जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस सरकार आम जनता को राहत देने के लिए 'प्रशासन शहरों के संग' कार्यक्रम चलाती रही है. साल 2011 से लेकर साल 2013 तक बीती गहलोत सरकार के समय 'प्रशासन शहरों के संग' अभियान चलाया गया. वहीं, इस अभियान में करीब 5 लाख पट्टे भी बांटे गए. लेकिन अभी वर्तमान में कांग्रेस सरकार अब तक अपना यह कार्यक्रम चालू नहीं कर सकी है.
जानकारी के अनुसार कांग्रेस सरकार की ओर से अब तक इस योजना का लागू नहीं करने का कारण यह है कि पट्टे देने पर हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है. अब सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में चली गई है, लेकिन वहां भी सरकार को स्टेटस पर स्टे तो मिला है लेकिन पूरा स्टे नहीं मिला है. ऐसे में राज्य सरकार की ओर से 'प्रशासन शहरों के संग' अभियान नहीं चला पा रही है. मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि सरकार पूरा प्रयास कर रही है कि सुप्रीम कोर्ट से उसे राहत मिल जाए तो 'प्रशासन शहरों के संग' अभियान चलाया जा सके.
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मंत्री शांति धारीवाल मे बताया कि अगर ऐसा नहीं होता है तो सरकार दूसरी नीति लाने पर भी विचार कर रही है. वहीं, उन्होंने गत भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार बदलने के बाद वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने एक लाख पट्टे जो कांग्रेस शासन में बन चुके थे उन्हें नहीं दिए गए.
उन्होंने कहा कि इन पट्टों को कांग्रेस सरकार देना चाहती है लेकिन हाईकोर्ट के निर्णय की वजह से ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है. ऐसे में राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का इंतजार कर रही है कि उसे यह पट्टे 'प्रशासन शहरों के संग' अभियान के तहत राहत मिलने पर बांटने हैं या फिर किसी नई नीति के तहत बांटने हैं.