जयपुर. जयपुर नगर निगम हेरिटेज में 30 मुस्लिम पार्षदों के जीत कर आने के बावजूद कांग्रेस द्वारा गैर मुस्लिम ओबीसी को महापौर पद का प्रत्याशी बनाने से मुस्लिम समाज में कांग्रेस के प्रति गहरी नाराजगी उभर कर सामने आई है. सबसे ज्यादा गुस्सा मुख्य सचेतक महेश जोशी और दो मुस्लिम विधायक अमीन कागजी और रफीक खान को लेकर है.
सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की पत्रकार वार्ता के दौरान मुस्लिम समुदाय की नाराजगी पर जवाब देते हुए गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रजातंत्र पर विश्वास रखती है. एक भी पार्षद यदि आकर ये कहे कि हमारा हक था और हमें नहीं दिया गया. निश्चित रूप से हर समाज में ये चर्चा चलती रहती है, लेकिन नगर निगम को लेकर जो फैसला किया गया है, वो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के नाते मेरे द्वारा किया गया है और जो सभी पार्षदों और जनप्रतिनिधियों की राय थी. उनकी सर्वसम्मति से फैसले पर मुहर लगाई गई.
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इससे पहले रविवार को कांग्रेसी विधायकों ने पत्रकार वार्ता कर अपना पक्ष रखा. मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि मुनेश गुर्जर को लेकर कांग्रेस का एक पार्षद भी कह दे कि वो सहमत नहीं है, तो हम अपनी गलती मान लेंगे. मेयर के नाम पर सभी से सहमति मांगी गई. महेश जोशी की इस बात पर सभी पार्षदों ने हाथ उठाकर अपनी सहमति भी व्यक्त की और पार्टी के फैसले को सर्वमान्य बताया.
वहीं विधायक अमीन कागजी ने पार्टी का पक्ष रखते हुए कहा कि जो मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधि पार्षदों से मिलना चाहते थे, उन्हें मौका जरूर दिया गया था. समुदाय के पहले 5 और फिर 11 लोगों को पार्षदों से मिलने पर रजामंद भी हुए, लेकिन वो खुद 11 लोगों को फाइनल नहीं कर पाए. फिर भी उनसे वार्ता के दरवाजे हमेशा खुले हैं. उन्होंने तर्क दिया कि भले ही कांग्रेस के टिकट पर अल्पसंख्यक समुदाय के 21 पार्षद जीत कर आए हो, लेकिन 26 अन्य भी तो जीत कर आए हैं और पार्टी को सभी की सहमति से कार्य करना होता है.
बता दें कि शुक्रवार को मुस्लिम प्रतिनिधि कूकस स्थित निजी होटल में मौजूदा मुस्लिम पार्षदों से चर्चा करने पहुंचे थे. लेकिन उन्हें बीच रात में ही रोक दिया गया. हालांकि यहां वार्ता के लिए मुख्य सचेतक महेश जोशी जरूर पहुंचे थे. लेकिन यहां मुस्लिम समुदाय ने उन्हें जमकर खरी-खोटी सुनाई. इस पर महेश जोशी ने कहा कि चुनाव के बाद आप लोग जहां कहेंगे वहां आकर जवाब दूंगा. साथ ही पार्षदों से मिलाने का भी आश्वासन दिया था. हालांकि ये मुलाकात हो नहीं पाई और बाद में मुस्लिम समुदाय यहां से नाराज होकर लौटा.