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5 अप्रैल को 9 बजे ही क्यों जलाएं दीप, क्या है 9 के आंकड़े का रहस्य - राजस्थान में दीप जलाए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश से आह्वान किया है कि पूरा देश 5 अप्रैल की रात को एक साथ 9 बजे 9 मिनट के लिए दीपक या मोमबत्ती जलाएं या फिर प्रकाश करे. लेकिन इसका साफ कारण खुद प्रधानमंत्री ने बताया था कि कोरोना जो अनिश्चितता का अंधकार लेकर आया है उसको संकल्प के प्रकाश से हराना है.

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9 बजे ही क्यों जलाएं दीप
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Published : Apr 4, 2020, 4:14 PM IST

Updated : Apr 4, 2020, 4:29 PM IST

जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर पूरे देश से आह्वान किया है कि पूरा देश 5 अप्रैल को एक साथ रात को 9 बजे 9 मिनट के लिए दीपक या मोमबत्ती जलाएं या फिर प्रकाश करे. इससे पहले पीएम मोदी ने 25 मार्च को पूरे देश को शाम 5 बजे 5 मिनट के लिए बर्तन और घंटी बजाने के लिए कहा था और पूरे देश ने इसका पालन किया था. प्रधानमंत्री के इस आव्हान को पूरे देश में बड़ी हैरानी से देखा जा रहा है. ऐसे में कई सवाल है कि आखिर पीएम मोदी ऐसा करने के लिए क्यों कह रहे है.

5 अप्रैल को 9 बजे ही क्यों जलाएं दीप, क्या है 9 के आंकड़े का रहस्य, जानिए

दरअसल, पीएम मोदी ने 9 बजे, 9 मिनट ही दीपक जलाने का ही क्यों जरिया बनाया है, वो भी 5 अप्रैल को ही क्यों. तो इसके पीछे बड़ी गहरी सकारात्मक सोच है और परम्परा के सूत्र है. पीएम मोदी ने रोशनी करने के लिए ही क्यों कहा और इसके लिए दीपक, कैंडल और मोमबत्ती आदि जलाने के लिए ही क्यों कहा, इसका साफ कारण खुद प्रधानमंत्री ने बताया था. कोरोना जो अनिश्चितता का अंधकार लेकर आया है उसको संकल्प के प्रकाश से हराना है.

पढ़ेंः कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों पर सरकार लगाए रासुका- मुस्लिम परिषद

बता दें कि भारतीय परंपरा में ऐतिहासिक तौर पर रोशनी का बड़ा ही महत्व है. हिन्दू धर्म में दीप को आत्मा और ईश्वर का प्रतीक माना गया है. ये धर्म और विजय का सूचक भी होता है. धर्म में रोग को अंधकार और आआसुरी शक्तियों का सहायक माना गया है. जिसे हराने के लिए देवी शक्ति के प्रतीक चिन्ह के रूप में हर शाम दीप जलाने की बात कही गई है. इस लिए धर्म ग्रंथो में दीप को बुझाना घोर पाप बताया गया है और जो नियमित रूप से दीप जलाते है, उनके लिए उत्तम लोक पाने की बात कही गई है.

ऐसे में पीएम मोदी ने 5 अप्रैल को ही क्यों चुना है

बता दें कि, रविवार को संध्याकाल में त्रियोदशी तिथि लग रही है. धर्मग्रंथों के अनुसार इस तिथि की देवी जया है जो देवी दुर्गा के साथ चलने वाली योगिनी है. यहीं देवी युद्ध के मैदान में आगे बढ़कर योद्धाओं को विजय बनाती है. इसलिए आम दिनों में भी इसी तिथि को एक दीपक घर के बाहर जलाना बड़ा ही शुभ और फलदायी माना गया है.

पढ़ेंः लॉक डाउन: जयपुर में दुकानों और मंडियों में अभी भी जनता की भीड़ उमड़ रही

गौरतलब है कि दीप कभी भी समसंख्या में नहीं जलाना चाहिए. इस लिए दीपक या तो 1, 3, 5 जलाएं या फिर 7 और 9. अब सवाल है कि 9 ही क्यों तो इसका जवाब यह है कि 9 नंबर भारतीय परंपरा में शुभ माना गया है. साथ ही पूजन में मंत्रो को 9 बार ही पढ़ा जाता है और नवदुर्गा और रामनवमी जैसे पर्व में 9वें दिन का खास महत्व है. इसलिए प्रधानमंत्री मोदी खुद सुबह 9 बजे संबोधित करने आए थे और 9 मिनट ही बोले. साथ ही 5 मार्च के बाद कोरोना लॉकडाउन में 9 दिन ही बचेंगे. वहीं चौथा माह और 5 तारीख को जोड़ेगे तो भी 9 का योग बनेगा.

जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर पूरे देश से आह्वान किया है कि पूरा देश 5 अप्रैल को एक साथ रात को 9 बजे 9 मिनट के लिए दीपक या मोमबत्ती जलाएं या फिर प्रकाश करे. इससे पहले पीएम मोदी ने 25 मार्च को पूरे देश को शाम 5 बजे 5 मिनट के लिए बर्तन और घंटी बजाने के लिए कहा था और पूरे देश ने इसका पालन किया था. प्रधानमंत्री के इस आव्हान को पूरे देश में बड़ी हैरानी से देखा जा रहा है. ऐसे में कई सवाल है कि आखिर पीएम मोदी ऐसा करने के लिए क्यों कह रहे है.

5 अप्रैल को 9 बजे ही क्यों जलाएं दीप, क्या है 9 के आंकड़े का रहस्य, जानिए

दरअसल, पीएम मोदी ने 9 बजे, 9 मिनट ही दीपक जलाने का ही क्यों जरिया बनाया है, वो भी 5 अप्रैल को ही क्यों. तो इसके पीछे बड़ी गहरी सकारात्मक सोच है और परम्परा के सूत्र है. पीएम मोदी ने रोशनी करने के लिए ही क्यों कहा और इसके लिए दीपक, कैंडल और मोमबत्ती आदि जलाने के लिए ही क्यों कहा, इसका साफ कारण खुद प्रधानमंत्री ने बताया था. कोरोना जो अनिश्चितता का अंधकार लेकर आया है उसको संकल्प के प्रकाश से हराना है.

पढ़ेंः कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों पर सरकार लगाए रासुका- मुस्लिम परिषद

बता दें कि भारतीय परंपरा में ऐतिहासिक तौर पर रोशनी का बड़ा ही महत्व है. हिन्दू धर्म में दीप को आत्मा और ईश्वर का प्रतीक माना गया है. ये धर्म और विजय का सूचक भी होता है. धर्म में रोग को अंधकार और आआसुरी शक्तियों का सहायक माना गया है. जिसे हराने के लिए देवी शक्ति के प्रतीक चिन्ह के रूप में हर शाम दीप जलाने की बात कही गई है. इस लिए धर्म ग्रंथो में दीप को बुझाना घोर पाप बताया गया है और जो नियमित रूप से दीप जलाते है, उनके लिए उत्तम लोक पाने की बात कही गई है.

ऐसे में पीएम मोदी ने 5 अप्रैल को ही क्यों चुना है

बता दें कि, रविवार को संध्याकाल में त्रियोदशी तिथि लग रही है. धर्मग्रंथों के अनुसार इस तिथि की देवी जया है जो देवी दुर्गा के साथ चलने वाली योगिनी है. यहीं देवी युद्ध के मैदान में आगे बढ़कर योद्धाओं को विजय बनाती है. इसलिए आम दिनों में भी इसी तिथि को एक दीपक घर के बाहर जलाना बड़ा ही शुभ और फलदायी माना गया है.

पढ़ेंः लॉक डाउन: जयपुर में दुकानों और मंडियों में अभी भी जनता की भीड़ उमड़ रही

गौरतलब है कि दीप कभी भी समसंख्या में नहीं जलाना चाहिए. इस लिए दीपक या तो 1, 3, 5 जलाएं या फिर 7 और 9. अब सवाल है कि 9 ही क्यों तो इसका जवाब यह है कि 9 नंबर भारतीय परंपरा में शुभ माना गया है. साथ ही पूजन में मंत्रो को 9 बार ही पढ़ा जाता है और नवदुर्गा और रामनवमी जैसे पर्व में 9वें दिन का खास महत्व है. इसलिए प्रधानमंत्री मोदी खुद सुबह 9 बजे संबोधित करने आए थे और 9 मिनट ही बोले. साथ ही 5 मार्च के बाद कोरोना लॉकडाउन में 9 दिन ही बचेंगे. वहीं चौथा माह और 5 तारीख को जोड़ेगे तो भी 9 का योग बनेगा.

Last Updated : Apr 4, 2020, 4:29 PM IST
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