जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) के जयपुर पीठ बार एसोसिएशन (Jaipur Bar Association) की नवगठित कार्यकारिणी को शनिवार को शपथ दिलाई गई. इस मौके पर केंद्रीय न्याय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल (Union Minister of State for Justice SP Singh Baghel) ने वकीलों को विधिक अंत्योदय का आगाज करने का आह्वान करते हुए कहा कि अदम पैरवी के मामलों में पैरवी करें तो गरीबों का भला हो सकता है. बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भुवनेश शर्मा ने न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाने की मांग रखी.
कार्यक्रम में मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि लोकतंत्र चार खंभों पर टिकी है. आजादी की लड़ाई में अधिवक्ताओं का अहम योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि आज लंबित मामलों की हर जगह चर्चा होती है. लेकिन इसके लिए सिर्फ बार या बेंच दोषी नहीं है. यह एक लंबी प्रक्रिया है. जिसमें हर स्तर पर सुधार की दरकार है. उन्होंने वर्चुअल सुनवाई की प्रक्रिया पर जोर देते हुए कहा कि कई बार जांच अधिकारी या गवाहों के तबादले होने से मुकदमों की पेंडेंसी बढ़ती है. इससे मामले की सुनवाई पर भी असर होता है. ऐसे में वर्चुअल सुनवाई से काफी हद तक राहत मिल सकती है.
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साथ ही उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी को वैज्ञानिक पद्धति का जानकार होना चाहिए. ताकि पीड़ित को न्याय मिल सके. चूंकि यह देश गरीबों का है. जहां 80 करोड़ लोग आज भी खाद्य सामग्री के लिए लाइन में खड़े हैं. ऐसे में विधिक अंत्योदय का आगाज वकीलों को करना चाहिए. उन्होंने पैरवी नहीं होने के कारण जेल में रहने वाले लोगों की पैरवी करने का भी वकीलों से आह्वान किया.
मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एनएन भंडारी (Madras High Court Chief Justice NN Bhandari) ने युवा अधिवक्ताओं के लिए सार्थक पहल करने का सुझाव दिया. नवनिर्वाचित अध्यक्ष भुवनेश शर्मा ने बताया कि जयपुर सांसद रामचरण बोहरा ने इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है. उन्होंने न्यायाधीशों की कमी पूरी करने की मांग की है. इसके साथ ही जमानत पेश होने पर 24 घंटे में सुनवाई की मांग की भी चीफ जस्टिस अकील अहमद कुरैशी से मांग की गई है.
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अंग्रेजों के बनाए कानूनों पर न्याय दिला रहे हैं जबकि पुराने और बेकार कानूनों को बदलना चाहिए- ओम बिरला
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि 75 साल बाद भी हम अंग्रेजों के बनाए गए पुराने कानूनों पर ही न्याय दिला रहे हैं. जबकि पुराने और बेकार हो चुके कानूूनों को बदलना चाहिए. जल्द और सुलभ न्याय दिलवाने के लिए अब नए कानूनों की जरूरत है. आम व्यक्ति को न्याय मिलने में देरी नहीं होनी चाहिए. देश के प्रधानमंत्री ने एक शुरुआत की है और जिन कानूनों की जरूरत नहीं है, उन्हें बदलने का अभियान चलाया है. ओम बिरला शनिवार को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि कानूनों को सामाजिक व आर्थिक प्रगति और बदलाव के माध्यम के रूप में देखा जाना चाहिए. न्यायाधीश ही नहीं बल्कि अधिवक्ता भी न्यायपूर्ण सामाजिक आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं. उन्होंने कहा कि अधिवक्ता न्यायपालिका और आमजन के बीच की कड़ी है. जनता को त्वरित और सुगम न्याय दिलाने का माध्यम है. किसी भी प्रदेश में वहां के अधिवक्ताओं की अहम भूमिका होती है. वे न्याय व्यवस्था को सशक्त करते हैं और न्याय व्यवस्था में आस्था जागृत करते हैं.