जयपुर. प्रदेश में लोकसभा चुनाव के तहत पहले चरण में 13 लोकसभा सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान हो चुका है. इस बार मतदान का प्रतिशत 68. 22 रहा. जो पिछले लोकसभा चुनाव से करीब 4 फीसदी ज्यादा है. लगातार ईवीएम की शिकायत करने वाली कांग्रेस ने इस बार अपना खुद का वॉर रूम बनाकर प्रयास किया कि ईवीएम से छेड़छाड़ के चलते वो चुनाव ना हारे. और अपने सेट अप से पता लगाकर चुनाव आयोग को उसी समय बता दें कि कहां ईवीएम में खराबी है. और कहां पर अन्य किसी तरीके की परेशानी के चलते मतदान में गड़बड़ी हो रही है.
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में बने वॉर रूम में बैठे करीब 60 लोगों ने प्रदेश की 13 लोकसभा सीटों पर पूरी नजर रखी. शाम होते होते वॉर रूम के पास करीब 660 मतदान केंद्रों से अलग-अलग तरीके की शिकायतें आई. जिनको दूर करने के लिए कांग्रेस के नेताओं ने बीएलओ से लेकर कलेक्टर तक को यह शिकायतें पहुंचाई. और उन्हें दूर करवाया.
बात करें शिकायतों कि तो बूथ कैपचरिंग की 10 शिकायतें, पैसा देने की 10 शिकायतें, ईवीएम में कांग्रेस का बटन काम नहीं करने की 3 शिकायतें, कांग्रेस पोलिंग एजेंट नहीं होने की 3 शिकायतें, कांग्रेस वर्कर को धमकाने की 13 शिकायतें, ईवीएम काम नहीं करने की 92 शिकायतें, ईवीएम के धीरे चलने की 90 शिकायतें, फर्जी मतदान की 91 शिकायतें वॉर रूम को मिली.
वहीं सरकारी अधिकारियों द्वारा वोटर को भाजपा के पक्ष में वोट देने के लिए प्रभावित करने की 17 शिकायतें, भाजपा के पक्ष में वोट देने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं के द्वारा वोटर्स को प्रभावित करने की 53 शिकायतें, पोलिंग रूम में अंधेरा होने की 13 शिकायतें, वोट की अनुमति नहीं देने की 25 शिकायतें, बिना आईडी प्रूफ के वोट की अनुमति नहीं देने की 1 शिकायत और अन्य 92 शिकायतें दर्ज की गई. इसके अलावा अन्य शिकायतें भी वॉर रूम को मिली. जो चुनाव आयोग से लेकर कलेक्टर तक पहुंचा दी गई.
कांग्रेस का दावा है कि इन शिकायतों के मिलने के बाद उन्हें तुरंत प्रभाव से कांग्रेस के बूथ कार्यकर्ताओं ने सही भी करवा दिया. जिसके चलते कांग्रेस को इस बार किसी भी तरीके की फर्जी मतदान की आशंका नहीं है. वॉर रूम में सबसे ज्यादा शिकायतें 50 शिकायतें टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा से आई.