जयपुर. जेडीए ने 446 संस्थाओं को आवंटित भूमि की शर्तों की पालना के संबंध में सर्वे कार्य पूरा कर लिया है. अब इस रिपोर्ट के आधार पर 58 संस्थाओं को 1 महीने का नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री जन आवास योजना के आवास बनाने वाले विकासकर्ताओं की ओर से नियमों की पालना नहीं करने पर भी जेडीए सख्त हुआ है.
जयपुर विकास आयुक्त गौरव गोयल ने ईडब्ल्यूएस एलआईजी वर्ग के परिवारों को सस्ती दरों पर गुणवत्ता पूर्ण आवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत निर्मित आवासों और भूखंडों की प्रभावी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं. विभिन्न प्रावधानों के अंतर्गत निर्मित आवासों और भूखंडों के संबंध में जेडीए के वरिष्ठ अधिकारियों और उपायुक्तों की बैठक लेते हुए, जेडीसी ने विकासकर्ताओं की ओर से नियमों की पालना नहीं करने पर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए.
वहीं निजी विकासकर्ताओं की ओर से जोन उपायुक्त की उपस्थिति में ही आवासों और भूखंडों के लिए प्राप्त आवेदनों की लॉटरी निकाली जाएगी. वहीं विकासकर्ताओं की ओर से रहन रखे 12.5% भूखंडों और आवासों के संबंध में जोन उपायुक्तों को मौका निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए हैं.
बता दें कि जयपुर विकास प्राधिकरण और राज्य सरकार की ओर से भूमि कन्वर्जन भवन मानचित्र आदि के चार्जेस में छूट दी जाती है. ऐसे में जोन उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि अपने-अपने जोन क्षेत्र औद्योगिक क्षेत्र प्रहलादपुरा, वीकेआई, सीतापुरा के नजदीक मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत ईडब्ल्यूएस/एलआईजी फ्लैट के निर्माण के लिए भूमि का चिह्नीकरण किया जाए. जिससे जेडीए की ओर से आवास बनाकर सस्ती दरों पर जरूरतमंद परिवारों को आवास उपलब्ध करवाए जा सके.
जेडीसी ने उन 58 संस्थाओं को नोटिस जारी करने के भी निर्देश दिए, जिन्होंने आवंटित भूमि की शर्तों की पालना नहीं की है. साथ ही ऐसी सभी 446 संस्थाओं की सूची प्राधिकरण की वेबसाइट पर नए प्रारूप में अपलोड करने के भी निर्देश दिए हैं. साथ ही जिन संस्थाओं में सहदर्शित स्थान पर आमजन को दी जाने वाली सुविधाओं का सूचना बोर्ड नहीं लगा रखा है, उन्हें सूचना बोर्ड लगाए जाने के लिए जोन उपायुक्तों की ओर से नोटिस जारी किए जाएंगे.