ETV Bharat / city

रेजिडेंट्स और सरकार के बीच वार्ता विफल, रेजिडेंट्स का कार्य बहिष्कार रहेगा जारी

राज्य सरकार की रेजीडेंट डॉक्टर्स पर लागू बॉन्ड नीति का विरोध जारी (Residents protest of Bond policy) है. इसके समाधान के लिए सरकार और रेजीडेंट डॉक्टर्स के बीच वार्ता हुई, लेकिन इसमें सहमति नहीं बनी. रेजीडेंट डॉक्टर्स की मांग है या तो उन्हें 5 माह का वेतन दिया जाए या बॉन्ड नीति में छूट दी जाए. हालांकि कल एक बार फिर वार्ता की जाएगी.

No result of residents and government talks over bond policy, work boycott to be continued
रेजिडेंट्स और सरकार के बीच वार्ता विफल, रेजिडेंट्स का कार्य बहिष्कार रहेगा जारी
author img

By

Published : Oct 7, 2022, 11:02 PM IST

Updated : Oct 7, 2022, 11:27 PM IST

जयपुर. रेजीडेंट्स डॉक्टर्स और सरकार के बीच देर रात तक चली वार्ता विफल हो गई है. जिसके बाद रेजिडेंट्स का कार्य बहिष्कार जारी रहेगा. रेजिडेंट्स की वार्ता चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया के साथ हुई, लेकिन ये वार्ता बेनतीजा (No result of residents and government talks) रही. जार्ड प्रतिनिधियों ने बताया कि बॉन्ड पॉलिसी को लेकर विसंगतियों को दूर नहीं किया जा रहा है. बॉन्ड नीति में छूट देने की मांग की जा रही है. कल एक बार फिर वार्ता की जाएगी.

रेजीडेंट चिकित्सक सरकार की बॉन्ड नीति के विरोध में उतर गए हैं और एसएमएस मेडिकल कॉलेज और इनसे जुड़े अस्पतालों में चिकित्सक संपूर्ण कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं. हालांकि इससे इमरजेंसी, ट्रॉमा सेवाओं को दूर रखा गया है. जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि बॉन्ड नीति में कई खामियां हैं, जिसे दूर किया जाए.

रेजिडेंट्स और सरकार के बीच वार्ता विफल

पढ़ें: रेजिडेंट्स जा सकते हैं अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, सरकार की बॉन्ड नीति पर उठे सवाल

वर्ष 2013-14 में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने रेजिडेंट चिकित्सकों को लेकर एक बॉन्ड नीति जारी की थी, जिसके तहत पीजी होने के पश्चात चिकित्सक को कुछ वर्ष सरकारी सेवा में नौकरी देनी होगी या फिर 25 लाख का बॉन्ड भरना होगा. लेकिन प्रदेशभर के रेजीडेंट चिकित्सक अब इस नीति के विरोध में उतर गए हैं. रेजीडेंट चिकित्सकों का कहना है कि हम बॉन्ड भरने को तैयार हैं, लेकिन बॉन्ड नीति बेहद जल्दबाजी में जारी की गई है. इसमें सुधार की जरूरत है. क्योंकि इससे रेजिडेंट चिकित्सकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

पढ़ें: बॉन्ड नीति में खामियों के विरोध में उतरे रेजिडेंट्स, सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार पर चिकित्सक

रेजिडेंट चिकित्सकों का कहना है कि राज्य सरकार की बॉन्ड नीति जल्दीबाजी, अपारदर्शिता एवं अपरिपक्व तरीके से लगाई गई है. बॉन्ड नीति की विज्ञप्ति निकाले जाने के बाद भी राजस्थान के सभी मेडिकल कॉलेजों में अभ्यर्थियों का बिना किसी पारदर्शी प्रक्रिया के सीनियर रेजिडेंट पदों पर नियुक्त हो जाना, भ्रष्टाचार और धांधली को प्रदर्शित करता है.

