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प्रशासन शहरों के संग अभियान : पट्टे बांटने का टारगेट बढ़ा तो अब गली-मोहल्लों में लगाए जाएंगे कैंप - जयपुर न्यूज

प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत नगर निगमों को 20 हजार पट्टे बांटने का टारगेट दिया गया है. जिसके बाद अब निगम गली-मोहल्लों में शिविर लगाने की तैयारी कर रहा है.

Prashasan Shehro Sang Abhiyan, Jaipur news
प्रशासन शहरों के संग अभियान
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Published : Oct 25, 2021, 8:51 PM IST

जयपुर. प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prashasan Shehro Sang Abhiyan) में नगर निगमों को 20 हजार पट्टे बांटने हैं. ऐसे में सरकारी कार्यालयों के बजाय गली-मोहल्लों में जाकर शिविर लगाने की तैयारी की गई है. इसके साथ ही प्रत्येक जोन में एक उच्च अधिकारी को मॉनिटरिंग के लिए लगाया गया है. जो रिजेक्टेड और पेंडिंग आवेदनों में आ रही कमी को भी दूर करने का प्रयास करेंगे. वहीं जनप्रतिनिधियों को भी अब नियम-कायदे और राज्य सरकार की ओर से दी गई छूट की जानकारी देकर उन्हें भी मॉनिटरिंग के कार्य में लगाया जा रहा है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में हेरिटेज नगर निगम कमिश्नर अवधेश मीणा ने बताया कि अब तक सभी जोन और मुख्यालय पर करीब 5000 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. इनमें से 270 पट्टे बांटे जा चुके हैं. जबकि 1500 आवेदन वन्य भूमि या दूसरे कारणों की वजह से रिजेक्ट कर दिए गए हैं. अब हर केस की डिटेल बनाई जा रही है कि कौन सा आवेदन किस लेवल पर पेंडिंग है.

प्रशासन शहरों के संग अभियान

कुछ प्रकरणों में तकनीकी समस्या आ रही थी. जिन्हें राज्य सरकार की ओर से बनाई गई मार्गदर्शन कमेटी के पास भेजा गया हैं. इनके निस्तारण के साथ ही एक साथ तकरीबन 500 से ज्यादा पट्टों की राह खुल जाएगी. हालांकि, अब राज्य सरकार ने 20 हजार पट्टे वितरित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. जिस को ध्यान में रखते हुए आवेदनों की संख्या बढ़ाने के लिए गली-मोहल्लों और पब्लिक प्लेस पर जाकर कैंप लगाए जाएंगे. जिससे आम जनता सहज महसूस करें और इन आवेदनों के निस्तारण के लिए मॉनिटरिंग भी बढ़ाई गई है.

हर जोन लेवल पर अधिकारी नियुक्त

यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल (UDH Minister Shanti Dhariwal) के ग्रेटर नगर निगम में किए गए औचक निरीक्षण में सामने आया था कि कई आवेदन बेवजह रिजेक्ट कर दिए गए. हेरिटेज नगर निगम में ऐसा ना हो, इस संबंध में जानकारी देते हुए अवधेश मीणा ने बताया कि हर जोन लेवल पर अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. वो खुद, अतिरिक्त आयुक्त और कुछ वरिष्ठ उपायुक्त ये काम देख रहे हैं. निर्देश दिए गए हैं कि प्रत्येक फाइल को रिजेक्ट करने और पेंडिंग होने के कारणों को टटोल कर उन्हें दूर किया जाए.

यह भी पढ़ें. 10 लाख पट्टों के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अब निकायों को दिया गया टारगेट

वहीं जादुई धारा कही जाने वाली 69ए के तहत दिए जाने वाले पट्टों में पूरे प्रदेश में हेरिटेज नगर निगम सबसे आगे है. हालांकि ये संख्या महज 33 है. ऐसे में इसे लेकर पीठ नहीं थपथपाई जा सकती. क्योंकि परकोटा क्षेत्र में ही इससे जुड़े अधिकतर प्रकरण निस्तारित किए जाने हैं. इस संबंध में कमिश्नर ने बताया कि परकोटा क्षेत्र में अधिकतर धारा 69ए और स्टेट ग्रांट एक्ट के तहत पट्टे वितरित किए जाने हैं लेकिन इन प्रकरणों में कॉम्प्लिकेशन भी ज्यादा होती है. अब इस तरह के आवेदनों का डिस्पोज होना शुरू हो गया है. प्रचार-प्रसार के माध्यम से आमजन को जागरूक भी किया जा रहा है. और इसमें आम जनता के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों की भूमिका भी सुनिश्चित की जा रही है.

हालांकि, जनप्रतिनिधियों का रोष था कि उन्हें प्रशासन शहरों के संग अभियान से जुड़े शिविरों में जोड़ा नहीं जा रहा. इसे लेकर कमिश्नर ने कहा कि हाल ही में जोनवार पार्षदों को बुलाकर पट्टे देने संबंधी नियम-कानूनों और सरकार की ओर दी गई छूट को समझाया गया है. उन्होंने कहा कि वार्ड वाइज लगाए जा रहे कैंपों में कुछ पार्षद आवेदकों को लेकर भी पहुंचे हैं. लेकिन अब पार्षदों को मॉनिटरिंग कार्य में लगा कर ज्यादा से ज्यादा आवेदनों को डिस्पोज किया जाएगा.

