जयपुर. एंटीक आइटम्स की जांच करने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एएसआई और नेशनल म्यूजियम की टीम दिल्ली से जयपुर आएगी. दिल्ली से टीम आने के बाद ही एंटीक आइटम्स की कीमत का आकलन किया जाएगा. एंटीक आइटम्स काफी मात्रा में मिले हैं, जिनका आकलन करने में समय लग सकता है. कार्रवाई में आयकर विभाग की कार्रवाई में अघोषित आय का आंकड़ा और भी ज्यादा बढ़ सकता है.
ज्वेलर्स ग्रुप की सुरंग में मिले एंटीक आइटम्स की जांच करके यह भी पता लगाया जाएगा कि एंटीक आइटम्स कितने साल पुराने हैं. एंटीक आइटम्स की कीमत समेत अन्य बातों का आकलन दिल्ली से टीम आने के बाद ही हो पाएगा. विभाग की टीम ज्वेलर्स समूह के ठिकाने पर दस्तावेजों की जांच में जुटी हुई है. ज्वैलर्स के मिले एंटीक आइटम ज्वेलरी और अन्य दस्तावेजों के मूल्यांकन करने में अभी आयकर विभाग को काफी समय लग सकता है. आयकर विभाग की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है, जिसमें इतना लग रहा है. सिल्वर आर्ट ग्रुप के ठिकाने पर मिले सबूतों का विभाग फॉरेंसिक एनालिसिस करवा रहा है. राजस्थान के इतिहास में यह कार्रवाई सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है.
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19 जनवरी को जयपुर में तीन कारोबारी समूह के ठिकानों पर कार्रवाई शुरू की गई थी. सिल्वर आर्ट ग्रुप की सुरंग से मिले एंटीक आइटम्स और कोडवर्ड में मिली अघोषित संपत्ति के दस्तावेजों ने आयकर विभाग की कार्रवाई को लंबा कर दिया है. कार्रवाई को लेकर आयकर विभाग के अधिकारियों की ओर से कोई स्टेटमेंट भी अभी तक जारी नहीं हुआ है. सिल्वर आर्ट ग्रुप के ठिकाने पर अघोषित आय का आकलन 700 करोड़ से भी ज्यादा हो चुका था, जिसके बाद सुरंग में कई करोड़ों का हिसाब मिला है, जिससे अब यह आकलन कई गुना बढ़ सकता है.
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सिल्वर आर्ट ग्रुप के ठिकाने पर करोड़ों रुपए के एंटीक आइटम्स मिले हैं, जिनको लेकर डीजीजीआई ने भी जांच शुरू कर दी है. डीजीजीआई की ओर से जीएसटी एक्ट के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. जेम्स एंड ज्वेलरी के साथ प्रिसियस एंड सेमी प्रिसियस स्टोन और एंटीक आइटम जीएसटी के दायरे में आते हैं, जिस पर जीएसटी नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. जयपुर पुलिस एंटीक आइटम्स को लेकर कार्रवाई करेगी. पुलिस अभी आयकर विभाग की कार्रवाई खत्म होने का इंतजार कर रही है. आयकर विभाग की कार्रवाई को खत्म होने के बाद पुलिस भी विदेशियों को एंटीक सामान बेचने के मामले में जांच पड़ताल करेगी.
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बता दें कि आयकर विभाग को सिल्वर आर्ट ग्रुप की सुरंग में बेनामी संपत्ति के काफी सबूत मिले हैं. दस्तावेज और एंटीक सामान के साथ कोड वर्ड में लेन-देन का ब्योरा मिला है. यह ब्योरा डि-कोड होने पर करोड़ों की बेनामी संपत्ति और अघोषित लेन-देन का खुलासा कर सकता है. आयकर विभाग कारोबारी की अघोषित आय की गणना करने में जुटा हुआ है. जयपुर में गोकुल कृपा ग्रुप, सिल्वर एंड आर्ट ग्रुप और चौरडिया बिल्डकॉन ग्रुप के छापेमार कार्रवाई की गई है. सिल्वर एंड आर्ट ग्रुप के आमेर रोड स्थित कार्यालय पर छापेमार कार्रवाई जारी है.
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कार्रवाई पूरी होने पर अघोषित आय 2,000 करोड़ को पार कर सकती है. एंटीक आइटम्स को विदेशियों को बेचने के भी सबूत मिले हैं. ज्वेलर्स समूह के ठिकाने पर बेनामी संपत्ति के काफी सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर बेनामी संपत्ति का आकलन किया जा रहा है. पीएमएलए एक्ट के तहत बेनामी संपत्ति जप्त की जा सकती है. सिल्वर आर्ट ग्रुप के अलावा चोरडिया ग्रुप और गोकुल कृपा ग्रुप पर भी छापे मार कार्रवाई पूरी हो चुकी है. अब तीनों ग्रुपों को मिलाकर आयकर विभाग की कार्रवाई के दौरान अघोषित आय का आंकड़ा 2,000 करोड़ को पार कर सकता है.
इनकम टैक्स डीजी इन्वेस्टिगेशन 31 जनवरी को होंगे रिटायर
इनकम टैक्स डीजी इन्वेस्टिगेशन सुमंत सिन्हा 31 जनवरी को रिटायर हो रहे हैं. डीजी इन्वेस्टिगेशन सुमंत सिन्हा ने इनकम टैक्स की इस बड़ी कार्रवाई का भी नेतृत्व किया है. डीजी इन्वेस्टिगेशन सुमंत सिन्हा को आयकर इन्वेस्टिगेशन का 15 साल का अनुभव है. सुमन सिंहा साल 1987 बैच के आईआरएस अफसर हैं. वह अपने 34 साल के कैरियर में चार साल प्रवर्तन निदेशालय ईडी में काम कर चुके हैं. साथ ही आयकर विभाग के महत्वपूर्ण कार्यों में उनका अहम योगदान रहा है.