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SPECIAL: उत्तर पश्चिम रेलवे ने ट्रेनों की बोगियों को बदलकर बनाये 266 आइसोलेशन वार्ड, बाकी यार्ड में खा रहे धूल - Jaipur Hindi News

कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ रहा है. अस्पतालों के अंतर्गत आइसोलेशन वार्ड की कमी पड़ने लगी है थी. ऐसे में केंद्र सरकार के द्वारा और रेलवे प्रशासन के द्वारा एक बड़ा कदम उठाते हुए देश के अंतर्गत कई ट्रेनों को आइसोलेशन कोच बनाने की बात भी कही गई थी. उत्तर पश्चिम रेलवे के द्वारा ट्रेनों की बोगियों को बदलकर 266 आइसोलेशन वार्ड भी बनाए गए थे. जिसमें से मात्र 150 उपयोग में आये और बाकी कोच धूल फांक रहे है.

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ट्रेनों की बोगियों को बदलकर बनाये 266 आइसोलेशन वार्ड
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Published : Oct 30, 2020, 1:41 PM IST

जयपुर. कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ रहा है. अस्पतालों के अंतर्गत आइसोलेशन वार्ड की कमी पड़ने लगी है थी. ऐसे में केंद्र सरकार के द्वारा और रेलवे प्रशासन के द्वारा एक बड़ा कदम उठाते हुए देश के अंतर्गत कई ट्रेनों को आइसोलेशन कोच बनाने की बात भी कही गई थी.

ट्रेनों की बोगियों को बदलकर बनाये 266 आइसोलेशन वार्ड

ऐसे में उत्तर पश्चिम रेलवे की बात करें तो उत्तर पश्चिम रेलवे के द्वारा ट्रेनों की बोगियों को बदलकर 266 आइसोलेशन वार्ड भी बनाए गए थे. लेकिन अब उस पर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं कि कोरोना वायरस के इस दौर में पैसों की खूब बर्बादी हुई है. संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए रेलवे ने ट्रेन के कई बोगियों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील तो किया, लेकिन सरकार ने अभी तक उन्हें उपयोग में नहीं लिया. उत्तर पश्चिम रेलवे में ट्रेनों की बोगियों को बदलकर 266 आइसोलेशन वार्ड बनाए गए थे. जबकि अब वह आइसोलेशन वार्ड में खड़े धूल फांक रहे हैं. इन पर हुआ खर्चा पानी में बह गया. यहां से 150 कोच दिल्ली भेजे गए थे. अभी भी बाकी कोच यार्ड में खड़े होकर धूल फांक रहे हैं. ऐसे में जनता के पैसों की भी कोरोना के बीच खूब बर्बादी हुई है.

केबिन में यह है व्यवस्था

बता दें कि प्रत्येक केबिन के अंतर्गत डस्टबिन, डिस्पोजल, बेड, चादर, तौलिया, थाली, प्लेट और गिलास आदि की व्यवस्था की गई है. साथ ही गेट और खिड़की को मच्छरदानी से पूरी तरह से बंद भी दिए गए हैं. एक कोच में डॉक्टर नर्स के अलावा 16 बेड की व्यवस्था भी की गई है. जिससे किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हो. लेकिन इस समय जनता के पैसे बर्बाद होते हुए भी यहां पर दिख रहे हैं.

पढ़ेंः बोनस की मांग को लेकर नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन और उत्तर पश्चिम रेलवे मजदूर संघ ने किया संयुक्त प्रदर्शन


4 हजार से अधिक रख सकते हैं मरीज

कोरोना संक्रमण के बढ़ने के कारण रेल मंत्रालय ने 20 हजार से ज्यादा ट्रेन के कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करने का निर्णय लिया था. उत्तर पश्चिम रेलवे जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर और अजमेर को आइसोलेशन वार्ड की जिम्मेदारी दी थी. ऐसे में उत्तर पश्चिम रेलवे ने 266 आइसोलेशन वार्ड बना लिए गए थे. जिसमें करीब 4 हजार से अधिक मरीजों को आइसोलेट करने के इंतजाम किए गए थे.

होम क्वॉरेंटाइन पर जोर

चिकित्सा विभाग क्वॉरेंटाइन पर खर्च कम करने के लिए होम क्वॉरेंटाइन पर ज्यादा जोर दे रहा है. सरकार भी इस प्रोजेक्ट पर अब रुचि नहीं दिखा रही है. ऐसे में 150 कोच ही दिल्ली भेजे गए हैं. लेकिन शेष कोच अभी भी अपने-अपने स्थानों पर ही खड़े हुए हैं.

