जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से लागू अग्निपथ योजना के विरोध में आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने लगातार केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है (MP Hanuman Beniwal targeted Modi government). अब उन्होंने सरकार पर सेना का प्राइवेटाइजेशन करने का आरोप लगाते हुए रेजीमेंट्स खत्म करने की भी आशंका जताई है.
उन्होंने कहा कि 4 साल की नौकरी में उस जवान की ना तो देश के प्रति कोई भावना होगी, वो सिर्फ ये सोच कर सेना में जाएगा कि उसे 4 साल समय निकालना है. वो अधिकारियों का कहना नहीं मानेगा, फौज में अनुशासनहीनता होगी. इनमें से 25 फीसदी परमानेंट होंगे, वो सूबेदार/ कैप्टन/ मेजर की चमचागिरी में व्यस्त होंगे. जिससे वो परमानेंट हो सकें और जो 75 फीसदी बाहर आएगा जिसकी ना कोई पेंशन है ना कोई ठिकाना, वो नक्सलवादी हो जाएगा, गैंगवार की घटनाएं बढ़ेगी और देश सुलग उठेगा. उन्होंने इसके विरोध में 27 जून को एक लाख से ज्यादा जवान जोधपुर में जुट कर शक्ति प्रदर्शन करने का ऐलान किया.
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हनुमान बेनीवाल ने अग्निपथ योजना को टीओडी बताया: बेनीवाल ने केंद्र सरकार की इस योजना को टीओडी (टूर ऑफ ड्यूटी) करार दिया. बेनीवाल ने आरोप लगाया कि धीरे-धीरे भारतीय जनता पार्टी और एनडीए की सरकार ने जितने भी सरकारी संस्थान थे, उनको प्राइवेट सेक्टर में कर रही है. उन्होंने कहा कि पहले किसानों के खिलाफ काले कानून लाए और हजारों किसानों की शहादत के बाद प्रधानमंत्री को झुकना पड़ा. तीनों बिल वापस लिए. उन्होंने कहा कि लगता है किसान आंदोलन में जो सरकार की किरकिरी हुई उसका बदला लेने के लिए सेना को भी टूरिस्म बना दिया.
क्योंकि सबसे ज्यादा किसान के बेटे सेना की नौकरी के अंदर जाते हैं, और किसान आंदोलन के अंदर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान के इलाके थे. हनुमान बेनीवाल ने आरोप लगाया कि सरकार को अधिकारियों ने कोई सलाह दी थी, उसके आधार पर ये योजना लेकर आए हैं. अब सेना को भी ठेके प्रथा और संविदा पर चलाने का निर्णय लिया है. देश ही नहीं पूरे विश्व के अंदर इतिहास बनेगा. बेनीवाल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री की भूल से हिंदुस्तान में सेना में जाने के लिए लालायित किसान की बेटे ये सोचने के लिए मजबूर हो गए कि इससे अच्छा तो अंग्रेजों का राज था.
अंग्रेजों के राज और इस राज में कोई अंतर नजर नहीं आ रहा. बेनीवाल ने कहा कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने जवानों के साथ मैदान में आने का निर्णय लिया. उन्होंने अपील की कि नौजवान हिंसा का रास्ता अख्तियार ना करें.
सरकार वापस ले फैसलाः बेनीवाल ने कहा कि इस फैसले को सरकार वापस ले, अन्यथा 2024 में 'मोदीजी' के वापस आने का सपना देश के जवान चूर कर देंगे. बेनीवाल ने आरोप लगाया कि सत्ता में आने पर लोगों की उम्मीद थी कि सेना और अर्धसैनिक बल के जवान शहीद नहीं होंगे. लेकिन यूपीए के समय में जो शहादत होती थी, उससे ज्यादा शहीद किसान के बेटे इस 8 साल में हुए हैं.
बेनीवाल ने कहा लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ना हैं: उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि सेना से 4 साल बाद जो आएगा उसे अडानी, अंबानी के यहां सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी पर रख देंगे. गृहमंत्री ने कहा है कि इनमें से पैरामिलिट्री फोर्स में 10 फीसदी की भर्ती कर देंगे. जबकि पैरामिलिट्री फोर्स में पहले ही भूतपूर्व सैनिकों का आरक्षण होता है. हनुमान बेनीवाल ने कहा लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ना है. दिल्ली की सरकार को झुकाना है.
