जयपुर. कचरा संग्रहण करने वाली गाड़ियों की स्वतंत्र निगरानी के लिए निगम व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम विकसित कर रहा. जिसके तहत डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाले हूपर किस क्षेत्र में जा रहे हैं और वहां कितनी देर ठहर रहे हैं इसकी मॉनिटरिंग की जा सकेगी. ताकि कचरा संग्रहण व्यवस्था को लेकर आने वाली शिकायतों का समाधान किया जा सके.
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शहर में बीवीजी कंपनी को सफाई व्यवस्था का काम सौंपा गया है, लेकिन कंपनी तय मापदंडों पर खरी नहीं उतर रही. यही वजह है कि अब बीवीजी के काम की आईटी बेस्ड मॉनिटरिंग करने का प्लान बनाया गया है. इसके साथ ही रोडसाइड कचरा डिपो की संख्या कम करने का भी प्रयास शुरू किया जा रहा है. निगम प्रशासन के अनुसार कचरा संग्रहण करने वाले हूपर्स को लेकर अक्सर शिकायत प्राप्त होती है. नियमितता का अभाव, कुछ गलियों से कचरा उठाने और कुछ को छोड़ देने की भी शिकायत मिलती है.
ऐसे में इन शिकायतों को प्रभावी रूप से दूर करने के लिए और नियंत्रित करने के लिए सभी गाड़ियों में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगाने का निर्णय लिया है. जिससे डोर टू डोर कचरा संग्रहण के काम की मॉनिटरिंग हो सके और लोगों को राहत मिल सके. वीटीएस के जरिए हूपर को वर्किंग टाइम में ट्रैक किया जा सकेगा कि वो किस गली में जा रहा है. गाड़ी का कितनी देर ठहराव हुआ है और उस क्षेत्र में मौजूद घरों को कवर किया गया है या नहीं.
हालांकि बीवीजी कंपनी के साथ किए गए अनुबंध में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम का भी प्रावधान है. इस पर स्वास्थ्य उपायुक्त आशीष कुमार ने कहा कि उनका जीपीएस सिस्टम काम कर रहा है, लेकिन उसकी भी अमूमन शिकायत मिलती है. ऐसे में निगम अब अपने स्तर पर सिस्टम डेवलप कर स्वतंत्र निगरानी करेगा.
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बीवीजी कंपनी के पास डोर टू डोर कचरा संग्रहण से लेकर कचरे को डिस्पोज करने तक की व्यवस्था है. हर स्टेज पर काम की संतुष्टि का लेवल अलग-अलग है और जिस हिसाब से काम का वेरिफिकेशन होता है, उसी हिसाब से उनका पेमेंट होता है. अब आईटी बेस्ड मॉनिटरिंग कर इसे बेहतर करने की कवायद शुरू की जा रही है.