जयपुर. प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालय और मेडिकल काॅलेज से संबद्ध अस्पतालों में जल्द ही आक्सीजनयुक्त बेड में बढ़ोतरी की जाएगी. चिकित्सा मंत्री ने कहा कि सरकार का पूरा जोर कोरोना से होने वाली मृत्युदर को कम करने पर है. ऐसे में रात में आक्सीजन का सेचुरेशन कम होने के कारण मरीजों को ज्यादा परेशानी आती है, ऐसे में सभी अस्पतालों में प्रशिक्षित नर्सिंगकर्मी और स्टाफ लगाने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि रात्रिकालीन ड्यूटी देने वाले नर्सिगकर्मियों को प्रोत्साहित करने पर भी विचार किया जा रहा है.
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि सरकार की कोशिश है कि कोरोना काल और सामान्य दिनों में चिकित्सकों की कोई कमी नहीं रहे. इसके लिए 2 हजार डाॅक्टर्स की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. इसमें आने वाली सभी परेशानियों को दूर कर लिया गया है. इन चिकित्सकों की जल्द ही नियुक्ति देने के भी निर्देश दिए जा चुके हैं.
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रघु शर्मा ने बताया कि 12.5 हजार एएनएम और जीएनएम की भर्ती में करीब 9 हजार को नियुक्ति दी जा चुकी है. शेष मामलों में से करीब 2.5 हजार ऐसे अभ्यर्थियों को चयनित कर उन्हें भी नियुक्ति देने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जो किसी भी तरह से न्यायिक प्रक्रिया से संबद्ध नहीं हैं.
सरकार की मंशा कोई ना बने कोरोना का ग्रास
शर्मा ने बताया कि प्रदेश में कोरोना से पाॅजिटिव से नेगेटिव होने वाले मरीजों का अनुपात देश के 10 बड़े राज्यों में बेहतरीन है. प्रदेश की मृत्यु दर भी वर्तमान में तेजी से कम हो रही है. वर्तमान में प्रदेश में 1.4 फीसदी मृत्यु दर है. उन्होंने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ावा दिया जा रहा है. 40 हजार की कीमत के जीवन रक्षक इंजेक्शन भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं, जोकि निःशुल्क लगाए जा रहे हैं.
सरकार की मंशा यही है कि प्रदेश का कोई भी व्यक्ति कोरोना के चलते मौत का ग्रास ना बने और ज्यादा से ज्यादा कोरोना मरीज पाॅजिटिव से नेगेटिव होकर सामान्य जीवन को जी सकें. इसके लिए रिकवरी प्रतिशत को भी बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है.
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चिकित्सा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में चल रहे सभी राष्ट्रीय कार्यक्रम कोरोना काल में बदस्तूर जारी रहे. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सभी प्रोटोकाॅल की पालना के साथ मातृ-शिशु, टीबी उन्मूलन सहित टीकाकरण और अन्य कार्यक्रम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जा चुके हैं.
सुपर स्प्रेडर्स की जांच पर फोकस
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में कहीं-कहीं सुपर स्प्रेडर्स के चलते राज्य में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे मामलों पर नियंत्रण के लिए सुपर स्प्रेडर्स की जांच पर विशेष फोकस किया जाएगा. उन्होंने बताया कि दूध बेचने वाले, सब्जी बेचने, किराना वाले, व्यापारी, डेयरी वाले या जो कोई भी इस श्रेणी में आते हैं, उनकी प्रभावी तरीके से जांच की जाएगी, ताकि संक्रमण का प्रसार रोका जा सके.