पढ़ें: अपनी मांगों को लेकर रेजिडेंट्स डॉक्टरों ने किया कार्य बहिष्कार, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

बॉन्ड नीति की प्रक्रिया इस साल परीक्षा के पूर्व ही शुरू हो जानी चाहिए थी, लेकिन वह अब 6 माह बाद अक्टूबर में शुरू की जा रही है. इस मध्य अवधि में सभी रेजिडेंट्स को बिना पूर्व सूचना तथा बॉन्ड की शर्तों के विपरीत दस्तावेज प्रदान नहीं करने एवं सरकार की लेटलतीफी से रेजिडेंट्स को 5 महीने का वेतन नहीं मिला. यह सरकार की प्रताड़ित करने वाली व दमनकारी नीति है. ऐसे में रेजिडेंट चिकित्सकों की मांग है कि इसके लिए राज्य सरकार रेजिडेंट्स को 5 माह का का वेतन दे या फिर बॉन्ड नीति में छूट दे.

जयपुर. रेजीडेंट्स डॉक्टर्स और सरकार के बीच देर रात तक चली वार्ता विफल हो गई है. जिसके बाद रेजिडेंट्स का कार्य बहिष्कार जारी रहेगा. रेजिडेंट्स की वार्ता चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया के साथ हुई, लेकिन ये वार्ता बेनतीजा (No result of residents and government talks) रही. जार्ड प्रतिनिधियों ने बताया कि बॉन्ड पॉलिसी को लेकर विसंगतियों को दूर नहीं किया जा रहा है. बॉन्ड नीति में छूट देने की मांग की जा रही है. कल एक बार फिर वार्ता की जाएगी.

रेजीडेंट चिकित्सक सरकार की बॉन्ड नीति के विरोध में उतर गए हैं और एसएमएस मेडिकल कॉलेज और इनसे जुड़े अस्पतालों में चिकित्सक संपूर्ण कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं. हालांकि इससे इमरजेंसी, ट्रॉमा सेवाओं को दूर रखा गया है. जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि बॉन्ड नीति में कई खामियां हैं, जिसे दूर किया जाए.

रेजिडेंट्स और सरकार के बीच वार्ता विफल

पढ़ें: रेजिडेंट्स जा सकते हैं अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, सरकार की बॉन्ड नीति पर उठे सवाल

वर्ष 2013-14 में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने रेजिडेंट चिकित्सकों को लेकर एक बॉन्ड नीति जारी की थी, जिसके तहत पीजी होने के पश्चात चिकित्सक को कुछ वर्ष सरकारी सेवा में नौकरी देनी होगी या फिर 25 लाख का बॉन्ड भरना होगा. लेकिन प्रदेशभर के रेजीडेंट चिकित्सक अब इस नीति के विरोध में उतर गए हैं. रेजीडेंट चिकित्सकों का कहना है कि हम बॉन्ड भरने को तैयार हैं, लेकिन बॉन्ड नीति बेहद जल्दबाजी में जारी की गई है. इसमें सुधार की जरूरत है. क्योंकि इससे रेजिडेंट चिकित्सकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

पढ़ें: बॉन्ड नीति में खामियों के विरोध में उतरे रेजिडेंट्स, सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार पर चिकित्सक

रेजिडेंट चिकित्सकों का कहना है कि राज्य सरकार की बॉन्ड नीति जल्दीबाजी, अपारदर्शिता एवं अपरिपक्व तरीके से लगाई गई है. बॉन्ड नीति की विज्ञप्ति निकाले जाने के बाद भी राजस्थान के सभी मेडिकल कॉलेजों में अभ्यर्थियों का बिना किसी पारदर्शी प्रक्रिया के सीनियर रेजिडेंट पदों पर नियुक्त हो जाना, भ्रष्टाचार और धांधली को प्रदर्शित करता है.

पढ़ें: अपनी मांगों को लेकर रेजिडेंट्स डॉक्टरों ने किया कार्य बहिष्कार, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

बॉन्ड नीति की प्रक्रिया इस साल परीक्षा के पूर्व ही शुरू हो जानी चाहिए थी, लेकिन वह अब 6 माह बाद अक्टूबर में शुरू की जा रही है. इस मध्य अवधि में सभी रेजिडेंट्स को बिना पूर्व सूचना तथा बॉन्ड की शर्तों के विपरीत दस्तावेज प्रदान नहीं करने एवं सरकार की लेटलतीफी से रेजिडेंट्स को 5 महीने का वेतन नहीं मिला. यह सरकार की प्रताड़ित करने वाली व दमनकारी नीति है. ऐसे में रेजिडेंट चिकित्सकों की मांग है कि इसके लिए राज्य सरकार रेजिडेंट्स को 5 माह का का वेतन दे या फिर बॉन्ड नीति में छूट दे.

Last Updated : Oct 7, 2022, 11:27 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.