जयपुर. प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prashasan Shehro Sang Abhiyan) में नगर निगमों को 20 हजार पट्टे बांटने हैं. ऐसे में सरकारी कार्यालयों के बजाय गली-मोहल्लों में जाकर शिविर लगाने की तैयारी की गई है. इसके साथ ही प्रत्येक जोन में एक उच्च अधिकारी को मॉनिटरिंग के लिए लगाया गया है. जो रिजेक्टेड और पेंडिंग आवेदनों में आ रही कमी को भी दूर करने का प्रयास करेंगे. वहीं जनप्रतिनिधियों को भी अब नियम-कायदे और राज्य सरकार की ओर से दी गई छूट की जानकारी देकर उन्हें भी मॉनिटरिंग के कार्य में लगाया जा रहा है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में हेरिटेज नगर निगम कमिश्नर अवधेश मीणा ने बताया कि अब तक सभी जोन और मुख्यालय पर करीब 5000 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. इनमें से 270 पट्टे बांटे जा चुके हैं. जबकि 1500 आवेदन वन्य भूमि या दूसरे कारणों की वजह से रिजेक्ट कर दिए गए हैं. अब हर केस की डिटेल बनाई जा रही है कि कौन सा आवेदन किस लेवल पर पेंडिंग है.

प्रशासन शहरों के संग अभियान

कुछ प्रकरणों में तकनीकी समस्या आ रही थी. जिन्हें राज्य सरकार की ओर से बनाई गई मार्गदर्शन कमेटी के पास भेजा गया हैं. इनके निस्तारण के साथ ही एक साथ तकरीबन 500 से ज्यादा पट्टों की राह खुल जाएगी. हालांकि, अब राज्य सरकार ने 20 हजार पट्टे वितरित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. जिस को ध्यान में रखते हुए आवेदनों की संख्या बढ़ाने के लिए गली-मोहल्लों और पब्लिक प्लेस पर जाकर कैंप लगाए जाएंगे. जिससे आम जनता सहज महसूस करें और इन आवेदनों के निस्तारण के लिए मॉनिटरिंग भी बढ़ाई गई है.

हर जोन लेवल पर अधिकारी नियुक्त

यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल (UDH Minister Shanti Dhariwal) के ग्रेटर नगर निगम में किए गए औचक निरीक्षण में सामने आया था कि कई आवेदन बेवजह रिजेक्ट कर दिए गए. हेरिटेज नगर निगम में ऐसा ना हो, इस संबंध में जानकारी देते हुए अवधेश मीणा ने बताया कि हर जोन लेवल पर अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. वो खुद, अतिरिक्त आयुक्त और कुछ वरिष्ठ उपायुक्त ये काम देख रहे हैं. निर्देश दिए गए हैं कि प्रत्येक फाइल को रिजेक्ट करने और पेंडिंग होने के कारणों को टटोल कर उन्हें दूर किया जाए.

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वहीं जादुई धारा कही जाने वाली 69ए के तहत दिए जाने वाले पट्टों में पूरे प्रदेश में हेरिटेज नगर निगम सबसे आगे है. हालांकि ये संख्या महज 33 है. ऐसे में इसे लेकर पीठ नहीं थपथपाई जा सकती. क्योंकि परकोटा क्षेत्र में ही इससे जुड़े अधिकतर प्रकरण निस्तारित किए जाने हैं. इस संबंध में कमिश्नर ने बताया कि परकोटा क्षेत्र में अधिकतर धारा 69ए और स्टेट ग्रांट एक्ट के तहत पट्टे वितरित किए जाने हैं लेकिन इन प्रकरणों में कॉम्प्लिकेशन भी ज्यादा होती है. अब इस तरह के आवेदनों का डिस्पोज होना शुरू हो गया है. प्रचार-प्रसार के माध्यम से आमजन को जागरूक भी किया जा रहा है. और इसमें आम जनता के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों की भूमिका भी सुनिश्चित की जा रही है.

हालांकि, जनप्रतिनिधियों का रोष था कि उन्हें प्रशासन शहरों के संग अभियान से जुड़े शिविरों में जोड़ा नहीं जा रहा. इसे लेकर कमिश्नर ने कहा कि हाल ही में जोनवार पार्षदों को बुलाकर पट्टे देने संबंधी नियम-कानूनों और सरकार की ओर दी गई छूट को समझाया गया है. उन्होंने कहा कि वार्ड वाइज लगाए जा रहे कैंपों में कुछ पार्षद आवेदकों को लेकर भी पहुंचे हैं. लेकिन अब पार्षदों को मॉनिटरिंग कार्य में लगा कर ज्यादा से ज्यादा आवेदनों को डिस्पोज किया जाएगा.

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