जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-4 ने जीएसटी चोरी के मामले में आरोपी ऋषिराज स्वामी और हरीश कुमार जैन की जमानत अर्जियों को खारिज कर दिया. अदालत ने कहा कि आरोपियों का अपराध देश की अर्थव्यवस्था को विपरीत रूप से प्रभावित करने वाला व्हाइट कॉलर अपराध है, ऐसे में उन्हें जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता.
आरोपियों की ओर से कहा गया कि उन्हें प्रकरण में झूठा फंसाया गया है. उनके किसी तरह का अनुसंधान भी शेष नहीं है. ऐसे में उन्हें नियमित जमानत पर रिहा किया जाए. आरोपियों ने कहा कि अगर नियमित जमानत का लाभ नहीं दिया जाता तो उन्हें कोरोना महामारी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश की रोशनी में छह सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी जाए.
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इसका विरोध करते हुए विभाग की ओर से कहा गया कि आरोपी ऋषिराज की ओर से अपनी फर्म में फर्जी खरीद-बेचान कर करीब 21 करोड़ रुपए के इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया गया है. इसी तरह हरीश जैन ने फर्जी फर्मों के जरिए 33 करोड़ रुपए से अधिक का अवैध लाभ उठाया. ऐसे में आरोपियों को जमानत नहीं दी जानी चाहिए, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपियों को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया.