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निकाय चुनाव में होगा मल्टी पोस्ट सिंगल वोट EVM का उपयोग, मशीन की कमी को देखते हुए निकाला हल

प्रदेश में निकाय और पंचायत चुनाव में इस बार मल्टी पोस्ट सिंगल वोट ईवीएम का उपयोग होगा. बार-बार हो रहे चुनावों के चलते निर्वाचन विभाग के सामने पर्याप्त संख्या में ईवीएम उपलब्ध नहीं होने की समस्या आ रही है. ऐसे में निर्वाचन विभाग ने इस समस्या का हल निकालते हुए इस नई तकनीक का पहली बार इस्तेमाल होगा.

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Published : Jul 31, 2019, 5:46 PM IST

election department use new technology in election

जयपुर. प्रदेश में नवंबर से फरवरी तक नगर निकायों के साथ ही पंचायतों के चुनाव होने हैं. छोटे लेवल पर होने वाले चुनाव में किसी भी तरह से आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हो. इसको लेकर निर्वाचन विभाग ने सभी जिला कलेक्टर और एसपी को को निर्देश जारी कर दिए हैं. निर्वाचन विभाग इस बार निकाय और पंचायत चुनाव में नई तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है. बार-बार हो रहे चुनावों के चलते निर्वाचन विभाग के सामने पर्याप्त संख्या में ईवीएम उपलब्ध नहीं होने की समस्या आ रही है. ऐसे में इस समस्या से निजात पाने के लिए निर्वाचन विभाग चुनाव में मल्टी पोस्ट सिंगल वोट ईवीएम का उपयोग करेगा.

निकाय चुनाव में होगा मल्टी पोस्ट सिंगल वोट EVM का उपयोग

दरअसल नगर निकाय और पंचायत चुनाव में अध्यक्ष पदों के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे. ऐसे में मल्टी पोस्ट सिंगल वोट ईवीएम से सदस्य और अध्यक्ष दोनों के चुनाव एक साथ कराए जा सकेंगे. इसके लिए एक कंट्रोल यूनिट व नोटा सहित चुनाव प्रत्याशियों की संख्या के अनुसार अलग-अलग बैलेट यूनिट लगाई जाएगी. मल्टी पोस्ट सिंगल वोट ईवीएम की कंट्रोल यूनिट में एक डिवाइस है. जिसे सिक्योर डिटैचेबल मेमोरी मॉड्यूल यानि एसडीएमएम कहा जाता है. एसडीएमएम में सदस्य और अध्यक्ष पदों के मतदान का डाटा संगठित हो जाएगा. एसडीएमएम को कंट्रोल यूनिट से हटाए जाने के बाद नए एसडीएमएम लगाकर ईवीएम को फिर से निर्वाचन के काम में लिया जा सकता है.

यह भी पढ़ें- उदयपुर में एसीबी की बड़ी कार्रवाई, लेखा विभाग के दो अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी

अध्यक्ष और सदस्यों के निर्वाचन के बाद एसडीएमएम को सील करने की प्रक्रिया के विस्तृत दिशा-निर्देश भी राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी कर दिए हैं. ऐसे में अब प्रदेश में होने वाले नगर निकाय और पंचायत चुनाव में बिना देरी किए तय समय पर चुनाव संपन्न कराए जा सकेंगे.

जयपुर. प्रदेश में नवंबर से फरवरी तक नगर निकायों के साथ ही पंचायतों के चुनाव होने हैं. छोटे लेवल पर होने वाले चुनाव में किसी भी तरह से आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हो. इसको लेकर निर्वाचन विभाग ने सभी जिला कलेक्टर और एसपी को को निर्देश जारी कर दिए हैं. निर्वाचन विभाग इस बार निकाय और पंचायत चुनाव में नई तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है. बार-बार हो रहे चुनावों के चलते निर्वाचन विभाग के सामने पर्याप्त संख्या में ईवीएम उपलब्ध नहीं होने की समस्या आ रही है. ऐसे में इस समस्या से निजात पाने के लिए निर्वाचन विभाग चुनाव में मल्टी पोस्ट सिंगल वोट ईवीएम का उपयोग करेगा.

