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राजस्थान में साल 2020 में 14.21 फीसदी कम हुआ अपराध लेकिन हत्या के मामले बढ़ें

राजस्थान पुलिस के डीजीपी एम.एल लाठर ने सोमवार को प्रेसवार्ता का आयोजन कर 2020 में हुए अपराधों का ब्योरा पेश किया. जिसमें साल 2020 में अपराधों से जुड़े मामलों में कमी दर्ज की गई है, लेकिन जहां एक तरफ अपराध का यह ग्राफ घटा है तो वहीं चिंता की बात यह है कि हत्या के मामले तेजी से बढ़ें हैं. पिछले एक साल में राजस्थान का क्राइम रिकॉर्ड क्या कहता है. पढ़िए ये रिपोर्ट....

Action against illegal weapons, Latest hindi news of jaipur, डीजीपी एम.एल लाठर
साल 2020 में अपराधों में आई कमी, हत्या के बढ़े मामले
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Published : Jan 11, 2021, 5:13 PM IST

Updated : Jan 11, 2021, 5:24 PM IST

जयपुर. प्रदेश में बीते साल 2020 में कानून व्यवस्था की तस्वीरें कुछ हद तक कोरोना के चलते सामान्य रही, लेकिन हत्या और हत्या के प्रयास सहित अन्य मामले आंकड़ों से अलग नजर आए. भले ही राजस्थान पुलिस साल 2020 में हुए अपराधों के आंकड़ों की दुहाई देकर अपराध कम होने का दावा करती रहे, लेकिन डूंगरपुर में भीड़ की उन्मादी हिंसा जैसी घटनाओं से पूरा राजस्थान हिल गया. महिला अपराध के अलावा राज्य में हत्या, लूट और अन्य गंभीर प्रकृति के अपराध भी चर्चा में रहे.

साल 2020 में अपराधों में आई कमी, हत्या के बढ़े मामले

राजस्थान पुलिस के डीजीपी एम.एल लाठर ने प्रेसवार्ता कर साल 2020 में हुए अपराधों का ब्योरा पेश किया है. पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते साल 2019 की तुलना में 14.21% अपराध की कमी हुई है. वहीं हत्या के प्रकरणों में 3.62% और हत्या के प्रयास में 8.24% व्रद्धि हुई है. जिन क्षेत्रों में हत्या और हत्या के प्रयासों में व्रद्धि हुई है, वहां के SP और IG को इसके कारणों की समीक्षा करने के निर्देश दिए है, लेकिन कोविड के कारण उतपन्न आर्थिक-सामाजिक परिस्थितियों के कारणों को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता. हालांकि ऐसे अपराधों में आंशिक व्रद्धि है, ये हर्ष की बात है कि ऐसे जघन्य अपराधियो में चालानी प्रतिशत 97-99% रहा है.

डीजीपी ने बताया कि महिला अत्याचारों में साल 2020 में साल 2019 की तुलना में 16% की कमी आई है, लेकिन दहेज मृत्यु के प्रकरणों में 6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, प्रभावी मॉनिटरिंग के फलस्वरूप बलात्कार के प्रकरणों का औसत समय 274 से घटकर 126 दिन है, जिसे और कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

पढ़ें- आरएएस अधिकारी की बहन की हत्या मामले में सतीश पूनिया ने कहा- मुख्यमंत्री को कुर्सी बचाने से फुर्सत नहीं, जनता को क्या बचाएंगे

इसके अलावा बीते साल अवैध हथियारों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए आर्म्स एक्ट के अंतर्गत कुल 5,199 प्रकरण दर्ज किए गए. वहीं, 500 थानों पर महिला और बाल डेस्क के सुदृढ़ीकरण के लिए 5 करोड़ रुपए के संसाधन क्रय किए गए हैं.

