जयपुर. राज्य मंत्रि परिषद की बैठक में बताया गया कि त्योहारी सीजन, सर्दी के मौसम, चुनाव और विवाह समारोहों आदि के आयोजन के चलते पिछले कुछ समय से कोरोना संक्रमण के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है. कोरोना पॉजिटिव की संख्या में लगातार वृद्धि को देखते हुए विश्व के कई देशों और देश के कई राज्यों ने एहतियातन कदम उठाए हैं.
बैठक में बताया गया कि हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने स्कूल-कॉलेज खोले थे. लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक सप्ताह में ही उन्हें वापस बंद करने का निर्णय लेना पड़ा. वहीं दिल्ली और महाराष्ट्र में छठ पूजा जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजनों पर भी रोक लगाई गई है. बैठक में इस पर चर्चा की गई कि नवंबर महीने में प्रदेश में भी प्रतिदिन कोरोना पॉजिटिव केसेज की संख्या 1,700 से बढ़कर 3,000 प्रतिदिन हो गई है.
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प्रदेश के आठ जिलों में कोरोना पॉजिटिव रोगियों की संख्या अचानक बढ़ी है. सर्दी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए आने वाले दिनों में कोरोना संक्रमण की स्थिति अधिक गंभीर होने की आशंका है. ऐसे में लोगों के जीवन की रक्षा करने तथा मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित करते हुए कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार की ओर से विशेष कदम उठाए जा रहे हैं. मास्क नहीं पहनने पर लगाया जाने वाला जुर्माना बढ़ाकर अब 500 रुपए कर दिया गया है. पहले यह जुर्माना राशि 200 रुपए थी.
8 जिला मुख्यालयों पर लगेगा Night Curfew
- राज्य मंत्रि परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित आठ जिला मुख्यालयों जयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर, उदयपुर, अजमेर, अलवर और भीलवाड़ा के नगरीय क्षेत्र में बाजार, रेस्टोरेंट, शॉपिंग मॉल और अन्य वाणिज्यिक संस्थान रात 7 बजे तक ही खुले रहेंगे.
- इन आठ जिला मुख्यालयों के नगरीय क्षेत्र में रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक Night Curfew रहेगा. इस नाइट कर्फ्यू के दौरान विवाह समारोह में जाने वाले, दवाइयों सहित अतिआवश्यक सेवाओं से संबंधित लोगों तथा बस, ट्रेन और हवाई जहाज में सफर करने वालों को आवागमन के लिए Night Curfew के दौरान छूट रहेगा.
- कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित प्रदेश के आठ जिलों जयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर, उदयपुर, अजमेर, अलवर और भीलवाड़ा में जिला मुख्यालय स्थित नगरीय क्षेत्र में ऐसे राजकीय एवं निजी कार्यालयों व संस्थान जहां 100 से अधिक कार्मिक कार्यरत हैं, वहां कार्य दिवसों में कार्मिकों की उपस्थिति 75 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी. इन संस्थानों और कार्यालयों में स्टॉफ को रोटेशन के आधार पर बुलाया जाएगा. ताकि किसी भी वर्किंग-डे पर 75 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी कार्यालय में उपस्थित न हों.
- बैठक में तय किया गया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में पूरे प्रदेश में विवाह समारोह सहित राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक इत्यादि आयोजनों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या अधिकतम 100 होगी. राज्य सरकार के इन दिशा-निर्देशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.
- कोविड का इलाज कर रहे निजी अस्पतालों में भी रोगी की मांग पर राजकीय कोविड चिकित्सालयों की तरह डे-केयर उपचार की अनुमति राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर होगी. डे-केयर उपचार के तहत कम गंभीर कोविड रोगियों को जरूरी दवाइयां एवं अन्य चिकित्सा उपलब्ध कराने के बाद दो-तीन घंटे के भीतर वापस घर भेजा जा सकेगा. डे-केयर सुविधा से अस्पतालों में भर्ती होने के लिए आने वाले गंभीर रोगियों को बिस्तर की उपलब्धता में आसानी रहेगी.
- निजी मेडिकल कॉलेजों से जुड़े कुछ अस्पताल जरूरत पड़ने पर कोविड डेडिकेटड अस्पताल बनाने के लिए अधिगृहित करने हेतु सैद्धान्तिक सहमति दी गई. इसकी विस्तृत प्रक्रिया तय करने और कार्रवाई के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया है. मेडिकल कॉलेज तृतीय वर्ष एवं चतुर्थ वर्ष के मेडिकल छात्रों की कक्षाएं शुरू कर सकेंगे. इन मेडिकल छात्रों को कोविड- 19 के लिए ड्यूटी पर भी लगाया जा सकेगा.
- प्रदेश के जिन कन्टेनमेंट क्षेत्रों में पॉजिटिव रोगी अधिक मिले हैं, वहां चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा घर-घर विशेष सर्वे करवाया जाएगा और सर्विलांस टीमों को एक्टिव किया जाएगा. साथ ही लक्ष्य आधारित टेस्टिंग को भी बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे कि शुरूआती दौर में संक्रमण की पहचान होकर समय पर उपचार किया जा सके.