जयपुर. प्रदेश में नवंबर से फरवरी तक नगर निकायों के साथ ही पंचायतों के चुनाव होने हैं. छोटे लेवल पर होने वाले चुनाव में किसी भी तरह से आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हो. इसको लेकर निर्वाचन विभाग ने सभी जिला कलेक्टर और एसपी को को निर्देश जारी कर दिए हैं. निर्वाचन विभाग इस बार निकाय और पंचायत चुनाव में नई तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है. बार-बार हो रहे चुनावों के चलते निर्वाचन विभाग के सामने पर्याप्त संख्या में ईवीएम उपलब्ध नहीं होने की समस्या आ रही है. ऐसे में इस समस्या से निजात पाने के लिए निर्वाचन विभाग चुनाव में मल्टी पोस्ट सिंगल वोट ईवीएम का उपयोग करेगा.
दरअसल नगर निकाय और पंचायत चुनाव में अध्यक्ष पदों के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे. ऐसे में मल्टी पोस्ट सिंगल वोट ईवीएम से सदस्य और अध्यक्ष दोनों के चुनाव एक साथ कराए जा सकेंगे. इसके लिए एक कंट्रोल यूनिट व नोटा सहित चुनाव प्रत्याशियों की संख्या के अनुसार अलग-अलग बैलेट यूनिट लगाई जाएगी. मल्टी पोस्ट सिंगल वोट ईवीएम की कंट्रोल यूनिट में एक डिवाइस है. जिसे सिक्योर डिटैचेबल मेमोरी मॉड्यूल यानि एसडीएमएम कहा जाता है. एसडीएमएम में सदस्य और अध्यक्ष पदों के मतदान का डाटा संगठित हो जाएगा. एसडीएमएम को कंट्रोल यूनिट से हटाए जाने के बाद नए एसडीएमएम लगाकर ईवीएम को फिर से निर्वाचन के काम में लिया जा सकता है.
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अध्यक्ष और सदस्यों के निर्वाचन के बाद एसडीएमएम को सील करने की प्रक्रिया के विस्तृत दिशा-निर्देश भी राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी कर दिए हैं. ऐसे में अब प्रदेश में होने वाले नगर निकाय और पंचायत चुनाव में बिना देरी किए तय समय पर चुनाव संपन्न कराए जा सकेंगे.