जयपुर. पुलिस मुख्यालय की क्राइम ब्रांच टीम की तरफ से चित्तौड़गढ़ के निकुंभ थाना इलाके में कार्रवाई करते हुए 210 किलो डोडा जब्त कर 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. बता दें कि अब इसके बाद पूरे प्रकरण में नारकोटिक्स विभाग की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. पुलिस की तरफ से तस्करों से बरामद किए गए डोडे में 60 प्रतिशत वो डोडा है जिसमें चीरा नहीं लगा हुआ है. जिसे नष्ट करने के आदेश दिए गए थे और नारकोटिक्स विभाग कि ओर से जिसे दस्तावेजों में नष्ट करना बताया गया है.
इस मामले में एडीजी क्राइम बीएल सोनी ने बताया कि तस्करों से बरामद किए गए 210 किलो डोडे में 60 प्रतिशत वह डोडा है, जिसमें मोरफिन की मात्रा काफी अधिक है. जिसमें किसी भी तरह का कोई कट नहीं लगा हुआ है. इस डोडे को नारकोटिक्स विभाग की ओर से नष्ट करने के आदेश देने के बाद दस्तावेजों में नष्ट करना बता कर तस्करों को बेचने के लिए सौंप दिया गया.
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इस बात का खुलासा होने के बाद इस पूरे प्रकरण में अब नारकोटिक्स विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत का अंदेशा जताया जा रहा है. हालांकि पुलिस मुख्यालय से आला अधिकारियों ने चित्तौड़गढ़ रेंज आईजी और एसपी को इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही पुलिस गिरफ्त में दोनों तस्करों से भी जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है.