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ऑयल इंडिया 3 साल में 30 नए कुओं की करेगा खुदाई, बढे़गा कच्चे तेल और गैस का उत्पादन: सुबोध अग्रवाल

अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस और पेट्रोलियम डाॅ. सुबोध अग्रवाल ने गुरुवार को ऑयल इंडिया के अधिकारियों के साथ संवाद किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि ऑयल इंडिया तीन साल में 30 नए कुओं की खुदाई करेगा. इससे कच्चे तेल और गैस का उत्पादन बढ़ेगा.

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Published : May 6, 2021, 6:04 PM IST

Interaction with Oil India officials,  Wells excavation in rajasthan
सुबोध अग्रवाल

जयपुर. अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस और पेट्रोलियम डाॅ. सुबोध अग्रवाल ने गुरुवार को बयान जारी कर बताया कि ऑयल इंडिया की ओर से राजस्थान के जैसलमेर और बीकानेर में प्रतिदिन 180 बैरल भारी तेल और 0.8 लाख क्यूबिक मीटर गैस का प्रतिदिन उत्पादन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि ऑयल इंडिया ने राज्य सरकार से बीकानेर-जैसलमेर और बीकानेर क्षेत्र में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की खोज कार्य लाइसेंस के लिए आवेदन किया है.

पढ़ें- माइंस व हिन्दुस्तान जिंक की विशेषज्ञ टीम करेगी खनन खोज व खनन कार्य को गति देने का समन्वित प्रयास: सुबोध अग्रवाल

राज्य में इस समय ऑयल इंडिया को दो पेट्रोल माइनिंग लाइसेंस और तीन पेट्रोल एक्सप्लोरेशन लाइसेंस दिए हुए हैं. एसीएस डाॅ. अग्रवाल ने गुरुवार को सचिवालय से वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से ऑयल इंडिया के अधिकारियों से संवाद किया. उन्होंने बताया कि ऑयल इंडिया की ओर से तीन सालों में कच्चे तेल और गैस भंडारों के लिए पेट्रोल माइनिंग लाइसेंस और पेट्रोल एक्सप्लोरेशन लाइसेंस क्षेत्रों में करीब 30 और कुओं की खुदाई की जाएगी.

उन्होंने ऑयल इंडिया के अधिकारियों को प्रदेश में एक्सप्लोरेशन और कच्चे खनिज तेल व गैस के उत्पादन कार्यों में तेजी लाने को कहा ताकि प्रदेश में प्राकृतिक गैस और खनिज तेल का उत्पादन बढ़ सके. उन्होंने कहा कि इससे विदेशी पूंजी की बचत के साथ ही राज्य सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी और रोजगार का सृजन हो सकेगा.

प्रदेश में पेट्रोलियम और गैस के विपुल भंडार

सुबोध अग्रवाल ने वर्चुअल मीटिंग के दौरान ऑयल इंडिया के अधिकारियों से गैस और ऑयल के उत्पादन को बढ़ाने के सभी संभावित उपायों और तकनीक की विस्तार से जानकारी ली. एसीएस माइंस एवं पेट्रोलियम ने बताया कि प्रदेश में पेट्रोलियम और गैस के विपुल भंडार हैं और राज्य में चार पेट्रोलियम बेसिन 14 जिलों में डेढ़ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हए हैं.

राजस्थान में आधुनिकतम तकनीक सीएसएस का उपयोग

उन्होंने बताया कि ऑयल उत्पादन बढ़ाने के लिए पूरे देश में सबसे पहले राजस्थान में आधुनिकतम तकनीक सीएसएस (साइक्लिंग स्टिंग स्टिमोलेशन) का उपयोग किया जा रहा है. ऑयल इंडिया के जैसलमेर बेसिन के तनोट डांडेवाल में कुओं से प्राकृतिक गैस का उत्पादन किया जा रहा है और उसे राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम के रामगढ़ स्थित थर्मल प्लांट को उपलब्ध कराया जा रहा है. इसी तरह से बीकानेर-नागौर बेसिन के बागेवाला में कुओं में खनिज तेल का उत्पादन किया जा रहा है.

ऑयल इंडिया के राजस्थान फील्ड के अधिशाषी निदेशक एसके सिंह ने बताया कि जैसलमेर के तनोट में 1984 से खोज कार्य आरंभ किया गया और 1988 से उत्पादन किया जा रहा है. वर्तमान में 0.8 मिलियन मीट्रिक स्टेण्डर्ड क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस का प्रतिदिन उत्पादन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि राजस्थान में जैसलमेर के लुडुर्वा और डांगरी में 67.6 मेगावाट पवन उर्जा और जैसलमेर के रामगढ़ में 14 मेगावाट सोलर उर्जा का उत्पादन किया जा रहा है.