वहीं, पुलिस महानिदेशक ने कहा कि राजस्थान पुलिस अपराधों की रोकथाम और कानून व्यवस्था की पालना के लिए जुटी हुई है. प्रदेश के युवाओं को नशे और अपराधों से दूर करने के लिए राजस्थान पुलिस ने विशेष अभियान शुरू किया है. जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए. आगे भी अपराधों की रोकथाम पर पुलिस विशेष काम करेगी. डीजीपी की मानें तो कानून व्यवस्था के लिहाज से भी साल 2020 ठीक रहा. प्रदेश में चुनिंदा घटनाओं को छोड़कर शांति व्यवस्था कायम रही, लेकिन कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस ने निरोधात्मक कार्रवाई में भी वृद्धि की है.

जयपुर. प्रदेश में बीते साल 2020 में कानून व्यवस्था की तस्वीरें कुछ हद तक कोरोना के चलते सामान्य रही, लेकिन हत्या और हत्या के प्रयास सहित अन्य मामले आंकड़ों से अलग नजर आए. भले ही राजस्थान पुलिस साल 2020 में हुए अपराधों के आंकड़ों की दुहाई देकर अपराध कम होने का दावा करती रहे, लेकिन डूंगरपुर में भीड़ की उन्मादी हिंसा जैसी घटनाओं से पूरा राजस्थान हिल गया. महिला अपराध के अलावा राज्य में हत्या, लूट और अन्य गंभीर प्रकृति के अपराध भी चर्चा में रहे.

साल 2020 में अपराधों में आई कमी, हत्या के बढ़े मामले

राजस्थान पुलिस के डीजीपी एम.एल लाठर ने प्रेसवार्ता कर साल 2020 में हुए अपराधों का ब्योरा पेश किया है. पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते साल 2019 की तुलना में 14.21% अपराध की कमी हुई है. वहीं हत्या के प्रकरणों में 3.62% और हत्या के प्रयास में 8.24% व्रद्धि हुई है. जिन क्षेत्रों में हत्या और हत्या के प्रयासों में व्रद्धि हुई है, वहां के SP और IG को इसके कारणों की समीक्षा करने के निर्देश दिए है, लेकिन कोविड के कारण उतपन्न आर्थिक-सामाजिक परिस्थितियों के कारणों को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता. हालांकि ऐसे अपराधों में आंशिक व्रद्धि है, ये हर्ष की बात है कि ऐसे जघन्य अपराधियो में चालानी प्रतिशत 97-99% रहा है.

डीजीपी ने बताया कि महिला अत्याचारों में साल 2020 में साल 2019 की तुलना में 16% की कमी आई है, लेकिन दहेज मृत्यु के प्रकरणों में 6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, प्रभावी मॉनिटरिंग के फलस्वरूप बलात्कार के प्रकरणों का औसत समय 274 से घटकर 126 दिन है, जिसे और कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

पढ़ें- आरएएस अधिकारी की बहन की हत्या मामले में सतीश पूनिया ने कहा- मुख्यमंत्री को कुर्सी बचाने से फुर्सत नहीं, जनता को क्या बचाएंगे

इसके अलावा बीते साल अवैध हथियारों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए आर्म्स एक्ट के अंतर्गत कुल 5,199 प्रकरण दर्ज किए गए. वहीं, 500 थानों पर महिला और बाल डेस्क के सुदृढ़ीकरण के लिए 5 करोड़ रुपए के संसाधन क्रय किए गए हैं.

वहीं, पुलिस महानिदेशक ने कहा कि राजस्थान पुलिस अपराधों की रोकथाम और कानून व्यवस्था की पालना के लिए जुटी हुई है. प्रदेश के युवाओं को नशे और अपराधों से दूर करने के लिए राजस्थान पुलिस ने विशेष अभियान शुरू किया है. जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए. आगे भी अपराधों की रोकथाम पर पुलिस विशेष काम करेगी. डीजीपी की मानें तो कानून व्यवस्था के लिहाज से भी साल 2020 ठीक रहा. प्रदेश में चुनिंदा घटनाओं को छोड़कर शांति व्यवस्था कायम रही, लेकिन कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस ने निरोधात्मक कार्रवाई में भी वृद्धि की है.

Last Updated : Jan 11, 2021, 5:24 PM IST
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