जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय मंगलवार को एबीवीपी और एनएसयूआई छात्र संगठन के विरोध का अखाड़ा बन गया. दोनों छात्र संगठनों ने जमकर प्रदर्शन किया. दरअसल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुब्बैया पर बीते दिनों एक महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी.
मामले को लेकर एनएसयूआई छात्र संगठन ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया. एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने कहा कि एबीवीपी का काम हमेशा से लोगों की आवाज को दबाने का रहा है.
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एबीवीपी को सुप्रीम कोर्ट से मिली गाइडलाइन के अनुसार एक कमेटी बनाकर महिला उत्पीड़न मामले की जांच करानी चाहिए थी. ऐसा करने की बजाये उनके द्वारा महिलाओं की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है.
वहीं, इस दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने एनएसयूआई पर झूठे मुद्दों पर राजनीति का आरोप लगाते हुए विपक्ष में प्रदर्शन शुरू कर दिया. एबीवीपी ने कहा कि राजस्थान विश्वविद्यालय एक शिक्षण संस्थान है. जहां इस तरह के झूठे आरोपों के साथ प्रदर्शन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का कोई पारिवारिक मामला था, जिसका कोर्ट में समझौता भी हो चुका है, और अब एनएसयूआई राजनीति चमकाने के लिए झूठे मुद्दों पर प्रदर्शन कर छात्रों को भ्रमित करने का कार्य कर रही है.
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दोनों छात्र संगठनों की ओर से एक दूसरे पर लगाए गए आरोपों के दौरान मामला उग्र होता देख मौजूद पुलिस जाब्ते ने छात्रों को अलग-थलग किया. हालांकि दोनों पक्षों की ओर से करीब 1 घंटे तक नारेबाजी होती रही. इस दौरान छात्र सोशल डिस्टेंसिंग को भी भुला बैठे.