जयपुर. कोरोना संक्रमण अब इंसानों से जानवरों में भी फैलने लगा है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में एशियाटिक लायन त्रिपुर के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है. कोरोना पॉजिटिव पाए गए शेर त्रिपुर पूरी तरह से फिट नजर आ रहा है. खाना पीना और उसके एक्टिविटीज भी पूरी तरह सामान्य देखी जा रही है.
ऐसे में त्रिपुर के कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट पर भी संदेह बना हुआ है. इसे एसिंप्टोमेटिक माना जा रहा है. शेर त्रिपुर को अलग रखा गया है, हालांकि वन विभाग की ओर से पूरा एतिहाद बरता जा रहा है. वन्यजीवों की हर मूवमेंट पर निगरानी रखी जा रही है, ताकि वन्यजीवों में संक्रमण नहीं फैले.
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से 13 बिग कैट्स के सैंपल जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भेजे गए थे. आईवीआरआई बरेली की जांच रिपोर्ट में लॉयन त्रिपुर के कोरोनावायरस पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है. वन विभाग की ओर से सभी वन्यजीवों के स्वस्थ होने की बात भी कही जा रही है.
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के वन्यजीवों में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आए हैं. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में मौजूद बिग कैट्स के सैंपल दोबारा जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भेजे गए हैं. ऐसे में अब आईवीआरआई बरेली की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण नई दिल्ली की ओर से 30 अप्रैल को जारी निर्देशों की पालना में 7 मई को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में रहवास कर रहे शेर त्रिपुर, तारा और सृष्टि समेत बाघ रंभा, महक, नाहर, रानी, सफेद बाघ चीनू और पैंथर कृष्णा के सैंपल कोविड-19 की जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भेजे गए थे. सैंपलिंग के समय सभी वन्यजीवो में कोविड-19 के कोई लक्षण नहीं थे.
नाहरगढ़ जैविक उद्यान के सभी प्राणियों की ओर से सामान्य आहार लिया जा रहा है. सैंपल भेजने के बाद से अभी तक वन्यजीवों और नाहरगढ़ जैविक उद्यान के अन्य प्राणियों में कोई कोविड-19 से संबंधित किसी प्रकार के लक्षण दिखाई नहीं दिए है. नाहरगढ़ जैविक उद्यान में वरिष्ठ पशु चिकित्सक की ओर से कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए वन्यजीवों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक दवाइयां दी गई है.
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नाहरगढ़ जैविक उद्यान में कोविड-19 के संबंध में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण नई दिल्ली के दिशा-निर्देशों की पालना की जा रही है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के वन्यजीवों में कोविड के लक्षण नजर नहीं आए. इसको देखते हुए वन्यजीवों के सैंपल वापस दोबारा जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भेजे गए हैं. किसी भी वन्यजीव में स्निफिंग, नेजर डिस्चार्ज, पूर्व लैंड डिस्चार्ज, डिस्कंफर्ट, एनोरेक्सिया, डलनेस, और खाना पीना छोड़ ना जैसे कोई भी सिम्टम्स नजर नहीं आए हैं. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क मौजूद सभी बिग केट्स का खाना-पीना सामान्य है, सभी वन्यजीवों का व्यवहार भी नॉर्मल है.
वन्यजीवों में कोविड के लक्षण नजर आते हैं, जैसे की नाक बहना, कफिंग रहना, खाना पीना नहीं लेना, एनिमल डिस्कंफर्ट, डलनेस समेत अन्य लक्षण नजर आते हैं. कोरोना के संक्रमण को देखते हुए नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीवों की विशेष मॉनिटरिंग की जा रही है. वन्यजीवों के प्रत्येक एंक्लोजर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनके ओर से 24 घंटे मॉनिटरिंग की जा रही है. वन्यजीवों की देखरेख करने वाले केयरटेकर भी प्रोटोकॉल की पालना करते हुए अपना काम करते हैं.
केयरटेकर पीपीई किट पहनकर ही एंक्लोजर में जाता है. एंक्लोजर को बार-बार सैनिटाइज किया जाता है. एंक्लोजर में जाने से पहले पोटेशियम परमैंगनेट सॉल्यूशन से फुट वॉश किए जाते हैं. वन विभाग के सभी कर्मचारी और अधिकारी भी कोविड प्रोटोकॉल की पालना करते हुए सावधानीपूर्वक रहते हैं, ताकि कोरोना संक्रमण की संभावना इंसानों से वन्यजीवों में नहीं रहे.
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में सभी एनिमल्स की डीवार्मिंग कर दी गई है. मिनरल्स और कैल्शियम की खुराक दी जा रही है. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए भी दवाइयां दी जा रही है. वन्यजीवों में इम्यूनिटी बनी रहे इसके लिए वन्यजीवों को इम्यूनिटी बूस्टर दिए जा रहे हैं. इसके साथ ही वन्यजीवों की डाइट में भी विशेष परिवर्तन किया गया है.