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REET paper leak case 2021 : किरोड़ी लाल मीणा ने राजीव गांधी स्टडी सर्किल और मंत्री सुभाष गर्ग पर उठाए सवाल, 10-10 लाख में प्रश्न बेचने का आरोप - राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा

राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने रीट पेपर लीक प्रकरण के मामले में अहम खुलासे करते हुए CBI से जांच कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि गांधीयन इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइन्स एंड गुड गवर्नेस को 100 करोड़ रुपये दिए और इसकी आड़ में पैसों को इधर-उधर किया गया. उन्होंने मंत्री सुभाष गर्ग पर परीक्षा की गोपनीयता भंग करने का आरोप लगाया.

राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा
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Published : Jan 30, 2022, 5:20 PM IST

जयपुर. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने रविवार को निजी होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रीट पेपर लीक प्रकरण के मामले में एक बार फिर कई अहम खुलासे करते हुए इस मामले की जांच CBI से कराने की मांग की. मीणा ने राजस्थान में राजीव गांधी स्टडी सर्किल पर भी सवाल उठाए.

मंत्री सुभाष गर्ग ने किया करोड़ों रुपए का घालमेल- किरोड़ी लाल मीणा

रीट पेपर लीक प्रकरण के मामले में खुलासा करते हुए राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि राजीव गांधी स्टडी सर्किल के चेयरपर्सन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत है और इसके नेशनल कोडिनेटर के रूप में मंत्री सुभाष गर्ग जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि गांधीयन इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइन्स एंड गुड गवर्नेस को 100 करोड़ रुपए दिए गए हैं. इस जनता के पैसे से राजीव गांधी स्टडी सर्किल चल रहा है. गांधी जी की विचारधारा की आड़ में करोड़ों रुपयों को इधर-उधर किया गया है. करोड़ों रुपए के इस घालमेल को मंत्री सुभाष गर्ग ने अंजाम दिया है.

किरोड़ी लाल मीणा ने रीट पेपर लीक प्रकरण के मामले में किए अहम खुलासे

सुभाष गर्ग पर परीक्षा की गोपनीयता भंग करने का आरोप

मीणा ने कहा कि रीट परीक्षा में जो कोऑर्डिनेटर लगाए गए हैं वह मंत्री सुभाष घर के कहने पर ही लगाए गए हैं. यह कोऑर्डिनेटर राजीव गांधी स्टडी सर्किल में कोऑर्डिनेटर है. जिन शिक्षकों को सेंटर पर ऑब्जर्वर लगाया गया वह उसी सेंटर में कार्यरत थे. पेपर प्रिंटिंग का काम कोलकाता की प्रिंटिंग प्रेस एजेंसी को दिया गया था. परीक्षा की गोपनीयता को भंग करने में मंत्री डॉक्टर सुभाष गर्ग का हाथ रहा है. मीणा ने कहा कि जारोली पर दबाव बनाया गया और डॉक्टर सुभाष गर्ग और सीएमओ के अधिकारी के कहने पर कोलकाता की प्रिंटिंग प्रेस एजेंसी को प्रिंटिंग का काम दिया गया.

यह भी पढ़ें- REET paper leak case 2021 : कॉलेज आयुक्तालय तक पहुंची REET पेपर आउट की आग, दो शिक्षक निलंबित

10-10 लाख रुपयों में ढाई हजार अभ्यर्थियों को बांटा गया पेपर

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक बड़े नेता ने 2000 प्रश्नों की एक सूची दी और उसी में से रीट का पेपर बनाने का दबाव बनाया गया. यह 2000 प्रश्नों का पेपर 10-10 लाख रुपयों में ढाई हजार अभ्यर्थियों को बांटा गया है. मीणा ने कहा कि यदि पेपर रद्द कर दिया गया तो वे अभ्यर्थी सड़क पर उतरेंगे इसलिए पेपर को निरस्त नहीं किया जा रहा है. राजीव गांधी स्टडी सर्किल के पदाधिकारियों ने ही पेपर लीक किया है. उन्होंने मंत्री डॉ सुभाष गर्ग को बर्खास्त करने की मांग की. एसओजी पर राजनीतिक दबाव है इसलिए रीट पेपर लीक प्रकरण की जांच सीबीआई से कराई जाए.

