जयपुर. मांसपेशियों में खिंचाव के साथ-साथ खेल के दौरान खिलाड़ियों को लगने वाले ऐसी चोटों के लिए अब अलग-अलग स्पोर्ट्स टेपिंग की जाने लगी है. इससे खिलाड़ियों को चोट में तुरंत राहत तो मिलती ही है. साथ ही चोट के ज्यादा गंभीर होने से भी बचा जा सकता है. स्पोर्ट्स एक्टिविटीज में लगने वाली चोटों को लेकर उपचार की नई तकनीकों पर शुक्रवार से तीन दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस आईएएसएमकॉन 2020 का शुभारंभ हुआ. जिसमें देश विदेश के स्पोर्ट्स इंजीनियर विशेषज्ञों ने मंथन किया.
कॉन्फ्रेंस का आयोजन एशियन फुटबॉल कॉन्फेड्रेशन, स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन, आरसीए और जेएमए की ओर से किया जा रहा है. कॉन्फ्रेंस के आयोजक डॉ. विक्रम शर्मा ने बताया कि, पहले दिन चार वर्कशॉप आयोजित की गई, जिसमें स्पोर्ट्स टेपिंग, टीम फिजिशियन कोर्स, बेसिक लाइफ सपोर्ट और स्पोर्ट्स न्यूट्रीशन पर एक्सपर्ट्स ने जानकारी दी. इस दौरान नेशनल और इंटरनेशनल स्पोर्ट्स टीम के साथ फिजियोथेरेपी के लिए आवश्यक कोर्स के बारे में बताया गया.
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एक्यूट इंजरी में मददगार स्पोर्ट्स टेपिंग...
स्पोर्ट्स इंजरी वर्कशॉप में इंडियन क्रिकेट टीम और हॉकी टीम के पूर्व से जो डॉक्टर जॉन ग्लॉस्टर और डॉक्टर श्रीकांत अयंगन स्पोर्ट्स टेपिंग के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि खिलाड़ी को एक्यूट स्पोर्ट्स इंजरी होने पर रिजिड टेपिंग से तुरंत राहत दी जा सकती है. क्योंकि यह हार्ड होती हैं और प्रभावित टिश्यू को फिक्स कर देते हैं. वहीं सामान्य गतिविधियों में चोटिल होने पर कायनेसियो टेपिंग से इंजरी को हील करने में मदद की जाती है. इसे जरूरत के हिसाब से स्ट्रेच किया जा सकता है. टीम फिजिशियन कोर्स में विशेषज्ञों ने खिलाड़ी की जांच करना, खेलते वक्त शारीरिक समस्याओं, चोट लगने पर प्राइमरी ट्रीटमेंट और स्पोर्ट्स इंजरी के बेसिक पर जानकारी दी.