जयपुर. कुशवाहा माली आरक्षण संघर्ष समिति की मांगों पर सहमति बन गई (Kushwaha Mali Aarakshan Sangharsh Samiti) है. संघर्ष समिति ने सोमवार देर शाम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की. इस दौरान सीएम गहलोत के साथ हुई वार्ता में 12 प्रतिशत आरक्षण सहित 11 सूत्री मांगों पर सहमति बनी. वार्ता के बाद संघर्ष समिति ने कहा कि सीएम गहलोत के साथ सकारात्मक वार्ता हुई है, हमारी जो भी मांग थी सरकार ने उन पर सहमति जताई है.
सीएम से बनी बात: संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी ने बताया कि कुशवाहा माली आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता सोमवार देर रात संपन्न हुई. जिसमें राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल के रूप में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के मंत्री टीकाराम जूली के साथ सरकार के आला अधिकारी और आरक्षण संघर्ष समिति के 11 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल उपस्थित रहे. वार्ता में लवकुश फुले कल्याण बोर्ड पर सहमति को आधारभूत संरचना देने के लिए सीएम ने मंजूरी दी. साथ ही 12 प्रतिशत आरक्षण को लेकर आगामी प्रक्रिया के लिए संबंधित विभाग के मंत्री को आगामी प्रक्रिया के लिए आयोग को चिट्ठी लिखने का आदेश दिया.
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इन मांगों पर बनी सहमति: आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेश मीडिया प्रभारी डीके कुशवाहा ने बताया कि मुख्यमंत्री के सामने 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग रखी, जिस पर सीएम गहलोत ने सहमति जताई. गहलोत ने प्रकिया को चालू कराने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को आयोग को चिट्ठी लिखने का आदेश दिया. इसके साथ 9 सितम्बर 2022 को प्रस्तावित लव-कुश फुले कल्याण बोर्ड पर सभी की सहमति से मुख्यमंत्री ने लव-कुश फुले कल्याण बोर्ड के गठन को मंजूरी दी. साथ ही इस बोर्ड पर काम शुरू करने का मंत्री और अधिकारियों को आदेश दिया.
बैठक में कुशवाहा, माली, सैनी, शाक्य और मौर्य समाज के लोगों पर लगे मुकदमों पर कोर्ट का हवाला देते हुए सहमति नहीं बनी. उन्होंने कहा कि मुकदमा कानूनी प्रकिया के अधीन रहेगा. इसके साथ प्रत्येक जिला स्तर पर बच्चों के लिए छात्रावास के लिए जमीन आवंटित करने के भी संबंधित विभाग के अधिकारियों को आदेश दिए.
आरक्षण पर ये हुई बात: आरक्षण संघर्ष समिति की मुख्य 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग पर सीएम गहलोत ने संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल से विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि यह रोहिणी कमेटी के अधीन है. रोहिणी कमेटी की रिपोर्ट जनवरी 2023 में आएगी. लेकिन समाज की आरक्षण से संबंधित प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए आयोग को चिट्ठी सरकार की ओर से भेज दी जाएगी. साथ ही चोपड़ा कमेटी और संविधान के अनुच्छेद 16 (4) और संविधान संशोधन 105 पर भी विस्तृत चर्चा की गई.