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नवजात को सड़क किनारे फेंकने वाले मां-बाप का नहीं लगा सुराग, पुलिस कर रही तलाश

राजधानी जयपुर में भाई दूज के दिन एक नवजात को सड़क किनारे फेंकने वाले कलियुगी मां-बाप का अब तक कोई सुराग नहीं लग सका है. पुलिस इलाके की सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है, लेकिन अंधेरे के कारण कुछ साफ दिख नहीं रहा है.

Case of throwing newborn on the road
नवजात को सड़क किनारे फेंकने का मामला
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Published : Nov 19, 2020, 1:28 PM IST

जयपुर. राजधानी के परकोटे में भाई दूज की रात को प्लास्टिक के कट्टे में नवजात को डालकर गली में फेंकने वाले कलयुगी मां बाप का पुलिस अब तक कोई सुराग नहीं जुटा सकी है. इस स्थान पर नवजात को कट्टे में बंद कर फेंका गया था. उसके आसपास तकरीबन 20 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं लेकिन उनमें से ज्यादातर कैमरे खराब पड़े हैं. वहीं जो सीसीटीवी कैमरे चालू हालत में है तो उनमें नाइट विजन नहीं है जिसके चलते फुटेज में अंधेरे के सिवा कुछ भी नजर नहीं आ रहा है. हालांकि पुलिस ने दो सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को पेनड्राइव में लिया है और एक्सपर्ट से उसकी जांच करवाई जा रही है.

यह भी पढ़ें: जयपुर: खाकी वर्दी पहनकर बदमाशों ने की धन उगाही, वसूली नहीं देने पर ठेलाकर्मी पर तानी पिस्तौल

वहीं कोतवाली थाना पुलिस ने धारा 317 आईपीसी के तहत अज्ञात माता-पिता के खिलाफ मामला दर्ज किया है. उनियारों का रास्ता में जहां पर कट्टे में नवजात बच्चे को बंद करके फेंका गया था वहां आसपास भी पुलिस द्वारा प्रकरण को लेकर लोगों से पूछताछ की गई लेकिन कुछ भी सुराग नहीं लगा है. गली में अधिकांश दुकानें ही हैं जो कि भाई दूज के दिन बंद थीं जिसके चलते किसी ने भी नवजात को उस तरफ आते हुए नहीं देखा.

फिलहाल पुलिस प्रकरण की जांच में जुटी हुई है. गौरतलब है कि भाई दूज की रात को उनियारों के रास्ते में एक प्लास्टिक के कट्टे में बंद कर नवजात को गली के श्वान घसीट रहे थे. नवजात के रोने की आवाज सुन गली से गुजर रहे राहगीरों ने नवजात को धनवंतरि अस्पताल पहुंचाया गया, जहां नवजात की हालत नाजुक होने पर उसे जेके लोन अस्पताल रेफर किया गया जहां अस्पताल में इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई.

जयपुर. राजधानी के परकोटे में भाई दूज की रात को प्लास्टिक के कट्टे में नवजात को डालकर गली में फेंकने वाले कलयुगी मां बाप का पुलिस अब तक कोई सुराग नहीं जुटा सकी है. इस स्थान पर नवजात को कट्टे में बंद कर फेंका गया था. उसके आसपास तकरीबन 20 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं लेकिन उनमें से ज्यादातर कैमरे खराब पड़े हैं. वहीं जो सीसीटीवी कैमरे चालू हालत में है तो उनमें नाइट विजन नहीं है जिसके चलते फुटेज में अंधेरे के सिवा कुछ भी नजर नहीं आ रहा है. हालांकि पुलिस ने दो सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को पेनड्राइव में लिया है और एक्सपर्ट से उसकी जांच करवाई जा रही है.

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वहीं कोतवाली थाना पुलिस ने धारा 317 आईपीसी के तहत अज्ञात माता-पिता के खिलाफ मामला दर्ज किया है. उनियारों का रास्ता में जहां पर कट्टे में नवजात बच्चे को बंद करके फेंका गया था वहां आसपास भी पुलिस द्वारा प्रकरण को लेकर लोगों से पूछताछ की गई लेकिन कुछ भी सुराग नहीं लगा है. गली में अधिकांश दुकानें ही हैं जो कि भाई दूज के दिन बंद थीं जिसके चलते किसी ने भी नवजात को उस तरफ आते हुए नहीं देखा.

फिलहाल पुलिस प्रकरण की जांच में जुटी हुई है. गौरतलब है कि भाई दूज की रात को उनियारों के रास्ते में एक प्लास्टिक के कट्टे में बंद कर नवजात को गली के श्वान घसीट रहे थे. नवजात के रोने की आवाज सुन गली से गुजर रहे राहगीरों ने नवजात को धनवंतरि अस्पताल पहुंचाया गया, जहां नवजात की हालत नाजुक होने पर उसे जेके लोन अस्पताल रेफर किया गया जहां अस्पताल में इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई.

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