यहां तैयार हुए आइसोलेशन वार्ड

  • अजमेर (मदार) 48 वार्ड
  • उदयपुर 37 वार्ड
  • जोधपुर 83 वार्ड
  • बीकानेर 33 वार्ड
  • लालगढ़ (बीकानेर) 17 वार्ड
  • जयपुर 48 वार्ड

जयपुर. कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ रहा है. अस्पतालों के अंतर्गत आइसोलेशन वार्ड की कमी पड़ने लगी है थी. ऐसे में केंद्र सरकार के द्वारा और रेलवे प्रशासन के द्वारा एक बड़ा कदम उठाते हुए देश के अंतर्गत कई ट्रेनों को आइसोलेशन कोच बनाने की बात भी कही गई थी.

ट्रेनों की बोगियों को बदलकर बनाये 266 आइसोलेशन वार्ड

ऐसे में उत्तर पश्चिम रेलवे की बात करें तो उत्तर पश्चिम रेलवे के द्वारा ट्रेनों की बोगियों को बदलकर 266 आइसोलेशन वार्ड भी बनाए गए थे. लेकिन अब उस पर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं कि कोरोना वायरस के इस दौर में पैसों की खूब बर्बादी हुई है. संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए रेलवे ने ट्रेन के कई बोगियों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील तो किया, लेकिन सरकार ने अभी तक उन्हें उपयोग में नहीं लिया. उत्तर पश्चिम रेलवे में ट्रेनों की बोगियों को बदलकर 266 आइसोलेशन वार्ड बनाए गए थे. जबकि अब वह आइसोलेशन वार्ड में खड़े धूल फांक रहे हैं. इन पर हुआ खर्चा पानी में बह गया. यहां से 150 कोच दिल्ली भेजे गए थे. अभी भी बाकी कोच यार्ड में खड़े होकर धूल फांक रहे हैं. ऐसे में जनता के पैसों की भी कोरोना के बीच खूब बर्बादी हुई है.

केबिन में यह है व्यवस्था

बता दें कि प्रत्येक केबिन के अंतर्गत डस्टबिन, डिस्पोजल, बेड, चादर, तौलिया, थाली, प्लेट और गिलास आदि की व्यवस्था की गई है. साथ ही गेट और खिड़की को मच्छरदानी से पूरी तरह से बंद भी दिए गए हैं. एक कोच में डॉक्टर नर्स के अलावा 16 बेड की व्यवस्था भी की गई है. जिससे किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हो. लेकिन इस समय जनता के पैसे बर्बाद होते हुए भी यहां पर दिख रहे हैं.

पढ़ेंः बोनस की मांग को लेकर नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन और उत्तर पश्चिम रेलवे मजदूर संघ ने किया संयुक्त प्रदर्शन


4 हजार से अधिक रख सकते हैं मरीज

कोरोना संक्रमण के बढ़ने के कारण रेल मंत्रालय ने 20 हजार से ज्यादा ट्रेन के कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करने का निर्णय लिया था. उत्तर पश्चिम रेलवे जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर और अजमेर को आइसोलेशन वार्ड की जिम्मेदारी दी थी. ऐसे में उत्तर पश्चिम रेलवे ने 266 आइसोलेशन वार्ड बना लिए गए थे. जिसमें करीब 4 हजार से अधिक मरीजों को आइसोलेट करने के इंतजाम किए गए थे.

होम क्वॉरेंटाइन पर जोर

चिकित्सा विभाग क्वॉरेंटाइन पर खर्च कम करने के लिए होम क्वॉरेंटाइन पर ज्यादा जोर दे रहा है. सरकार भी इस प्रोजेक्ट पर अब रुचि नहीं दिखा रही है. ऐसे में 150 कोच ही दिल्ली भेजे गए हैं. लेकिन शेष कोच अभी भी अपने-अपने स्थानों पर ही खड़े हुए हैं.

यहां तैयार हुए आइसोलेशन वार्ड

  • अजमेर (मदार) 48 वार्ड
  • उदयपुर 37 वार्ड
  • जोधपुर 83 वार्ड
  • बीकानेर 33 वार्ड
  • लालगढ़ (बीकानेर) 17 वार्ड
  • जयपुर 48 वार्ड
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