यह भी पढ़ें- CM Gehlot on DP Jaroli Dismissal : हर गलती कीमत मांगती है, विधानसभा में लाया जाएगा नकल रोकने का विधेयक

सचिन पायलट दिल्ली तक उठाएं ये मुद्दा

मीणा ने कहा कि यह मामला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है. उनको इस पूरे मामले में सीबीआई जांच करानी चाहिए ताकि उनकी छवि साफ-सुथरी बनी रहे. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट चुप है यह मेरी समझ में नहीं आ रहा, उन्हें यह मुद्दा दिल्ली तक उठाना चाहिए. अक्सर यह देखा जाता है कि इस तरह के मामलों में सचिन पायलट अपना पक्ष जरूर रखते हैं.

जयपुर. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने रविवार को निजी होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रीट पेपर लीक प्रकरण के मामले में एक बार फिर कई अहम खुलासे करते हुए इस मामले की जांच CBI से कराने की मांग की. मीणा ने राजस्थान में राजीव गांधी स्टडी सर्किल पर भी सवाल उठाए.

मंत्री सुभाष गर्ग ने किया करोड़ों रुपए का घालमेल- किरोड़ी लाल मीणा

रीट पेपर लीक प्रकरण के मामले में खुलासा करते हुए राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि राजीव गांधी स्टडी सर्किल के चेयरपर्सन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत है और इसके नेशनल कोडिनेटर के रूप में मंत्री सुभाष गर्ग जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि गांधीयन इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइन्स एंड गुड गवर्नेस को 100 करोड़ रुपए दिए गए हैं. इस जनता के पैसे से राजीव गांधी स्टडी सर्किल चल रहा है. गांधी जी की विचारधारा की आड़ में करोड़ों रुपयों को इधर-उधर किया गया है. करोड़ों रुपए के इस घालमेल को मंत्री सुभाष गर्ग ने अंजाम दिया है.

किरोड़ी लाल मीणा ने रीट पेपर लीक प्रकरण के मामले में किए अहम खुलासे

सुभाष गर्ग पर परीक्षा की गोपनीयता भंग करने का आरोप

मीणा ने कहा कि रीट परीक्षा में जो कोऑर्डिनेटर लगाए गए हैं वह मंत्री सुभाष घर के कहने पर ही लगाए गए हैं. यह कोऑर्डिनेटर राजीव गांधी स्टडी सर्किल में कोऑर्डिनेटर है. जिन शिक्षकों को सेंटर पर ऑब्जर्वर लगाया गया वह उसी सेंटर में कार्यरत थे. पेपर प्रिंटिंग का काम कोलकाता की प्रिंटिंग प्रेस एजेंसी को दिया गया था. परीक्षा की गोपनीयता को भंग करने में मंत्री डॉक्टर सुभाष गर्ग का हाथ रहा है. मीणा ने कहा कि जारोली पर दबाव बनाया गया और डॉक्टर सुभाष गर्ग और सीएमओ के अधिकारी के कहने पर कोलकाता की प्रिंटिंग प्रेस एजेंसी को प्रिंटिंग का काम दिया गया.

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10-10 लाख रुपयों में ढाई हजार अभ्यर्थियों को बांटा गया पेपर

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक बड़े नेता ने 2000 प्रश्नों की एक सूची दी और उसी में से रीट का पेपर बनाने का दबाव बनाया गया. यह 2000 प्रश्नों का पेपर 10-10 लाख रुपयों में ढाई हजार अभ्यर्थियों को बांटा गया है. मीणा ने कहा कि यदि पेपर रद्द कर दिया गया तो वे अभ्यर्थी सड़क पर उतरेंगे इसलिए पेपर को निरस्त नहीं किया जा रहा है. राजीव गांधी स्टडी सर्किल के पदाधिकारियों ने ही पेपर लीक किया है. उन्होंने मंत्री डॉ सुभाष गर्ग को बर्खास्त करने की मांग की. एसओजी पर राजनीतिक दबाव है इसलिए रीट पेपर लीक प्रकरण की जांच सीबीआई से कराई जाए.

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सचिन पायलट दिल्ली तक उठाएं ये मुद्दा

मीणा ने कहा कि यह मामला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है. उनको इस पूरे मामले में सीबीआई जांच करानी चाहिए ताकि उनकी छवि साफ-सुथरी बनी रहे. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट चुप है यह मेरी समझ में नहीं आ रहा, उन्हें यह मुद्दा दिल्ली तक उठाना चाहिए. अक्सर यह देखा जाता है कि इस तरह के मामलों में सचिन पायलट अपना पक्ष जरूर रखते हैं.

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