निकाय चुनाव में होगा मल्टी पोस्ट सिंगल वोट EVM का उपयोग

दरअसल नगर निकाय और पंचायत चुनाव में अध्यक्ष पदों के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे. ऐसे में मल्टी पोस्ट सिंगल वोट ईवीएम से सदस्य और अध्यक्ष दोनों के चुनाव एक साथ कराए जा सकेंगे. इसके लिए एक कंट्रोल यूनिट व नोटा सहित चुनाव प्रत्याशियों की संख्या के अनुसार अलग-अलग बैलेट यूनिट लगाई जाएगी. मल्टी पोस्ट सिंगल वोट ईवीएम की कंट्रोल यूनिट में एक डिवाइस है. जिसे सिक्योर डिटैचेबल मेमोरी मॉड्यूल यानि एसडीएमएम कहा जाता है. एसडीएमएम में सदस्य और अध्यक्ष पदों के मतदान का डाटा संगठित हो जाएगा. एसडीएमएम को कंट्रोल यूनिट से हटाए जाने के बाद नए एसडीएमएम लगाकर ईवीएम को फिर से निर्वाचन के काम में लिया जा सकता है.

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अध्यक्ष और सदस्यों के निर्वाचन के बाद एसडीएमएम को सील करने की प्रक्रिया के विस्तृत दिशा-निर्देश भी राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी कर दिए हैं. ऐसे में अब प्रदेश में होने वाले नगर निकाय और पंचायत चुनाव में बिना देरी किए तय समय पर चुनाव संपन्न कराए जा सकेंगे.

Intro:
जयपुर

निकाय चुनाव में होगा मल्टीपोस्ट सिंगल वोट ईवीएम का उपयोग , चुनाव में ईवीएम की कमी को देखते हुए निकाला हल , इस बार निकाय ओर पंचायत चुनाव में होगा पहली बार उपयोग

एंकर:- प्रदेश में होने वाली निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव में इस बार मल्टीपोर्ट सिगनल वोट ईवीएम का उपयोग होगा , बार बार विधानसभा , नगर निकायों , पंचायत राज चुनाव होने से अक्सर पर्याप्त संख्या में ईवीएम उपलब्ध नही होने के चलते ये समस्या सामने आती है , खासतौर से जब उपचुनाव हो या यह में चुनाव सभी में ईवीएम का इस्तेमाल होना है ऐसे में इस समस्या का हल निकालते हुए निर्वाचन आयोग इस नई तकनीक का पहली बार इस्तेमाल होगा ।


Body:VO:- प्रदेश में नवंबर से फरवरी तक नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव होने हैं निर्वाचन विभाग ने इसको लेकर सभी जिला कलेक्टर को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं छोटी लेवल पर होने वाले चुनाव में किस तरह की कोई आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हो , उसको लेकर खास तौर पर ध्यान रखने के निर्देश सभी जिला कलेक्टर और एसपी को दिए गए हैं लेकिन इस बार निकाय और पंचायत चुनाव में निर्वाचन विभाग नई तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है , बार बार हो रहे चुनाव के चलते निर्वाचन विभाग के सामने ईवीएम पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं होने की समस्या सामने आ रही है ऐसे में इस समस्या से निजात पाने के लिए निर्वाचन विभाग चुनाव में मल्टीपोस्ट सिगनल वोट ई वी एम का उपयोग करेगा दरअसल नगर निकाय और पंचायत चुनाव में अध्यक्ष पदों के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे ऐसे में मल्टी पोस्ट सिंगल वोट मशीन से सदस्य और अध्यक्ष दोनों के चुनाव एक साथ कराए जा सकेंगे इसके लिए एक कंट्रोल यूनिट व नोटा सहित चुनाव प्रत्याशियों की संख्या के अनुसार जरूरत को देखते हुए अलग-अलग बैलट यूनिट लगाई जाएगी , मल्टी फॉर सिगनल वोट ईवीएम की कंट्रोल यूनिट में एक डिवाइस है जिसे सिक्योर डिटैचेबल मेमोरी मोटोलिया ने एसडीएम कहा जाता है एसडीएम के सदस्य और अध्यक्ष पदों दोनों के मतदान से डाटा संगठित हो जाएगा एसडीएम को कंट्रोल यूनिट से जो हटाए जाने के बाद कंट्रोल यूनिट में नए एसडीएमएम लगाए जाकर ईवीएम को फिर से निर्वाचन के काम में लिया जा सकता है।


Conclusion:VO:- अध्यक्ष और सदस्यों के निर्वाचन के बाद एसडीएमएम को सील करने की प्रक्रिया के विस्तृत दिशा-निर्देश भी राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी कर दिए हैं ऐसे में अब प्रदेश में होने वाले नगर निकाय और पंचायत चुनाव में बिना किसी विलंब किए तय समय पर चुनाव संपन्न कराए जा सकेंगे ।
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