ETV Bharat / city

अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में 3 लाख करोड़ से अधिक के एमओयू : देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में बढ़ रहा राजस्थान - मुख्यमंत्री गहलोत

सीएम आवास पर वीडियो कांफ्रेंस के जरिए अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में (Rajasthan Renewable Energy Corporation) निवेशकों के साथ 3 लाख 5 हजार करोड़ के एमओयू और एलओयू हस्ताक्षर किए गए. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि निवेश को प्रोत्साहन देने की राज्य सरकार की नीतियों का परिणाम है कि आज राजस्थान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बन कर उभरा है.

author img

By

Published : Feb 8, 2022, 10:28 PM IST

Rajasthan Renewable Energy Corporation
Rajasthan Renewable Energy Corporation

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि निवेश को प्रोत्साहन देने की राज्य सरकार की नीतियों का परिणाम है कि आज राजस्थान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बन कर उभरा है. रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में देश-विदेश की जानी-मानी कंपनियां और इन्वेस्टर्स प्रदेश में निवेश के लिए आ रहे हैं. हमारा प्रयास है कि राजस्थान सोलर उपकरणों के मैन्यूफैक्चरिंग हब के रूप में भी विकसित हो. निवेशक इस दिशा में बढ़-चढ़कर अपनी रूचि दिखाएं. राज्य सरकार उन्हें भरपूर सहयोग देगी.

गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में (Rajasthan Renewable Energy Corporation) निवेशकों के साथ 3 लाख 5 हजार करोड़ के एमओयू और एलओआई हस्ताक्षर किए. इस निवेश से प्रदेश में करीब 90 हजार मेगावाट से अधिक अक्षय ऊर्जा का उत्पादन होगा. इस अवसर पर निवेशकों और राज्य सरकार के बीच हस्ताक्षरित एमओयू एवं एलओआई का आदान-प्रदान किया गया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस गति से राज्य में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में काम हो रहा है, वह दिन दूर नहीं जब राजस्थान देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में बड़ी भागीदारी निभाएगा. उन्होंने कहा कि अक्षय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बीते तीन साल में कई नीतिगत पहल की है. राजस्थान को रिन्यूएबल एनर्जी का हब बनाने के लिए हमारी सरकार ने नई सौर ऊर्जा नीति-2019 तथा विंड एंड हाइब्रिड एनर्जी पॉलिसी जारी की थी.

यह भी पढ़ें- Preventive Oncology Van in Rajasthan : अक्षय ऊर्जा निगम संभाग मुख्यालयों पर आधुनिक प्रिवेंटिव आंकोलॉजी वैन कराएगी उपलब्ध, कैंसर निदान में मिलेगी मदद...

निवेशकों को अनुकूल माहौल प्रदान करने के लिए रिप्स-2019, वन स्टॉप शॉप प्रणाली, एमएसएमई एक्ट जैसे नीतिगत निर्णय लिए गए. राज्य में ईज ऑफ र्डूइंग बिजनेस की दिशा में आगे बढ़ते हुए निवेश की राह में बाधाओं को दूर किया है. गहलोत ने कहा कि राज्य में उत्पादित ऊर्जा के ट्रांसमिशन के लिए मजबूत वितरण तंत्र विकसित किया गया है. भूमि की पर्याप्त उपलब्धता, मजबूत आधाभूत ढांचे और सरकार की अनुकूल नीतियों के चलते राजस्थान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया के लिए मिसाल बन रहा है.

यह भी पढ़ें- जयपुरः पीएम कुसुम योजना में राजस्थान के नाम जुड़ा नया कीर्तिमान, देश में सर्वाधिक सोलर प्लांट स्थापित

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सोलर उपकरण निर्माण को भी प्राथमिकता दे रही है. उन्होंने इस सेक्टर के निवेशकों का आह्वान किया कि वे आगे बढ़कर राजस्थान में अपनी इकाइयां स्थापित करें. सरकार उन्हें पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी. कार्यक्रम में राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के 5 सार्वजनिक उपक्रमों तथा निजी क्षेत्र की कम्पनियों के साथ 3 लाख 5 हजार करोड़ रूपए के 90 गीगावाट से अधिक क्षमता के एमओयू एवं एलओआई हस्ताक्षरित किए गए. इनमें एनटीपीसी की ओर से 40 हजार करोड़ की लागत से 10 गीगावाट, एनएचपीसी की ओर से 20 हजार करोड़ की लागत से 10 गीगावाट, सतलज जल विद्युत निगम की ओर से 50 हजार करोड़ रूपए की लागत से 10 गीगावाट पर हस्ताक्षर हुए.

