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Rajasthan Assembly Session : विधानसभा में उठा ओबीसी आरक्षण विसंगति मामला, यादव और बेनीवाल ने की ये मांग - Issue Raised in Rajasthan Assembly

राजस्थान विधानसभा में शून्यकाल में ओबीसी आरक्षण में कटौती और विसंगति का मामला भी प्रमुखता से उठा. निर्दलीय विधायक बलजीत यादव और आरएलपी विधायक नारायण बेनीवाल ने इस मामले को उठाते हुए सरकार से ओबीसी आरक्षण में विसंगति दूर करने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की.

Rajasthan Vidhan Sabha Proceedings
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Published : Sep 21, 2022, 3:49 PM IST

जयपुर. विधानसभा कार्यवाही के दौरान बुधवार को शून्यकाल में आरएलपी विधायक नारायण बेनीवाल ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए ओबीसी आरक्षण में कटौती और विसंगति का मामला उठाते हुए ओबीसी वर्ग से जुड़े युवाओं की मांग सदन में रखी. उन्होंने कहा कि 17 अप्रैल 2018 को ओबीसी आरक्षण को लेकर राजस्थान में जो परिपत्र सरकार लेकर आई थी उसके बाद होरिजेंटल आरक्षण में कई प्रकार की विसंगति आई और ओबीसी वर्ग के युवाओं के सपने भी चकनाचूर हो गए.

बेनीवाल ने कहा कि चाहे पुलिस कांस्टेबल भर्ती हो, सब इंस्पेक्टर भर्ती हो या पटवारी और कृषि पर्यवेक्षक सहित अन्य भर्ती, उसमें अंतिम रूप से चयनित हुए (Narayan Beniwal Demands in Rajasthan Assembly) ओबीसी वर्ग के युवाओं की संख्या बेहद कम है, जो आरक्षण में विसंगति के कारण है. बेनीवाल ने कहा कि यह मामला बहुत बड़ा है और सदन में इस पर बहस होनी चाहिए. वहीं, कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने 17 अप्रैल 2008 को जारी हुए इस पत्र को रद्द करने की मांग सदन में की.

किसने क्या कहा, सुनिए...

बहरोड़ से निर्दलीय विधायक बलजीत यादव ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए ही ओबीसी आरक्षण में विसंगति के कारण युवा वर्ग के साथ हो रहे अन्याय के मामले में अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि साल 2019 से लेकर अब तक एक लाख भर्तियां हुईं, जिसमें ओबीसी का सिलेक्शन जीरो रहा. बलजीत यादव ने यह भी कहा कि आज कंप्यूटर शिक्षक का पेपर आईएएस की परीक्षा जैसा आ रहा है तो वहीं कांस्टेबल का पेपर आईपीएस परीक्षा के जैसे दिया जा रहा है. ऐसे में गरीब किसान का बेटा आखिर कैसे पास हो पाएगा और उसे कैसे नौकरी मिल पाएगी.

शून्यकाल में ही भाजपा विधायक चंद्रभान आक्या ने (Zero Hour in Rajasthan Assembly) नियम 295 के तहत आर्थिक पिछड़ा वर्ग के जाति प्रमाण पत्र के नवीनीकरण में आ रही विसंगति का मुद्दा उठाया. विधायक ने कहा कि जाति प्रमाण पत्र नवीनीकरण की बाध्यता खत्म हो और प्रमाण पत्र को स्थाई रूप से बनाया जाए. वहीं, ओबीसी में अभ्यर्थियों के आय का प्रमाण पत्र भी ईडब्ल्यूएस की तरह 3 वर्षों के लिए बनाया जाए, इसके लिए सरकार आवश्यक संशोधन करे.

पढ़ें : सदन में लंपी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने पर भिड़े डोटासरा और गुलाब चंद कटारिया, स्पीकर ने मंत्री को दी नसीहत

सदन में इस दोनों राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक पुखराज गर्ग और नारायण बेनीवाल वेल में आ गए और ओबीसी आरक्षण विसंगति मामले में सदन में चर्चा की मांग करने लगे. जिस पर नाराज होकर (Speaker CP Joshi Strict Instructions) स्पीकर सीपी जोशी ने उन्हें सख्त हिदायत दी और अपनी जगह पर बैठने के निर्देश दिए.

जयपुर. विधानसभा कार्यवाही के दौरान बुधवार को शून्यकाल में आरएलपी विधायक नारायण बेनीवाल ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए ओबीसी आरक्षण में कटौती और विसंगति का मामला उठाते हुए ओबीसी वर्ग से जुड़े युवाओं की मांग सदन में रखी. उन्होंने कहा कि 17 अप्रैल 2018 को ओबीसी आरक्षण को लेकर राजस्थान में जो परिपत्र सरकार लेकर आई थी उसके बाद होरिजेंटल आरक्षण में कई प्रकार की विसंगति आई और ओबीसी वर्ग के युवाओं के सपने भी चकनाचूर हो गए.

बेनीवाल ने कहा कि चाहे पुलिस कांस्टेबल भर्ती हो, सब इंस्पेक्टर भर्ती हो या पटवारी और कृषि पर्यवेक्षक सहित अन्य भर्ती, उसमें अंतिम रूप से चयनित हुए (Narayan Beniwal Demands in Rajasthan Assembly) ओबीसी वर्ग के युवाओं की संख्या बेहद कम है, जो आरक्षण में विसंगति के कारण है. बेनीवाल ने कहा कि यह मामला बहुत बड़ा है और सदन में इस पर बहस होनी चाहिए. वहीं, कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने 17 अप्रैल 2008 को जारी हुए इस पत्र को रद्द करने की मांग सदन में की.

किसने क्या कहा, सुनिए...

बहरोड़ से निर्दलीय विधायक बलजीत यादव ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए ही ओबीसी आरक्षण में विसंगति के कारण युवा वर्ग के साथ हो रहे अन्याय के मामले में अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि साल 2019 से लेकर अब तक एक लाख भर्तियां हुईं, जिसमें ओबीसी का सिलेक्शन जीरो रहा. बलजीत यादव ने यह भी कहा कि आज कंप्यूटर शिक्षक का पेपर आईएएस की परीक्षा जैसा आ रहा है तो वहीं कांस्टेबल का पेपर आईपीएस परीक्षा के जैसे दिया जा रहा है. ऐसे में गरीब किसान का बेटा आखिर कैसे पास हो पाएगा और उसे कैसे नौकरी मिल पाएगी.

शून्यकाल में ही भाजपा विधायक चंद्रभान आक्या ने (Zero Hour in Rajasthan Assembly) नियम 295 के तहत आर्थिक पिछड़ा वर्ग के जाति प्रमाण पत्र के नवीनीकरण में आ रही विसंगति का मुद्दा उठाया. विधायक ने कहा कि जाति प्रमाण पत्र नवीनीकरण की बाध्यता खत्म हो और प्रमाण पत्र को स्थाई रूप से बनाया जाए. वहीं, ओबीसी में अभ्यर्थियों के आय का प्रमाण पत्र भी ईडब्ल्यूएस की तरह 3 वर्षों के लिए बनाया जाए, इसके लिए सरकार आवश्यक संशोधन करे.

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सदन में इस दोनों राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक पुखराज गर्ग और नारायण बेनीवाल वेल में आ गए और ओबीसी आरक्षण विसंगति मामले में सदन में चर्चा की मांग करने लगे. जिस पर नाराज होकर (Speaker CP Joshi Strict Instructions) स्पीकर सीपी जोशी ने उन्हें सख्त हिदायत दी और अपनी जगह पर बैठने के निर्देश दिए.

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