंगे और मंगल अपनी स्वराशि में विराजमान होंगे. यह सब मीन राशि में रेवती नक्षत्र के अधीन होगा. इसलिए बसंत पंचमी के दिन शुभ ग्रहों का योग बन रहा है.
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इसके बाद फिर ढाई महीने तक विवाह के मुहूर्त के लिए इतंजार करना पड़ेगा. गुरु और शुक्र के अस्त होने से फाल्गुन मास में विवाहोत्सव नहीं हो पाएंगे. वहीं अप्रैल, मई और जून में भी शादियों का शुभ मुहूर्त सात से अधिकतम दस दिन का ही हैं. ऐसे में शुभ मुहूर्त कम पड़ गए है. ऐसे में बसंती पंचमी पर सगाई या विवाह कर सकते है. साथ ही नया कारोबार करने के इच्छुक व्यापारी भी अपना शुभारंभ कर सकते हैं. वहीं मकान में नींव और गृह प्रवेश के भी योग बन रहे हैं.