यह भी पढ़ें- Jaipur News: अक्षय ऊर्जा में गीगावाट क्षमता की सोलर परियोजना होगी विकसित, हिस्साधारकों को 10 प्रतिशत मिलेगा लाभांश

इसी प्रकार टीएचडीसी इण्डिया लिमिटेड की ओर से 40 हजार करोड़ रूपए की लागत से 10 गीगावाट, एसईसीआई की ओर से 9 हजार करोड़ की लागत से 2 गीगावाट, रिलायंस समूह की ओर से 1 लाख करोड़ की लागत से 20 गीगावाट, एक्सिस एनर्जी समूह की ओर से 37 हजार करोड़ की लागत से 28 गीगावाट सोलर पार्क, सोलर प्रोजेक्ट और 4 गीगावाट सोलर मॉड्यूल मैन्यूफैक्चरिंग एवं सुखवीर एग्रो समूह की ओर से 2 गीगावाट एवं 100 मेगावाट क्षमता (बॉयोमास) के अक्षय ऊर्जा से संबंधित एमओयू और एलओआई शामिल हैं.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि निवेश को प्रोत्साहन देने की राज्य सरकार की नीतियों का परिणाम है कि आज राजस्थान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बन कर उभरा है. रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में देश-विदेश की जानी-मानी कंपनियां और इन्वेस्टर्स प्रदेश में निवेश के लिए आ रहे हैं. हमारा प्रयास है कि राजस्थान सोलर उपकरणों के मैन्यूफैक्चरिंग हब के रूप में भी विकसित हो. निवेशक इस दिशा में बढ़-चढ़कर अपनी रूचि दिखाएं. राज्य सरकार उन्हें भरपूर सहयोग देगी.

गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में (Rajasthan Renewable Energy Corporation) निवेशकों के साथ 3 लाख 5 हजार करोड़ के एमओयू और एलओआई हस्ताक्षर किए. इस निवेश से प्रदेश में करीब 90 हजार मेगावाट से अधिक अक्षय ऊर्जा का उत्पादन होगा. इस अवसर पर निवेशकों और राज्य सरकार के बीच हस्ताक्षरित एमओयू एवं एलओआई का आदान-प्रदान किया गया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस गति से राज्य में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में काम हो रहा है, वह दिन दूर नहीं जब राजस्थान देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में बड़ी भागीदारी निभाएगा. उन्होंने कहा कि अक्षय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बीते तीन साल में कई नीतिगत पहल की है. राजस्थान को रिन्यूएबल एनर्जी का हब बनाने के लिए हमारी सरकार ने नई सौर ऊर्जा नीति-2019 तथा विंड एंड हाइब्रिड एनर्जी पॉलिसी जारी की थी.

यह भी पढ़ें- Preventive Oncology Van in Rajasthan : अक्षय ऊर्जा निगम संभाग मुख्यालयों पर आधुनिक प्रिवेंटिव आंकोलॉजी वैन कराएगी उपलब्ध, कैंसर निदान में मिलेगी मदद...

निवेशकों को अनुकूल माहौल प्रदान करने के लिए रिप्स-2019, वन स्टॉप शॉप प्रणाली, एमएसएमई एक्ट जैसे नीतिगत निर्णय लिए गए. राज्य में ईज ऑफ र्डूइंग बिजनेस की दिशा में आगे बढ़ते हुए निवेश की राह में बाधाओं को दूर किया है. गहलोत ने कहा कि राज्य में उत्पादित ऊर्जा के ट्रांसमिशन के लिए मजबूत वितरण तंत्र विकसित किया गया है. भूमि की पर्याप्त उपलब्धता, मजबूत आधाभूत ढांचे और सरकार की अनुकूल नीतियों के चलते राजस्थान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया के लिए मिसाल बन रहा है.

यह भी पढ़ें- जयपुरः पीएम कुसुम योजना में राजस्थान के नाम जुड़ा नया कीर्तिमान, देश में सर्वाधिक सोलर प्लांट स्थापित

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सोलर उपकरण निर्माण को भी प्राथमिकता दे रही है. उन्होंने इस सेक्टर के निवेशकों का आह्वान किया कि वे आगे बढ़कर राजस्थान में अपनी इकाइयां स्थापित करें. सरकार उन्हें पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी. कार्यक्रम में राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के 5 सार्वजनिक उपक्रमों तथा निजी क्षेत्र की कम्पनियों के साथ 3 लाख 5 हजार करोड़ रूपए के 90 गीगावाट से अधिक क्षमता के एमओयू एवं एलओआई हस्ताक्षरित किए गए. इनमें एनटीपीसी की ओर से 40 हजार करोड़ की लागत से 10 गीगावाट, एनएचपीसी की ओर से 20 हजार करोड़ की लागत से 10 गीगावाट, सतलज जल विद्युत निगम की ओर से 50 हजार करोड़ रूपए की लागत से 10 गीगावाट पर हस्ताक्षर हुए.

यह भी पढ़ें- Jaipur News: अक्षय ऊर्जा में गीगावाट क्षमता की सोलर परियोजना होगी विकसित, हिस्साधारकों को 10 प्रतिशत मिलेगा लाभांश

इसी प्रकार टीएचडीसी इण्डिया लिमिटेड की ओर से 40 हजार करोड़ रूपए की लागत से 10 गीगावाट, एसईसीआई की ओर से 9 हजार करोड़ की लागत से 2 गीगावाट, रिलायंस समूह की ओर से 1 लाख करोड़ की लागत से 20 गीगावाट, एक्सिस एनर्जी समूह की ओर से 37 हजार करोड़ की लागत से 28 गीगावाट सोलर पार्क, सोलर प्रोजेक्ट और 4 गीगावाट सोलर मॉड्यूल मैन्यूफैक्चरिंग एवं सुखवीर एग्रो समूह की ओर से 2 गीगावाट एवं 100 मेगावाट क्षमता (बॉयोमास) के अक्षय ऊर्जा से संबंधित एमओयू और एलओआई शामिल हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.