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सरकार रेजिमेंट खत्म करना चाहती है: उन्होंने सरकार की कथनी और करनी में अंतर बताते हुए आशंका जताई कि सरकार तमाम रेजिमेंट खत्म करना चाहती है. लेकिन रेजिमेंट को यदि खत्म कर दोगे, तो देश कैसे चलेगा. उन्होंने कहा कि आरएलपी देश के जवानों के साथ है. बेनीवाल ने कहा कि 27 जून को जोधपुर से एक लाख से ज्यादा जवान शक्ति प्रदर्शन करेंगे. इस फैसले के खिलाफ ताकत दिखाएंगे. आरएलपी जोधपुर के बाद जयपुर में कूच करेंगी. सभी संभाग और जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करेंगे और आवश्यकता पड़ी तो फिर दिल्ली कूच करेंगे. बेनीवाल ने कहा कि जरूरत पड़ी तो रेलवे ट्रैक पर भी जाएंगे, हाईवे भी जाम करेंगे, आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे. सवाल किसान के बाद जवान का है, जवान नहीं बचा तो देश नहीं बचेगा.
कांग्रेस पर भी साधा निशानाः बेनीवाल ने कांग्रेस पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि 3 दिन बाद कांग्रेस को याद आया कि देश का जवान तकलीफ में है. कल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, लेकिन 3 दिन पहले जब सारे नेता दिल्ली में थे, उसी दौरान राजनाथ सिंह ने योजना लागू कर दी थी. तब एक भी कांग्रेसी का बयान नहीं आया. जब सोशल मीडिया पर ये मुद्दा उठा, तब वोट बैंक ना खिसक जाए, इस डर से वो विरोध में उतरे. लेकिन उनकी अपील है कि पॉलीटिकल माइलेज देने के बजाय सभी देश के जवान के लिए साथ आएं. जवान के सम्मान में आरएलपी मैदान में है. इस दौरान यदि लोकसभा का सत्र चला तो वहां भी आरएलपी सेना के लिए बात रखेगी.
हनुमान बेनीवाल ने पत्रकार वार्ता में 1962 के युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि तब 'नेहरूजी' की भूल थी या दूसरी भूल रही कि आजादी के बाद मजबूत अस्त्र-शस्त्र तैयार नहीं किए गए. इसका परिणाम भुगतना पड़ा, चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा कर लिया. हालांकि अब सेना के पास तमाम लाव लश्कर है.
गिर्राज सिंह को बड़बोले मंत्री बताया: इस दौरान केंद्रीय मंत्री गिर्राज सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि वो देश के बड़बोले मंत्री हैं. उन्हें ज्यादा ज्ञान नहीं है. वो सिर्फ हिंदू- हिंदू करते हैं इसलिए उन्हें मंत्री बना रखा है.
उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इनकी मिला-जुली का खेल है. बेनीवाल का आरोप है कि मोदी और कांग्रेस की यही प्लानिंग है कि तीसरा कोई नया खड़ा ना हो. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि वो अपने अलावा किसी और की तारीफ सुनना नहीं चाहते. वो कहते हैं कि 70 साल से ऊपर वालों को टिकट नहीं देंगे, तो वो खुद भी 70 साल से ऊपर के हैं, तो कम से कम खुद पर तो निर्णय कर लें. वो सांसदों को एक टीचर की तरह डांट देते हैं.
बेनीवाल ने आंदोलन से आम जनता को होने वाली परेशानी को लेकर कहा कि उनके आंदोलन से नहीं, लोग तो पहले ही परेशान हैं. बेनीवाल ने आरोप लगाया कि आम आदमी टोल दे रहा है, बढ़ी हुई बिजली के बिल आ जाते हैं, ना पीने का पानी मिल रहा, ना कानून का राज है. पेट्रोल डीजल 100 रुपए के पार चला गया है. उसी आम आदमी, किसान, जवान के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं.