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1 मई से समर्थन मूल्य पर सरसों और चने की खरीद होगी शुरू, 782 खरीद केंद्र स्थापित - 782 खरीद केंद्र स्थापित

सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेश पाल गंगवार ने बुधवार को कृषि पंत भवन में सहकारिता व कृषि अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने बताया कि प्रदेश में आगामी 1 मई से सरसों और चने की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू होगी. इसके लिए 782 खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं.

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1 मई से सरसों और चने की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू
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Published : Apr 29, 2020, 7:33 PM IST

जयपुर. प्रदेश में आगामी 1 मई से सरसों और चने की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू होगी. इसके लिए 782 खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं. वहीं सीधी खरीद के लिए 1426 प्रोसेसिंग यूनिट को लाइसेंस भी जारी कर दिया गया है. यह जानकारी सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेश पाल गंगवार ने दी. गंगवार ने बुधवार को कृषि पंत भवन में सहकारिता व कृषि अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया. इस दौरान उनके साथ सहकारिता विभाग के आला अधिकारी भी मौजूद रहे.

1 मई से सरसों और चने की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू

गंगवार ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में खरीद केंद्रों की संख्या दोगुनी से अधिक करके किसानों को अपने खेत के नजदीक उपज बेचने की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि 90 दिन तक होने वाली खरीद में 16.62 लाख मीट्रिक टन सरसों और चना की खरीदी जानी है. गंगवार के अनुसार कोविड-19 की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए खरीद प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपादित करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि 1 मई से वापस पंजीयन भी प्रारंभ किया जा रहा है.

सीधी खरीद हेतु ये की गई है व्यवस्था

बैठक के दौरान विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि किसानों से सीधी खरीद के लिए 136 मुख्य अनाज मंडियों में से 130 मंडियों, 296 गौण मंडियों में से 280 मंडियों ने अपना काम शुरू कर दिया है. 1426 कृषि प्रसंस्करण यूनिट को लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं. जिसमें से 197 काम कर रहे हैं और 560 गौण मंडियों में घोषित जीएसएस व केवीएसएस में से 220 ने कार्य भी शुरू कर दिया है.

उन्होंने निर्देश दिए कि कृषि क्षेत्र को छोड़कर शेष क्षेत्रों में समन्वय बनाकर किसानों से सीधी खरीद हेतु प्रोत्साहित किया जाए और अक्रियाशील गौण मंडियों को सक्रिय किया जाए. गंगवार ने सम्मेद मंडियों में और खरीद केंद्रों पर छाया, पानी और बिजली की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए. इस दौरान गंगवार ने बताया कि प्रदेश में 1 लाख से अधिक किसानों को 250 करोड़ रुपये से अधिक का सहकारी फसली ऋण वितरित हो चुका है.

पढ़ें. कोरोना LIVE : 24 घंटे में 73 मौतें, संक्रमितों का आंकड़ा 31 हजार के पार

कोटा संभाग में 5500 से अधिक किसानों से हुई खरीद

बता दें कि कोटा संभाग में 16 अप्रैल से जारी समर्थन मूल्य पर खरीद के दौरान अब तक 5500 से अधिक किसानों से 19 हजार 412 मीट्रिक टन की खरीद हो चुकी है. राजफैड की प्रबंध निदेशक सुषमा अरोड़ा ने बताया कि कोटा संभाग में किसानों को 37 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि किसानों को तीन से चार दिन में भुगतान हो सके इसके लिए ईडब्ल्यूआर को शीघ्र भिजवाया जाए. साथ ही कहा कि 1 महीने तक की खरीद के लिए बारदाने की व्यवस्था हो चुकी है और भंडारण के लिए गोदामों की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है. वहीं 1 मई से खरीद के लिए किसानों को एसएमएस किए जा चुके हैं.

जयपुर. प्रदेश में आगामी 1 मई से सरसों और चने की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू होगी. इसके लिए 782 खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं. वहीं सीधी खरीद के लिए 1426 प्रोसेसिंग यूनिट को लाइसेंस भी जारी कर दिया गया है. यह जानकारी सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेश पाल गंगवार ने दी. गंगवार ने बुधवार को कृषि पंत भवन में सहकारिता व कृषि अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया. इस दौरान उनके साथ सहकारिता विभाग के आला अधिकारी भी मौजूद रहे.

1 मई से सरसों और चने की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू

गंगवार ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में खरीद केंद्रों की संख्या दोगुनी से अधिक करके किसानों को अपने खेत के नजदीक उपज बेचने की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि 90 दिन तक होने वाली खरीद में 16.62 लाख मीट्रिक टन सरसों और चना की खरीदी जानी है. गंगवार के अनुसार कोविड-19 की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए खरीद प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपादित करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि 1 मई से वापस पंजीयन भी प्रारंभ किया जा रहा है.

सीधी खरीद हेतु ये की गई है व्यवस्था

बैठक के दौरान विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि किसानों से सीधी खरीद के लिए 136 मुख्य अनाज मंडियों में से 130 मंडियों, 296 गौण मंडियों में से 280 मंडियों ने अपना काम शुरू कर दिया है. 1426 कृषि प्रसंस्करण यूनिट को लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं. जिसमें से 197 काम कर रहे हैं और 560 गौण मंडियों में घोषित जीएसएस व केवीएसएस में से 220 ने कार्य भी शुरू कर दिया है.

उन्होंने निर्देश दिए कि कृषि क्षेत्र को छोड़कर शेष क्षेत्रों में समन्वय बनाकर किसानों से सीधी खरीद हेतु प्रोत्साहित किया जाए और अक्रियाशील गौण मंडियों को सक्रिय किया जाए. गंगवार ने सम्मेद मंडियों में और खरीद केंद्रों पर छाया, पानी और बिजली की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए. इस दौरान गंगवार ने बताया कि प्रदेश में 1 लाख से अधिक किसानों को 250 करोड़ रुपये से अधिक का सहकारी फसली ऋण वितरित हो चुका है.

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कोटा संभाग में 5500 से अधिक किसानों से हुई खरीद

बता दें कि कोटा संभाग में 16 अप्रैल से जारी समर्थन मूल्य पर खरीद के दौरान अब तक 5500 से अधिक किसानों से 19 हजार 412 मीट्रिक टन की खरीद हो चुकी है. राजफैड की प्रबंध निदेशक सुषमा अरोड़ा ने बताया कि कोटा संभाग में किसानों को 37 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि किसानों को तीन से चार दिन में भुगतान हो सके इसके लिए ईडब्ल्यूआर को शीघ्र भिजवाया जाए. साथ ही कहा कि 1 महीने तक की खरीद के लिए बारदाने की व्यवस्था हो चुकी है और भंडारण के लिए गोदामों की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है. वहीं 1 मई से खरीद के लिए किसानों को एसएमएस किए जा चुके हैं.

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