जयपुर. मकर संक्रांति के अवसर पर राजधानी में सुबह से ही दान पुण्य के साथ पतंगबाजी का दौर शुरू हुआ. राजनेता भी अपने-अपने अंदाज में मकर सक्रांति का पर्व मनाते दिखे. हाल ही में कैबिनेट में शामिल हुए पीएचईडी मंत्री डॉ. महेश जोशी ने भी परिजनों के साथ मकर सक्रांति का उत्सव (Happy Makar Sankranti 2022) मनाया. इस दौरान उन्होंने जयपुर के इतिहास और धर्म निरपेक्ष संस्कृति को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत की. साथ ही हैरिटेज नगर निगम में चल रही सियासी उठापटक को लेकर कांग्रेस की गलती स्वीकारते हुए, इसी महीने समितियों का गठन कर निर्दलीय पार्षदों को संतुष्ट करने की बात भी कही.
जयपुर में आज भी पुरानी संस्कृति जीवंत है
जयपुर से दो बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके डॉ. महेश जोशी ने मकर सक्रांति पर्व पर जयपुर वासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ये जयपुर वासियों का प्यार और समर्थन है, जिसकी वजह से वो आज कई उपलब्धियां हासिल कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि जयपुर सभी धर्मों का शहर है. यहां आज भी पुरानी संस्कृति जीवंत है. जितने तीज त्योहार (Most of festivals are celebrated in Jaipur) जयपुर में मनाए जाते हैं, शायद देश के किसी अन्य शहर में नहीं मनाए जाते. यहां सभी त्योहार को जयपुर के अंदाज में मनाया जाता है. जहां तक बात मकर सक्रांति पर्व की है तो प्राचीन समय से ही उत्तरायण सूर्य का बहुत महत्व है. जयपुर में पतंगबाजी, तर्पण करना, दान दक्षिणा करने का दौर रहता है. मकर सक्रांति ही एक ऐसा पर्व है, जिसे सबसे ज्यादा विधियों से मनाया जाता है.
पतंगबाजी का नहीं है शौक
वहीं, शहर की पतंगबाजी को लेकर डॉ. महेश जोशी ने कहा कि उन्हें पतंगबाजी का शुरू से ही शौक नहीं है और अब आबादी भी बढ़ गई है. चिंता ये रहती है कि पतंगबाजी से किसी पक्षी को या कोई राह चलता व्यक्ति घायल न हो जाए. उन्होंने अपने एक मित्र के साथ हुई दुर्घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वो ये नहीं कहते की पतंगबाजी न करें, लेकिन यदि पतंगबाजी कर रहे हैं तो उसमें सुरक्षा और एहतियात बरतने की आवश्यकता है. लापरवाही खुद पर और दूसरों पर भारी पड़ सकती है. पतंगबाजी के लिए एक समय भी निश्चित होना चाहिए.
हेरिटेज निगम में अब तक समितियां नहीं बनाया जाना हमारी चूक
वहीं, वर्तमान में शहर की राजनीति को लेकर चल रही सियासी उठापटक को लेकर महेश जोशी ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपने मन की बात कहने का पूरा अधिकार है. हेरिटेज निगम में कांग्रेस के पास बहुमत नहीं था. 9 निर्दलीय पार्षदों ने समर्थन दिया तो कांग्रेस की मेयर बनी. विभिन्न कारणों से अब तक समितियां नहीं बन पाई है. इसमें कांग्रेस की चूक रही है. लेकिन इस महीने में समितियों का गठन कर निर्दलीय पार्षदों की शिकायतों को दूर करते हुए, उन्हें संतुष्ट किया जाएगा.
चूंकि, जयपुर में मकर सक्रांति के दिन पंचांग पाठन का भी इतिहास रहा है. लोगों को शहर के भविष्य के बारे में जानने की एक उत्सुकता रहती थी. वर्तमान परिपेक्ष में बतौर राजनेता डॉ. महेश जोशी ने कहा कि जयपुर ज्ञान का बड़ा केंद्र रहा है. यहां वेद शालाओं, पंचांग पाठन का भी बड़ा महत्व रहा है. उन्होंने कहा कि जैसा आज का दिन अच्छा लग रहा है, उसी तरह पूरा साल अच्छा रहेगा. पूरे साल सभी जनप्रतिनिधि और मंत्री प्रदेशवासियों की भरपूर सेवा करेंगे और आवश्यकता पड़ने पर नई नीतियां भी बनाएंगे.