ईडी सिंह ने पीपीटी प्रजेंटेशन के माध्यम से ऑयल इण्डिया के राजस्थान में हो रहे कार्यों, उत्पादन और अन्य गतिविधियों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ऑयल इंडिया प्रदेश में प्राकृतिक गैस, भारी तेल, विंड एनर्जी और सोलर एनर्जी के क्षेत्र में काम रही है.

जयपुर. अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस और पेट्रोलियम डाॅ. सुबोध अग्रवाल ने गुरुवार को बयान जारी कर बताया कि ऑयल इंडिया की ओर से राजस्थान के जैसलमेर और बीकानेर में प्रतिदिन 180 बैरल भारी तेल और 0.8 लाख क्यूबिक मीटर गैस का प्रतिदिन उत्पादन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि ऑयल इंडिया ने राज्य सरकार से बीकानेर-जैसलमेर और बीकानेर क्षेत्र में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की खोज कार्य लाइसेंस के लिए आवेदन किया है.

पढ़ें- माइंस व हिन्दुस्तान जिंक की विशेषज्ञ टीम करेगी खनन खोज व खनन कार्य को गति देने का समन्वित प्रयास: सुबोध अग्रवाल

राज्य में इस समय ऑयल इंडिया को दो पेट्रोल माइनिंग लाइसेंस और तीन पेट्रोल एक्सप्लोरेशन लाइसेंस दिए हुए हैं. एसीएस डाॅ. अग्रवाल ने गुरुवार को सचिवालय से वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से ऑयल इंडिया के अधिकारियों से संवाद किया. उन्होंने बताया कि ऑयल इंडिया की ओर से तीन सालों में कच्चे तेल और गैस भंडारों के लिए पेट्रोल माइनिंग लाइसेंस और पेट्रोल एक्सप्लोरेशन लाइसेंस क्षेत्रों में करीब 30 और कुओं की खुदाई की जाएगी.

उन्होंने ऑयल इंडिया के अधिकारियों को प्रदेश में एक्सप्लोरेशन और कच्चे खनिज तेल व गैस के उत्पादन कार्यों में तेजी लाने को कहा ताकि प्रदेश में प्राकृतिक गैस और खनिज तेल का उत्पादन बढ़ सके. उन्होंने कहा कि इससे विदेशी पूंजी की बचत के साथ ही राज्य सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी और रोजगार का सृजन हो सकेगा.

प्रदेश में पेट्रोलियम और गैस के विपुल भंडार

सुबोध अग्रवाल ने वर्चुअल मीटिंग के दौरान ऑयल इंडिया के अधिकारियों से गैस और ऑयल के उत्पादन को बढ़ाने के सभी संभावित उपायों और तकनीक की विस्तार से जानकारी ली. एसीएस माइंस एवं पेट्रोलियम ने बताया कि प्रदेश में पेट्रोलियम और गैस के विपुल भंडार हैं और राज्य में चार पेट्रोलियम बेसिन 14 जिलों में डेढ़ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हए हैं.

राजस्थान में आधुनिकतम तकनीक सीएसएस का उपयोग

उन्होंने बताया कि ऑयल उत्पादन बढ़ाने के लिए पूरे देश में सबसे पहले राजस्थान में आधुनिकतम तकनीक सीएसएस (साइक्लिंग स्टिंग स्टिमोलेशन) का उपयोग किया जा रहा है. ऑयल इंडिया के जैसलमेर बेसिन के तनोट डांडेवाल में कुओं से प्राकृतिक गैस का उत्पादन किया जा रहा है और उसे राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम के रामगढ़ स्थित थर्मल प्लांट को उपलब्ध कराया जा रहा है. इसी तरह से बीकानेर-नागौर बेसिन के बागेवाला में कुओं में खनिज तेल का उत्पादन किया जा रहा है.

ऑयल इंडिया के राजस्थान फील्ड के अधिशाषी निदेशक एसके सिंह ने बताया कि जैसलमेर के तनोट में 1984 से खोज कार्य आरंभ किया गया और 1988 से उत्पादन किया जा रहा है. वर्तमान में 0.8 मिलियन मीट्रिक स्टेण्डर्ड क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस का प्रतिदिन उत्पादन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि राजस्थान में जैसलमेर के लुडुर्वा और डांगरी में 67.6 मेगावाट पवन उर्जा और जैसलमेर के रामगढ़ में 14 मेगावाट सोलर उर्जा का उत्पादन किया जा रहा है.

ईडी सिंह ने पीपीटी प्रजेंटेशन के माध्यम से ऑयल इण्डिया के राजस्थान में हो रहे कार्यों, उत्पादन और अन्य गतिविधियों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ऑयल इंडिया प्रदेश में प्राकृतिक गैस, भारी तेल, विंड एनर्जी और सोलर एनर्जी के क्षेत्र में काम रही है.

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