जयपुर. अजमेर जिला रसद अधिकारी अंकित प्रचार को बर्खास्त करने के मामले में रसद विभाग के अधिकारियों में खाद्य सचिव नवीन जैन के खिलाफ नाराजगी बढ़ती जा रही है. विभाग के जिला रसद अधिकारियों, प्रवर्तन निरीक्षकों और प्रवर्तन अधिकारियों में आक्रोश व्याप्त है. इसी के मद्देनजर रसद विभाग के इन सभी अधिकारियों ने तीन दिन प्रदेश भर में कार्य बहिष्कार (Rajasthan Logistics officials work boycott) का निर्णय किया है. 3 अक्टूबर तक यह सभी अधिकारी सामूहिक अवकाश पर रहेंगे.
जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर रसद विभाग के जिला रसद अधिकारियों, प्रवर्तन निरीक्षकों और प्रवर्तन अधिकारियों ने खाद्य सचिव के खिलाफ नारेबाजी की. अजमेर रसद अधिकारी अंकित प्रचार को फिर से बहाल करने की मांग की है. राजस्थान खाद्य एवं आपूर्ति सेवा समिति के बैनर तले यह अधिकारी प्रदेश भर में खाद्य सचिव के खिलाफ नाराजगी जता रहे हैं. समिति की अध्यक्ष बबीता यादव ने बताया कि अंकित प्रचार को बर्खास्त करने और अन्य मांगों को नहीं मानने के कारण समिति की ओर से कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया गया है.
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3 अक्टूबर तक यह सभी अधिकारी सभी जिला मुख्यालयों पर अपना विरोध जताएंगे. खाद्य सचिव के खिलाफ नाराजगी जताते हुए बबीता यादव ने कहा कि अंकित प्रचार के खिलाफ अन्यायपूर्ण कार्रवाई की गई है और हम लोग इसकी निंदा करते हैं. हमारी मांग है कि अंकित पचार को बर्खास्त करने के मामले को फिर से रिमूव किया जाए. बबीता यादव ने कहा कि समिति की ओर से सभी सक्षम पर उनकी मांग पहुंचा दी गई है. इसके बावजूद भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई. उन्होंने कहा कि आगे जो भी कदम उठाया जाएगा, वह समिति की सहमति के बाद ही लिया जाएगा.
बर्खास्त अधिकारी का कहना-द्वेषता पूर्ण कार्रवाई की गई
बर्खास्त जिला अधिकारी अंकित पचार ने कहा कि जो आरोप मुझ पर लगाए गए हैं, वह आरोप जांच कमेटी की ओर से कभी सिद्ध नहीं हुए. जांच कमेटी मुझे दोषी नहीं माना. इसके बावजूद भी खाद्य सचिव ने जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए मुझे बर्खास्त किया है. मेरे खिलाफ अवैधानिक तरीके से द्वेषता पूर्ण कार्रवाई की गई है.
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बबीता यादव ने कहा कि रसद विभाग के उच्च अधिकारियों की ओर से सभी जिला रसद अधिकारियों प्रवर्तन अधिकारियों और प्रवर्तन निरीक्षकों के खिलाफ नकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है. इससे इन अधिकारियों में असंतोष व्याप्त होता जा रहा है.
इन अधिकारियों को नोटिस देने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है. जिसका कोई ठोस आधार नहीं है. इससे यह अधिकारी मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं और अपना काम भी पूर्ण मनोयोग से नहीं कर पा रहे. पिछले 6 महीने में विभाग के कई जिला रसद अधिकारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले चुके हैं. इसलिए विभाग प्रशासनिक नेतृत्व को तुरंत हटाया जाए.