जयपुर. राजस्थान ने 10 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता विकसित कर सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश में सिरमौर बना (Rajasthan top in Solar energy) लेकिन राजस्थान के बिजली उपभोक्ताओं को ही इसका फायदा नहीं मिल पा रहा. इस क्षेत्र में निवेशकों के लिए सरकार कई छूट दे रही है, लेकिन जो बिजली उपभोक्ता रूफटॉप सोलर प्लांट लगवाना चाहते हैं, उन्हें राजस्थान में फिलहाल सरकारी अनुदान भी नहीं मिल रहा है.
सितंबर 2021 से नहीं मिल रही रूफटॉप सोलर प्लांट पर सब्सिडी: सौर ऊर्जा में सिरमौर राजस्थान के बिजली उपभोक्ता इन दिनों सरकारी बिजली कंपनी की लचर कार्यशैली से परेशान हैं. कारण है पूर्व में रूफटॉप सोलर प्लांट पर मिलने वाली सरकारी सब्सिडी का न मिल पाना. दरअसल यह सब्सिडी राज्य सरकार नहीं बल्कि केंद्र सरकार देती है. यह राज्य की बिजली कंपनी और ऊर्जा विभाग के जरिए दी जाती है. बकायदा इसके लिए हर राज्य को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में रूफटॉप लगवाने का टारगेट मिलता है.
इस बार जयपुर डिस्कॉम को 25 मेगावाट जबकि अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम को 15-15 मेगावाट का अनुदानित सोलर रूफटॉप प्लांट लगवाने का लक्ष्य मिला है. मतलब इस काम के लिए अब नोडल एजेंसी डिस्कॉम है, लेकिन अभी तो डिस्कॉम इस काम के लिए टेंडर करने में भी जुटी है जिसमें 3 से 4 महीने का समय जाया कर दिया गया. ऊर्जा मंत्री से लेकर विभाग के प्रमुख अधिकारियों को भी इसकी जानकारी है लेकिन आम उपभोक्ताओं को राहत देने वाली योजना पर किसी ने नजरें इनायत नहीं की है.
तीनों डिस्कॉम का टेंडर अजमेर डिस्कॉम के जिम्मे: केंद्र सरकार द्वारा तय निर्धारित मापदंड पूरा करने वाली कंपनियों के जरिये आम उपभोक्ताओं के छत पर अनुदानित सोलर रूफटॉप प्लांट लगाए जाते हैं जिस पर आम उपभोक्ताओं को 20 प्रतिशत से लेकर 40 फीसदी तक अनुदान मिलता है. केंद्र सरकार ने प्रदेश के तीनों डिस्कॉम में 55 मेगावाट रूफटॉप सोलर प्लांट लगवाने का लक्ष्य दिया है, जिस पर केंद्र सरकार अनुदान देगी. तीनों ही डिस्कॉम यह काम निर्धारित मापदंड पूरा करने वाली कंपनियों के जरिए करवाएगी और इसके लिए टेंडर देने की जिम्मेदारी अजमेर डिस्कॉम को दी गई थी. इसके टेंडर भी हुए लेकिन कुछ खामियां रह गई और अब दोबारा यही प्रक्रिया चल रही है. यह कब तक पूरी होगी, इसका जवाब ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के पास भी नहीं है.
उपभोक्ताओं को महंगी बिजली मिलने वाले प्रदेशों में शुमार है राजस्थान: राजस्थान भले ही सौर ऊर्जा उत्पादन में देश के सभी राज्यों से टॉप पर हो, लेकिन प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को इसका कोई फायदा राज्य सरकार ने अब तक नहीं दिलवाया है. आलम यह है कि जिस प्रदेश में सूर्य देव की अपार मेहरबानी तो है, लेकिन उसी राजस्थान की गिनती उन प्रदेशों में होती है जहां उपभोक्ताओं को सर्वाधिक महंगी बिजली मिलती है. हालांकि राजस्थान में किसानों को सरकार 90 पैसे प्रति यूनिट कृषि कनेक्शन पर बिजली देती है. इसकी सभी सब्सिडी खुद वहन करती है, लेकिन आम उपभोक्ता जो अपने पैसों से अपने ही घर की छत पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगवाना चाहता है, उसे सब्सिडी नहीं मिल पा रही.
सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान की यह है स्थिति: देश में स्थापित कुल 49 गीगावॉट क्षमता में अकेले राजस्थान में 10.5 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता विकसित कर ली है. इसमें भी पिछले 3 साल में साढे छह गीगावाट यानी 6552 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा विकसित की. वर्तमान में राजस्थान में 10506 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता विकसित कर देश में शीर्ष स्थान पर है जबकि दूसरे स्थान पर कर्नाटक और तीसरे स्थान पर गुजरात का नंबर आता है. 10506 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता में से 9542 मेगावाट क्षमता ग्राउंड माउंटेड 668 मेगावाट रूफटॉप और 296 मेगावाट सौर ऊर्जा ऑफग्रीड क्षेत्र में विकसित की गई है.