जयपुर. पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने लोकसभा में भूतपूर्व सैनिकों के लिए योजनाओं से संबंधित सवाल पूछे. उन्होंने पूछा भूतपूर्व सैनिकों के लिए उन योजनाओं सहित जिनमें उनके लिए आरक्षण उपलब्ध है और कितनी योजनाएं चालू हैं? राजस्थान में ऐसी कितनी योजनाएं चालू हैं? इन योजनाओं में भूतपूर्व सैनिकों के लिए कितने प्रतिशत आरक्षण उपलब्ध है? कितने प्रतिशत भूतपूर्व सैनिकों को फिर से रोजगार दिया गया है और कितने प्रतिशत गैर-भूतपूर्व सैनिकों को भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित रिक्तियों पर नियुक्त किया गया है और भूतपूर्व सैनिकों की कम पुनर्नियोजन दर के कारण क्या हैं?
सांसद कर्नल राज्यवर्धन द्वारा पूछे गए सवालों का रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री श्रीपद नाईक ने जवाब दिया कि तीनों सशस्त्र बल सेनाओं के भूतपूर्व सैनिकों को पुनर्वास के अवसर उपलब्ध कराने के लिए पुनर्वास महानिदेशालय द्वारा प्रायोजित सुरक्षा एजेंसी स्कीम, ईएमएस कोयला लदान और परिवहन स्कीम एवं टिपर अटैचमेंट सकीम, युद्ध विधवाओं और निशुल्क सैनिकों के लिए टिपर अटैचमेंट स्कीम, सीएनजी स्टेशनों का प्रबंधन, बीपीसीएल/आईओसीएल कम्पनी स्वामित्व कम्पनी संचालित आउटलेटों/रिटेल पम्पों का आवंटन, एनसीआर में मदर डेयरी दुग्ध बूथों और फल एवं सब्जी दुकानों का आवंटन, नियमित एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप का आवंटन एवं रिटेल आउटलेट डीलरशिप (डीजल/पेट्रोल) आदि भूतपूर्व सैनिक पुनर्वास स्कीमें हैं.
केंद्रीय सैनिक बोर्ड ईएसएम/विधवाओं/युद्ध विधवाओं और उनके आश्रितों के लिए गरीबी अनुदान, शिक्षा अनुदान, अफसर कैडेट अनुदान, निशक्त बच्चों के लिए अनुदान (निशक्तता 10 प्रतिशत), गृह मरम्मत अनुदान, बेटी की शादी के लिए अनुदान, विधवा पुनर्विवाह अनुदान, अन्त्येष्टि अनुदान, चिकित्सा उपचार अनुदान, अनाथ अनुदान, विधवाओं के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण अनुदान, होम लोन पर सब्सिडी, प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना आदि कल्याण स्कीमें चला रहा है.
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सीएनजी स्टेशनों का प्रबंधन और एनसीआर में मदर डेयरी दुग्ध बूथों और फल एवं सब्जी दुकानों का आवंटन को छोड़कर पुनर्वास महानिदेशालय की सभी स्कीमें सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के लिए हैं. केंद्रीय सैनिक बोर्ड की सभी कल्याण स्कीमें सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के लिए हैं.
इनके अतिरिक्त राजस्थान सरकार द्वारा 18 विभिन्न प्रकार के लाभ दिए जाते है, जिनमें वीरता पुरस्कार विजेताओं को नकद/भूमि/वार्षिक भत्ता/एकमुश्त लाभ, द्धितीय विश्वयुद्ध के वेटरन और विधवाओं को जिन्हें कोई पेंशन नहीं मिलती. इन्हें प्रतिमाह 10,000 रूपये की वित्तिय सहायता, ग्राम पंचायतों में भूतपूर्व सैनिकों के लिए रिहायशी प्लाॅटों का प्रावधान, भूतपूर्व सैनिकों/सेवारत सैनिकों के लिए 10 एकड़ तक बरानी या सीवेचक भूमि का आवंटन, राज्य सरकार ने संविदात्मक आधार पर सरकारी स्थापनाओं में भूतपूर्व सैनिकों के रोजगार के लिए राजस्थान भूतपूर्व सैनिक निगम लिमिटेड निगम की स्थापना की है.
युद्ध विधवाओं और बच्चों के लिए 25 लाख रुपए, जिसमें से 5 लाख रुपए की तत्काल सहायता और 25 बीघा जमीन इंदिरा गांधी नहर परियोजना में विधवाओं को दिया जाएगा. या 25 लाख रुपए इनमें से 5 लाख रुपए की तुरंत राहत और एमआईजी हाउसिंग बोर्ड आवास. या 50 लाख रुपए इसमें से 5 लाख रुपए की तुरंत सहायता, विधवाओं और आश्रितों बड़े बच्चों के लिए मुफ्त रोडवेज पास दिया जाएगा.
सरकारी कार्यालय में सम्मान के लिए युद्ध विधवाओं को विशेष पहचान पत्र, युद्ध निशक्त भूतपूर्व सैनिकों को पांच लाख रुपए नकद और 25 बीघा जमीन या 30 लाख रुपए, स्थायी रूप से अक्षम युद्ध हताहतों को खुद उन्हें या उनके आश्रितों को स्तर-10 तक रोजगार आदि प्रमुख हैं. युद्ध विधवाओं और निशक्त सैनिकों के लिए टिपर अटैचमेंट स्कीम जो केवल युद्ध विधवाओं और 50 प्रतिशत या अधिक निशक्त सैनिकों के लिए है. 31 दिसंबर 2019 तक समूह क, ख, ग और घ में कुल रोजगार का 3.9 प्रतिशत भूतपूर्व सैनिकों को दिया गया.