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सरकारी कर्मचारी और अधिकारी को एक कॉमन मैन बनकर काम करना चाहिए: मुख्य सचिव - gehlot government news

गहलोत सरकार ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए निरंजन आर्य को मुख्य सचिव का जिम्मा सौंप दिया है. जिसके बाद निरंजन आर्य ने रविवार को पदभार ग्रहण कर लिया. इस दौरान उन्होने कहा कि सभी को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले, उनकी यही प्राथमिकता रहेगी.

IAS Niranjan Arya, gehlot government news
निरंजन आर्य ने सीएस का पदभार संभाला
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Published : Nov 1, 2020, 5:31 PM IST

जयपुर. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने रविवार को पदभार ग्रहण कर लिया. पदभार ग्रहण करने के साथ ही निरंजन आर्य ने कहा की हम सबकी जिम्मेदारी है कि गांव के अंतिम छोर पर बैठे हुए व्यक्ति को सरकार की योजनाओं का लाभ मिले. गुड गवर्नेंस देना कर्मचारी अधिकारी की जिम्मेदारी है. पदभार ग्रहण करने के दौरान निरंजन आर्य की पत्नी संगीता आर्य भी सचिवालय में मौजूद रहीं.

निरंजन आर्य ने सीएस का पदभार संभाला

गहलोत सरकार ने शनिवार मध्य रात्रि को 21 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए. साथ ही गहलोत सरकार के वित्त विभाग का जिम्मा संभाल रहे अतिरिक्त मुख्य सचिव निरंजन आर्य को मुख्य सचिव बनाया गया. मुख्य सचिव बनने के साथ ही आर्य ने रविवार को अवकाश के दिन सचिवालय पहुंचकर पदभार ग्रहण किया.

पदभार ग्रहण करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए निरंजन आर्य ने कहा कि गांव ढाणी के अंतिम छोर पर बैठे हुए व्यक्ति को लाभ मिले, यह उनकी प्राथमिकता होगी. सरकारी कर्मचारी अधिकारी को एक कॉमन मैन की तरह काम करना चाहिए. जिससे कोई भी व्यक्ति अगर उनके पास किसी परेशानी को लेकर आता है तो वह उसे बड़ी सहजता के साथ कह सके.

कोरोना के चलते आर्थिक हालात खराब

निरंजन आर्य ने कहा कि यह सही है कि कोरोना के वक्त में उनके सामने आर्थिक स्थिति को बनाए रखना बड़ी चुनौती होगी. कोरोना में जरूर आर्थिक ठहराव आया है. लॉकडाउन की वजह से वित्तीय दबाव बढ़ गया है लेकिन सरकार ने ऑवर ड्राफ्ट की स्थिति में प्रदेश को नहीं आने दिया. जबकि कई राज्यों में आर्थिक स्थिति बिगड़ने की वजह से हालात बिगड़ गए हैं. साथ ही आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व की वजह से आज प्रदेश बेहतर स्थिति में है. उन्होंने कहा कि कोशिश होगी कि आर्थिक हालातों को बेहतर स्थिति में करते हुए गुड गवर्नेंस दें.

यह भी पढ़ें. लोकसभा स्पीकर ने किया सबसे पहले वोट, कहा- पंचायत, नगर निगम से लेकर संसद तक खत्म हो हंगामे की प्रवृत्ति

निरंजन आर्य ने सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा कि मीटिंग करना फाइलों से जुड़ा कामकाज को निपटाना उनकी प्राथमिकता में जरूर है लेकिन उसके साथ उनकी जो सबसे बड़ी प्राथमिकता है वह है अंतिम छोर पर बैठे में व्यक्ति के बारे में सोचना कि उसको किस तरह से लाभ मिले और उसकी परेशानी को किस तरह से दूर किया जा सके, यह भी एक बड़ी जिम्मेदारी होनी चाहिए.

जयपुर. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने रविवार को पदभार ग्रहण कर लिया. पदभार ग्रहण करने के साथ ही निरंजन आर्य ने कहा की हम सबकी जिम्मेदारी है कि गांव के अंतिम छोर पर बैठे हुए व्यक्ति को सरकार की योजनाओं का लाभ मिले. गुड गवर्नेंस देना कर्मचारी अधिकारी की जिम्मेदारी है. पदभार ग्रहण करने के दौरान निरंजन आर्य की पत्नी संगीता आर्य भी सचिवालय में मौजूद रहीं.

निरंजन आर्य ने सीएस का पदभार संभाला

गहलोत सरकार ने शनिवार मध्य रात्रि को 21 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए. साथ ही गहलोत सरकार के वित्त विभाग का जिम्मा संभाल रहे अतिरिक्त मुख्य सचिव निरंजन आर्य को मुख्य सचिव बनाया गया. मुख्य सचिव बनने के साथ ही आर्य ने रविवार को अवकाश के दिन सचिवालय पहुंचकर पदभार ग्रहण किया.

पदभार ग्रहण करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए निरंजन आर्य ने कहा कि गांव ढाणी के अंतिम छोर पर बैठे हुए व्यक्ति को लाभ मिले, यह उनकी प्राथमिकता होगी. सरकारी कर्मचारी अधिकारी को एक कॉमन मैन की तरह काम करना चाहिए. जिससे कोई भी व्यक्ति अगर उनके पास किसी परेशानी को लेकर आता है तो वह उसे बड़ी सहजता के साथ कह सके.

कोरोना के चलते आर्थिक हालात खराब

निरंजन आर्य ने कहा कि यह सही है कि कोरोना के वक्त में उनके सामने आर्थिक स्थिति को बनाए रखना बड़ी चुनौती होगी. कोरोना में जरूर आर्थिक ठहराव आया है. लॉकडाउन की वजह से वित्तीय दबाव बढ़ गया है लेकिन सरकार ने ऑवर ड्राफ्ट की स्थिति में प्रदेश को नहीं आने दिया. जबकि कई राज्यों में आर्थिक स्थिति बिगड़ने की वजह से हालात बिगड़ गए हैं. साथ ही आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व की वजह से आज प्रदेश बेहतर स्थिति में है. उन्होंने कहा कि कोशिश होगी कि आर्थिक हालातों को बेहतर स्थिति में करते हुए गुड गवर्नेंस दें.

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निरंजन आर्य ने सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा कि मीटिंग करना फाइलों से जुड़ा कामकाज को निपटाना उनकी प्राथमिकता में जरूर है लेकिन उसके साथ उनकी जो सबसे बड़ी प्राथमिकता है वह है अंतिम छोर पर बैठे में व्यक्ति के बारे में सोचना कि उसको किस तरह से लाभ मिले और उसकी परेशानी को किस तरह से दूर किया जा सके, यह भी एक बड़ी जिम्मेदारी होनी चाहिए.

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