जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना से बचने के लिए जयपुर नगर निगम प्रशासन करीब 50 दिन से सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव कर शहर को सैनिटाइज कर रहा है. 200 छोटी स्प्रे मशीन और करीब 35 फायर ब्रिगेड गाड़ियों से शहर के सार्वजनिक स्थान, अस्पताल, सचिवालय, कोर्ट यहां तक की गली मोहल्लों को भी सैनिटाइज किया जा रहा है.
बता दें कि जयपुर नगर निगम की ओर से अब तक करीब 90 हजार लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव शहर भर में किया जा चुका है. शुरुआत में निगम ने ये सॉल्यूशन ₹35 प्रति लीटर खरीदा था. हालांकि वर्तमान में निगम ₹9.90 प्रति लीटर के हिसाब से इसकी खरीद कर रहा है. राजस्व का एक बड़ा हिस्सा अब तक सैनिटाइजेशन पर खर्च हो चुका है. यही वजह है कि नगर निगम प्रशासन की ओर से अब इसका विकल्प तलाशा गया है.
निगम सोडियम हाइपोक्लोराइट की जगह हाइड्रोजन पेरोक्साइड को सैनिटाइज करने में इस्तेमाल करेगा. इसके लिए हाल ही में महाराष्ट्र के कल्याण से 20 हजार लीटर हाइड्रोजन पेरोक्साइड निशुल्क आया है.
बताया जा रहा है कि हाइड्रोजन पेरोक्साइड सोडियम हाइपोक्लोराइट की तुलना में एक तिहाई दाम में उपलब्ध है. शायद यही वजह है कि अब सैनिटाइज करने के लिए इस सॉल्यूशन के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि निगम ने इस सोल्यूशन के इस्तेमाल का प्लान बनाने से पहले इसके साइड इफेक्ट पर गौर नहीं फरमाया.
'हाइड्रोजन पेरोक्साइड का सार्वजनिक इस्तेमाल करना गलत होगा'
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जयपुर जोन के संयुक्त निदेशक डॉ एसके भंडारी की मानें तो हाइड्रोजन पेरोक्साइड का सार्वजनिक इस्तेमाल करना गलत होगा. इससे व्यक्ति के आंखों में जलन, एलर्जी रिएक्शन, चेहरे और गले में सूजन, खुजली, चक्कर आने और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं हो सकती है. हाइड्रोजन पेरोक्साइड का इस्तेमाल सैनिटाइजेशन में होता जरूर है, लेकिन इसके साइड इफेक्ट भी हैं.